बेंगलुरु: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामले में गिरफ्तारी का डर सता रहा है. इसके चलते उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मामले में राहत पाने के लिए उन्होंने आज (गुरुवार) आग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की. फिलहाल इस पर सुनवाई होनी है.
बता दें कि इस साल 14 मार्च को एक महिला ने अपनी नाबालिग लड़की के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में बेंगलुरु के सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. महिला का आरोप है फरवरी 2024 में उनकी बेटी के साथ छेड़छाड़ की गई थी.
सीआईडी कर रही है मामले की जांच
शिकायत की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने मामले को सीआईडी को सौंप दिया. हाल ही में सीआईडी ने येदियुरप्पा को नोटिस जारी कर सुनवाई में शामिल होने का निर्देश दिया था. इस बीच शिकायत दर्ज कराने वाली महिला की हाल ही में बीमारी के कारण मौत हो गई.
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने बुधवार को पोक्सो केस रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. याचिका के अनुसार कर्नाटक पुलिस अधिकारियों ने मामला दर्ज होने के दो महीने बाद भी जांच को आगे नहीं बढ़ाया है. याचिका में कहा गया है कि आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया और न ही 41 (ए) नोटिस दिया गया.
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोपों को नकारा
गौरतलब है कि मामले की जांच कर रही सीआईडी ने कथित घटना के दिन पीड़िता की मां द्वारा की गई वीडियो रिकॉर्डिंग में मौजूद आवाजों से मिलान के लिए पूर्व मुख्यमंत्री की आवाज के नमूने भी लिए थे. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री ने यौन उत्पीड़न के आरोपों का खंडन किया है. उनका कहना है कि उन्होंने अतीत में मां और बेटी की मदद की थी.
मार्च में दर्ज एफआईआर पर प्रतिक्रिया देते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि वे मदद मांगने के लिए मेरे घर आए थे. उनकी बात सुनने के बाद मैंने शहर के पुलिस आयुक्त बी दयानंद को फोन करके उनकी समस्या का समाधान करने को कहा.
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