नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि हिंसा और नफरत फैलाने वाले भाजपा के लोग हिंदू धर्म के मूल सिद्धांतों को नहीं समझते हैं. उन्होंने अहमदाबाद में पार्टी कार्यालय पर हुए 'हिंसक हमले' के लिए सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधा. लोकसभा में गांधी द्वारा की गई टिप्पणी के विरोध में मंगलवार को अहमदाबाद में गुजरात कांग्रेस मुख्यालय के बाहर भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर पत्थर फेंके.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हिंदी में लिखे एक पोस्ट में गांधी ने कहा कि 'गुजरात कांग्रेस कार्यालय पर कायरतापूर्ण और हिंसक हमला भाजपा और संघ परिवार के बारे में मेरी बात को और मजबूत करता है. हिंसा और नफरत फैलाने वाले भाजपा के लोग हिंदू धर्म के मूल सिद्धांतों को नहीं समझते.'
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि 'गुजरात की जनता उनके झूठ को साफ तौर पर देख सकती है और भाजपा सरकार को निर्णायक सबक सिखाएगी. मैं फिर से कह रहा हूं - गुजरात में I.N.D.I.A. जीतने जा रहा है!' शहर के पुलिस नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि हिंसक झड़प और पथराव के बाद पालदी इलाके में दोनों पक्षों के कई कार्यकर्ताओं और नेताओं को हिरासत में लिया गया.
जहां भाजपा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर 'शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन' पर हमला करने का आरोप लगाया, वहीं विपक्षी नेताओं ने हिंसा शुरू करने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को दोषी ठहराया. दोनों पार्टियों ने दावा किया कि इस घटना में उनके कार्यकर्ता घायल हुए हैं और वे पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे.
स्थानीय टीवी चैनलों पर दिखाए गए दृश्यों में दोनों पक्षों के पार्टी कार्यकर्ता कांग्रेस के गुजरात मुख्यालय राजीव गांधी भवन के बाहर एक-दूसरे पर हमला करते हुए दिखाई दे रहे हैं. पुलिस द्वारा हस्तक्षेप करने के प्रयास के बावजूद कुछ लोग एक-दूसरे पर पत्थर फेंकते हुए दिखाई दिए.
गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हिम्मतसिंह पटेल ने आरोप लगाया कि 'राहुल गांधी द्वारा यह कहे जाने के एक दिन बाद कि सभी धर्म अहिंसा का उपदेश देते हैं और हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है, भाजपा कार्यकर्ताओं ने हताशा में कांग्रेस कार्यालय पर हमला किया. उन्होंने पुलिस की अनुमति के बिना विरोध प्रदर्शन किया और हम पर हमला किया, जो गुजरात में कानून और व्यवस्था के पतन का प्रमाण है.'