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हरियाणा के हैं पेरिस ओलंपिक में कांस्य जीतने वाले महाराष्ट्र के स्वप्निल कुसाले के कोच, जानिए कौन हैं - Swapnil Kusale Haryanvi Coach

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Aug 3, 2024, 10:52 PM IST

Swapnil Kusale Haryanvi Coach: पेरिस ओलंपिक में निशानेबाजी में कांस्य पदक जीतने वाले महाराष्ट्र के निशानेबाज स्वप्निल कुसाले की सफलता के पीछे हरियाणवी कोच का अहम रोल है. निशानेबाजी टीम के मुख्य कोच का संबंध हरियाणा से है. उन्हीं के मार्गदर्शन में स्वप्निल कुसाले ट्रेनिंग ले रहे थे.

Swapnil Kusale Haryanvi Coach
कांस्य पदक के साथ स्वप्निल कुसाले (बाएं) और कोच मनोज (दाएं) (Photo- ETV Bharat)

रोहतक: पेरिस ओलंपिक में महाराष्ट्र के निशानेबाज स्वप्निल कुसाले के पदक जीतने में रोहतक जिले के मोरखेड़ी गांव के कोच मनोज कुमार ओहल्याण का योगदान भी रहा है. उनके प्रशिक्षण में महाराष्ट्र के निशानेबाज स्वप्निल कुसाले ने शूटिंग के 50 मीटर एयर राइफल 3 पोजीशन प्रतिस्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया है. कोच मनोज पिछले 2 साल से स्वप्निल को ट्रेनिंग दे रहे थे. इससे पहले इस स्पर्धा में भारत ने कभी भी पदक नहीं जीता था.

मनोज कुमार भारतीय निशानेबाजी टीम के साथ 10 साल से कोच के तौर पर जुड़े हैं. इसी के साथ कोच मनोज कुमार ओहल्याण ने शूटिंग में हरियाणा के 2 निशानेबाजों मनु भाकर और सरबजोत सिंह के पदक जीतने पर खुशी जताई है. मनोज कुमार ओहल्याण फिलहाल 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन में भारतीय टीम के चीफ कोच हैं. वे खुद भी कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन चैंपियनशिप में वर्ष 2005 में गोल्ड मेडल हासिल कर चुके हैं.

Swapnil Kusale Haryanvi Coach
पेरिस में कोच मनोज और स्वप्निल कुसाले (Photo- ETV Bharat)

मनोज कुमार हरियाणा सरकार से भीम अवार्ड भी हासिल कर चुके हैं. ओहल्याण ने पेरिस से बताया कि जब से भारतीय निशानेबाजी टीम के साथ वो जुड़े हैं, तब से भारतीय निशानेबाजों ने एशियन गेम्स में 5 पदक हासिल किए हैं. चीफ कोच ने इस बात पर खुशी जताई कि निशानेबाजी में अब तक भारत को 3 पदक हासिल हो चुके हैं. भारतीय टीम अच्छी तैयारियों के साथ आई थी. अगली बार और अधिक अच्छा प्रदर्शन रहेगा.

निशानेबाजी टीम के चीफ कोच ने पदक विजेता निशानेबाज स्वप्निल कुसाले के खेल के बारे में भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि स्वप्निल की तकनीक पर काफी काम किया है. स्वप्निल पहले स्टैंडिंग पोजीशन में काफी वीक था लेकिन उस पर लगातार मेहनत की गई, जिसमें परिणाम सभी के सामने हैं. उन्होंने बताया कि एआई तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया. वे टीम के साथ 15 जुलाई को ही फ्रांस पहुंच गए थे. वहां पर तकनीकी कैंप आयोजित किया गया. लक्समबर्ग में भी कैंप लगाया गया. फिर 24 जुलाई को ओलंपिक विलेज आए.

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रोहतक: पेरिस ओलंपिक में महाराष्ट्र के निशानेबाज स्वप्निल कुसाले के पदक जीतने में रोहतक जिले के मोरखेड़ी गांव के कोच मनोज कुमार ओहल्याण का योगदान भी रहा है. उनके प्रशिक्षण में महाराष्ट्र के निशानेबाज स्वप्निल कुसाले ने शूटिंग के 50 मीटर एयर राइफल 3 पोजीशन प्रतिस्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया है. कोच मनोज पिछले 2 साल से स्वप्निल को ट्रेनिंग दे रहे थे. इससे पहले इस स्पर्धा में भारत ने कभी भी पदक नहीं जीता था.

मनोज कुमार भारतीय निशानेबाजी टीम के साथ 10 साल से कोच के तौर पर जुड़े हैं. इसी के साथ कोच मनोज कुमार ओहल्याण ने शूटिंग में हरियाणा के 2 निशानेबाजों मनु भाकर और सरबजोत सिंह के पदक जीतने पर खुशी जताई है. मनोज कुमार ओहल्याण फिलहाल 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन में भारतीय टीम के चीफ कोच हैं. वे खुद भी कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन चैंपियनशिप में वर्ष 2005 में गोल्ड मेडल हासिल कर चुके हैं.

Swapnil Kusale Haryanvi Coach
पेरिस में कोच मनोज और स्वप्निल कुसाले (Photo- ETV Bharat)

मनोज कुमार हरियाणा सरकार से भीम अवार्ड भी हासिल कर चुके हैं. ओहल्याण ने पेरिस से बताया कि जब से भारतीय निशानेबाजी टीम के साथ वो जुड़े हैं, तब से भारतीय निशानेबाजों ने एशियन गेम्स में 5 पदक हासिल किए हैं. चीफ कोच ने इस बात पर खुशी जताई कि निशानेबाजी में अब तक भारत को 3 पदक हासिल हो चुके हैं. भारतीय टीम अच्छी तैयारियों के साथ आई थी. अगली बार और अधिक अच्छा प्रदर्शन रहेगा.

निशानेबाजी टीम के चीफ कोच ने पदक विजेता निशानेबाज स्वप्निल कुसाले के खेल के बारे में भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि स्वप्निल की तकनीक पर काफी काम किया है. स्वप्निल पहले स्टैंडिंग पोजीशन में काफी वीक था लेकिन उस पर लगातार मेहनत की गई, जिसमें परिणाम सभी के सामने हैं. उन्होंने बताया कि एआई तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया. वे टीम के साथ 15 जुलाई को ही फ्रांस पहुंच गए थे. वहां पर तकनीकी कैंप आयोजित किया गया. लक्समबर्ग में भी कैंप लगाया गया. फिर 24 जुलाई को ओलंपिक विलेज आए.

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