नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र की शुरुआत से पहले रविवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ केंद्र सरकार की बैठक हुई. 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद के दोनों सदनों के नेताओं की पहली बैठक में राजनाथ ने सभी नेताओं का स्वागत किया. कुल मिलाकर, बैठक में 41 राजनीतिक दलों के 55 नेताओं ने भाग लिया.
अपने उद्घाटन भाषण में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि संसद का बजट सत्र 22 जुलाई को शुरू होगा और यह 12 अगस्त को समाप्त हो सकता है. रिजिजू ने यह भी बताया कि यह सेशन मुख्य रूप से 2024-25 के केंद्रीय बजट से संबंधित वित्तीय कार्यों के लिए समर्पित होगा, जिसे 23 जुलाई को लोकसभा में पेश किया जाएगा. रिजिजू ने कहा, "हालांकि, सत्र के दौरान आवश्यक विधायी और अन्य कार्य भी किए जाएंगे."
पेश किया जाएगा जम्मू-कश्मीर का बजट
बता दें कि संसद के दोनों सदनों के पटल पर सोमवार को भारत का आर्थिक सर्वे रखा जाएगा. 23 जुलाई को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का 2024 का बजट भी पेश किया जाएगा. इस सत्र के दौरान विधायी कार्य के छह और वित्तीय कार्य के तीन मदों की पहचान की गई है.
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि सरकार सदन में प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के तहत संबंधित पीठासीन अधिकारियों द्वारा दी गई अनुमति के अनुसार किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए हमेशा तैयार है. उन्होंने संसद के दोनों सदनों के सुचारू संचालन के लिए सभी पार्टी नेताओं से सहयोग और समर्थन का अनुरोध किया.
बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा, विधि और न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ एल मुरुगन भी उपस्थित थे.
राजनाथ सिंह की विपक्ष से अपील
बैठक का समापन करते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमें संसद की कार्यवाही के दौरान इसकी पवित्रता बनाए रखनी चाहिए. उन्होंने कहा, "सरकार संसद के संबंधित सदनों के नियमों और संबंधित पीठासीन अधिकारियों के निर्णयों के अधीन इन सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है."
18वीं लोकसभा के दूसरे सत्र और राज्यसभा के 265वें सेशन के दौरान जिन विधेयकों पर विचार किए जाने की संभावना है, उनमें वित्त (संख्या 2) विधेयक, 2024, आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, बॉयलर विधेयक, भारतीय वायुयान विधेयक कॉफी (संवर्धन और विकास) विधेयक, रबर (संवर्धन और विकास) जैसे विधेयक शामिल हैं.
विपक्ष को पर्याप्त समय दिया जाए
सर्वदलीय बैठक के बाद रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के नेता एनके प्रेमचंद्रन ने कहा, "विपक्ष को पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए, ताकि विपक्ष के मुद्दे उजागर हो सकें और उत्तर प्रदेश में यात्रा मुद्दे और मॉब लिंचिंग पर संसद में चर्चा होनी चाहिए." वहीं, जेडीयू सांसद संजय कुमार झा ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए. उन्होंने कहा, "बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए, यह हमारी पार्टी (जेडीयू) की शुरू से मांग रही है."
इस बीच कांग्रेस सांसद के सुरेश ने लोकसभा में डिप्टी स्पीकर के पद का मुद्दा दोहराया. उन्होंने कहा, "हमने मुद्दा (डिप्टी स्पीकर का) उठाया...डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष का अधिकार है और इसी सत्र में डिप्टी स्पीकर का चुनाव होना चाहिए. बैठक में कांवड़ यात्रा, जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले और ट्रेन हादसों पर चर्चा हुई."
आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का हवाला देते हुए केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि ईडी और सीबीआई का खुलेआम दुरुपयोग हो रहा है, केजरीवाल को जेल में रखा गया है...मैंने यह पूरा मुद्दा उठाया, हमारे 2 मंत्रियों को गिरफ्तार करके जेल में रखा गया है, मैंने वह मुद्दा भी उठाया और नेमप्लेट लगाने का यह मामला भारत के संविधान के खिलाफ है.