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हरियाणा कांग्रेस में सबकुछ नहीं ठीक, AICC प्रभारी ने सौंपी रिपोर्ट, कांग्रेस आलाकमान ले सकता है एक्शन! - Haryana Congress - HARYANA CONGRESS

Haryana Congress : हरियाणा के AICC प्रभारी दीपक बाबरिया ने हाईकमान को एक रिपोर्ट सौंपी है. इस रिपोर्ट में उन्होंने दावा किया है कि पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता उनके कॉल और मैसेज का जवाब नहीं दे रहे हैं.

Kumari
कुमारी शैलजा (ANI)
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By Amit Agnihotri

Published : Jul 21, 2024, 7:45 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में टीम को एकजुट करने के लिए हस्तक्षेप कर सकते हैं. पार्टी सूत्रों के अनुसार हरियाणा के AICC प्रभारी दीपक बाबरिया ने हाईकमान को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें उन्होंने राज्य की टीम में एकता की कमी को चिन्हित किया है.

बाबरिया ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि कुछ वरिष्ठ नेता उनके कॉल और मैसेज का जवाब नहीं दे रहे हैं. प्रभारी ने कहा कि उनके कार्यभार संभालने से पहले भी हरियाणा यूनिट में ऐसे प्रतिद्वंद्वी खेमे मौजूद थे.

कांग्रेस नेताओं का शक्ति प्रदर्शन
यह इस बात से स्पष्ट है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा और एआईसीसी पदाधिकारी रणदीप सुरजेवाला के प्रतिद्वंद्वी खेमे आगामी चुनावों के लिए जनता का समर्थन जुटाने के नाम पर शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमे ने जहां अपने बेटे और रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में 'हरियाणा मांगे हिसाब' यात्रा शुरू की है. वहीं, कुमारी शैलजा का खेमा जुलाई के अंत तक एक और यात्रा शुरू करने की तैयारी में है.

यात्रा की प्लानिंग जारी
कुमारी शैलजा ने ईटीवी भारत से कहा, "हमारी यात्रा की डिटेल तैयार की जा रहा है. इसके जुलाई के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है. हम मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों को कवर करेंगे, जहां पार्टी को अधिक ध्यान देने की जरूरत है." लोकसभा चुनाव से पहले भी हरियाणा यूनिट के प्रतिद्वंद्वी खेमों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए अलग-अलग यात्राएं की थीं और केवल अपने-अपने क्षेत्रों में ही प्रचार किया था, जिसे एआईसीसी प्रभारी ने नोट किया था.

किरण चौधरी बीजेपी में शामिल
गौरतलब है कि हुड्डा विरोधी खेमे की एक प्रमुख सदस्य किरण चौधरी पहले ही भाजपा में शामिल हो चुकी हैं. वह इस बात से नाराज थीं कि हुड्डा के कहने पर भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट के लिए उनकी बेटी श्रुति चौधरी को लोकसभा का टिकट नहीं दिया गया. पिछले दिनों हुड्डा खेमे ने भाजपा सरकार के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया और इसे सभी 90 विधानसभा सीटों पर मतदाताओं तक ले जाने की योजना बनाई.

कुमारी शैलजा ने सार्वजनिक बयान जारी कर मांग की कि टिकटों के वितरण में कोई पक्षपात नहीं होना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि कार्यकर्ताओं में फूट पड़ रही है क्योंकि राज्य चुनाव जीतने के लिए सामूहिक प्रयास के बजाय एक खास खेमा फैसले ले रहा है. हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और भाजपा के पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने राज्य टीम में कथित मतभेदों को कमतर आंका.

'कांग्रेस के पास जीतने का अच्छा मौका'
हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और भाजपा के पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने राज्य टीम में कथित मतभेदों को कमतर आंकते हुए कहा कि कांग्रेस के पास जीतने का अच्छा मौका है, क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा को 10 साल की भारी सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है. राष्ट्रीय चुनावों में हमें जो बढ़त मिली थी, उसका असर राज्य के चुनावों में भी दिखेगा.

उन्होंने नेताओं की अलग-अलग राय पर कहा कि कांग्रेस ने लंबे समय तक राज्य पर शासन किया और उसके कई वरिष्ठ नेता हैं, जिनकी कार्यशैली अलग-अलग है. बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस मिलकर काम करेगी. पूर्व सांसद ने हाल ही में इनेलो-बसपा और आप के सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, "ये क्षेत्रीय दलों ने हताशापूर्ण कदम हैं और इससे कांग्रेस की संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा."

यह भी पढ़ें- 'किसी भी दिन गिर सकती है केंद्र सरकार', ममता-अखिलेश ने साधा निशाना, दिखाई एकजुटता

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में टीम को एकजुट करने के लिए हस्तक्षेप कर सकते हैं. पार्टी सूत्रों के अनुसार हरियाणा के AICC प्रभारी दीपक बाबरिया ने हाईकमान को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें उन्होंने राज्य की टीम में एकता की कमी को चिन्हित किया है.

बाबरिया ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि कुछ वरिष्ठ नेता उनके कॉल और मैसेज का जवाब नहीं दे रहे हैं. प्रभारी ने कहा कि उनके कार्यभार संभालने से पहले भी हरियाणा यूनिट में ऐसे प्रतिद्वंद्वी खेमे मौजूद थे.

कांग्रेस नेताओं का शक्ति प्रदर्शन
यह इस बात से स्पष्ट है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा और एआईसीसी पदाधिकारी रणदीप सुरजेवाला के प्रतिद्वंद्वी खेमे आगामी चुनावों के लिए जनता का समर्थन जुटाने के नाम पर शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमे ने जहां अपने बेटे और रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में 'हरियाणा मांगे हिसाब' यात्रा शुरू की है. वहीं, कुमारी शैलजा का खेमा जुलाई के अंत तक एक और यात्रा शुरू करने की तैयारी में है.

यात्रा की प्लानिंग जारी
कुमारी शैलजा ने ईटीवी भारत से कहा, "हमारी यात्रा की डिटेल तैयार की जा रहा है. इसके जुलाई के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है. हम मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों को कवर करेंगे, जहां पार्टी को अधिक ध्यान देने की जरूरत है." लोकसभा चुनाव से पहले भी हरियाणा यूनिट के प्रतिद्वंद्वी खेमों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए अलग-अलग यात्राएं की थीं और केवल अपने-अपने क्षेत्रों में ही प्रचार किया था, जिसे एआईसीसी प्रभारी ने नोट किया था.

किरण चौधरी बीजेपी में शामिल
गौरतलब है कि हुड्डा विरोधी खेमे की एक प्रमुख सदस्य किरण चौधरी पहले ही भाजपा में शामिल हो चुकी हैं. वह इस बात से नाराज थीं कि हुड्डा के कहने पर भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट के लिए उनकी बेटी श्रुति चौधरी को लोकसभा का टिकट नहीं दिया गया. पिछले दिनों हुड्डा खेमे ने भाजपा सरकार के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया और इसे सभी 90 विधानसभा सीटों पर मतदाताओं तक ले जाने की योजना बनाई.

कुमारी शैलजा ने सार्वजनिक बयान जारी कर मांग की कि टिकटों के वितरण में कोई पक्षपात नहीं होना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि कार्यकर्ताओं में फूट पड़ रही है क्योंकि राज्य चुनाव जीतने के लिए सामूहिक प्रयास के बजाय एक खास खेमा फैसले ले रहा है. हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और भाजपा के पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने राज्य टीम में कथित मतभेदों को कमतर आंका.

'कांग्रेस के पास जीतने का अच्छा मौका'
हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और भाजपा के पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने राज्य टीम में कथित मतभेदों को कमतर आंकते हुए कहा कि कांग्रेस के पास जीतने का अच्छा मौका है, क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा को 10 साल की भारी सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है. राष्ट्रीय चुनावों में हमें जो बढ़त मिली थी, उसका असर राज्य के चुनावों में भी दिखेगा.

उन्होंने नेताओं की अलग-अलग राय पर कहा कि कांग्रेस ने लंबे समय तक राज्य पर शासन किया और उसके कई वरिष्ठ नेता हैं, जिनकी कार्यशैली अलग-अलग है. बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस मिलकर काम करेगी. पूर्व सांसद ने हाल ही में इनेलो-बसपा और आप के सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, "ये क्षेत्रीय दलों ने हताशापूर्ण कदम हैं और इससे कांग्रेस की संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा."

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