वाशिंगटन: अमेरिका-भारत रणनीतिक संबंधों के उज्ज्वल भविष्य की भविष्यवाणी करते हुए, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि दोनों देशों के बीच गहरा रिश्ता है, जो लोकतंत्र, स्वतंत्रता और मानवीय गरिमा के प्रति उनकी साझा प्रतिबद्धता पर आधारित है.
ब्लिंकन ने एक बयान में कहा कि हमारी व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी हमारे लोगों, हमारी अर्थव्यवस्थाओं के बीच गहरे संबंधों पर आधारित है और लोकतंत्र, स्वतंत्रता और मानवीय गरिमा के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता की नींव पर बनी है. उन्होंने बुधवार को कहा कि अमेरिका-भारत सहयोग तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि दोनों देश एक स्वतंत्र, खुले, स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत के हमारे साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करना जारी रखा है.
संसाधन संपन्न क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता की पृष्ठभूमि में अमेरिका, भारत और कई अन्य विश्व शक्तियां एक स्वतंत्र, खुले और संपन्न इंडो-पैसिफिक को सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में बात कर रही हैं.
इंडो-पैसिफिक एक जैव-भौगोलिक क्षेत्र है, जिसमें हिंद महासागर और पश्चिमी और मध्य प्रशांत महासागर शामिल हैं, जिसमें दक्षिण चीन सागर भी शामिल है. चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम इसके कुछ हिस्सों पर अपना दावा करते हैं.
ब्लिंकन ने बताया कि जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा से लेकर रक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों तक, अमेरिका-भारत द्विपक्षीय सहयोग पहले से कहीं अधिक व्यापक और मजबूत है. उन्होंने कहा कि मैं आज भारत, अमेरिका और भारतीय प्रवासियों के माध्यम से विश्व स्तर पर जश्न मनाने वाले सभी लोगों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देता हूं.