नई दिल्ली : इंडिया गठबंधन में शामिल दलों ने सात राज्यों में हुए विधानसभा उपचुनाव में 13 सीटों में से 10 पर जीत हासिल की. उपचुनाव में जीत के बाद विपक्षी दलों में उत्साह का माहौल है. इसके विपरीत, भाजपा ने दो सीटें जीतीं, जबकि एक सीट निर्दलीय के खाते में गई. हालांकि उपचुनावों को जनता के मूड का संकेतक नहीं माना जाता है, लेकिन इंडिया गठबंधन के पक्ष में ये नतीजे हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के बाद आए हैं.
आम चुनाव में इंडिया गठंबधन लोकसभा की कुल 543 में से 232 सीटें जीतकर सरकार बनाने के करीब पहुंच गया था. हालांकि, भाजपा 240 सीटों के साथ अभी भी सबसे बड़ी पार्टी है और एनडीए को पूर्ण बहुमत मिला है. लोकसभा में अच्छे प्रदर्शन से विपक्षी दलों में आत्मविश्वास बढ़ा है और एनडीए के खिलाफ हमलावर भी है.
#WATCH | Bye Election to Assembly Constituencies: Congress workers and supporters celebrate in Dhaliara, Kangra as the party's candidate is leading on Dehra Assembly seat
— ANI (@ANI) July 13, 2024
Kamlesh Thakur, wife of Himachal Pradesh CM Sukhvinder Singh Sukhu is party's candidate from the Dehra… pic.twitter.com/5yL2BDODPw
कांग्रेस उपचुनाव में हिमाचल प्रदेश में दो सीटें और भाजपा शासित उत्तराखंड में भी दो सीटें जीतने सफल रही. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी ने राज्य की रायगंज, राणाघाट दक्षिण, मानिकतला और बागदा की चार सीटों पर कब्जा जमाया. आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब में जालंधर पश्चिम सीट जीतने में कामयाब रही. तमिलनाडु में डीएमके ने विक्रवंडी सीट जीती. बिहार में रूपौली सीट पर निर्दलीय ने जीत दर्ज की. कांग्रेस, टीएमसी, आप और डीएमके सभी इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं. इसके अलट, आक्रामक प्रचार के बावजूद भाजपा हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर सीट और मध्य प्रदेश में अमरवाड़ा सीट जीत पाई.
दो पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में विधानसभा उपचुनाव में जीत से कांग्रेस नेताओं के बीच खुशी की लहर है. उपचुनाव के नतीजे ने संकेत दिया कि मतदाता अभी भी हिमाचल में देश की सबसे पुरानी पार्टी का समर्थन कर रहे हैं और उत्तराखंड में पार्टी की ओर लौट रहे हैं. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने दोनों पहाड़ी राज्यों में खराब प्रदर्शन किया था.
तो विधानसभा चुनाव में हमारा समर्थन करेगी जनता...
कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि उपचुनाव में जीत से कांग्रेस कार्यकर्ता बहुत उत्साहित हैं. लोगों ने उपचुनाव में भाजपा की मनमानी के खिलाफ मतदान किया है. जनात ने बद्रीनाथ में कांग्रेस उम्मीदवार लखपत बुटोला को आशीर्वाद दिया और भाजपा के राजेंद्र भंडारी को सबक सिखाया, जो लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर भगवा पार्टी में शामिल हो गए थे.
उन्होंने आगे कहा कि लोगों ने मंगलौर सीट पर हमारे उम्मीदवार काजी निजामुद्दीन का स्वागत किया है, जहां मुस्लिम मतदाताओं पर भगवा पार्टी के गुंडों ने हमला किया था. पूर्व सीएम रावत ने कहा कि कांग्रेस को लोगों का संदेश है कि अगर पार्टी मजबूत और प्रभावी विपक्ष की भूमिका निभाती है, तो वे 2027 के विधानसभा चुनाव में हमारा समर्थन करेंगे. हम अब भाजपा सरकार का असली चेहरा उजागर करेंगे.
सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को मिलेगी स्थिरता
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा कि उपचुनाव में मतदाताओं ने भाजपा को कड़ा जवाब दिया है, जिसने कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की थी. ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उपचुनाव में दो सीटों पर जीत के बाद 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस की सीटों की संख्या बढ़कर 40 पहुंच गई है और इससे सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को स्थिरता मिलेगी, जिसे राज्यसभा चुनाव के अंतिम दौर में छह विधायकों के विद्रोह का सामना करना पड़ा था.
उन्होंने कहा कि भाजपा ने तीन निर्दलीयों सहित 9 विधायकों के इस्तीफे के लिए धनबल का इस्तेमाल किया, लेकिन उनमें से छह उपचुनाव हार गए. भाजपा ने इन छह लोगों का राजनीतिक करियर बर्बाद कर दिया. अब जनता ने भाजपा को कड़ा जवाब दिया है.
हिमाचल प्रदेश की देहरा सीट पर मुख्यमंत्री सुखू की पत्नी कमलेश ठाकुर ने जीत दर्ज की है. जालंधर पश्चिम उपचुनाव में सत्तारूढ़ आप, भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला बताया जा रहा था. यह सीट सीएम भगवंत मान के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई थी, जिन्होंने कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के प्रभुत्व वाले क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवार मोहिंदर भगत को उम्मीदवार बनाया था. पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह बराड़ ने उपचुनाव जीतने पर भगत को बधाई दी, लेकिन कहा कि उन्हें लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरना होगा.
अमरवाड़ा में कांग्रेस की हार से चिंता बढ़ी
कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि यह अच्छी बात है कि भाजपा पश्चिम बंगाल में हार गई, लेकिन मध्य प्रदेश के अमरवाड़ा में हार चिंता का विषय है, क्योंकि यह छिंदवाड़ा के अंतर्गत आता है जो पूर्व सीएम कमलनाथ का गढ़ है.