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बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी को 6 महीने कारावास की सजा, लखनऊ की MP-MLA अदालत ने सुनाया फैसला - sentenced to six month imprisonment

लखनऊ की MP-MLA अदालत ने शुक्रवार को बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी (BJP MP Rita Bahuguna Joshi) को 6 महीने कारावास की सजा सुनाई. साथ ही एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. यह सजा आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में अदालत ने सुनाई.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 2, 2024, 9:47 PM IST

Updated : Feb 2, 2024, 10:13 PM IST

लखनऊ: यूपी में आचार संहिता उल्‍लंघन का मामला बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी को काफी महंगा पड़ गया है. लखनऊ की MP-MLA कोर्ट ने शुक्रवार को लखनऊ कैंट विधानसभा की पूर्व विधायक और प्रयागराज की वर्तमान बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी को 6 महीने कारावास की सजा (Rita Bahuguna Joshi sentenced to six month imprisonment) सुनाई. साथ ही अदालत ने 1100 रुपये का जुर्माना भी लगाया.

अभियोजन की ओर से अदालत को बताया गया कि 17 फरवरी 2012 को शाम करीब छह बजकर 50 मिनट पर रीता बहुगुणा जोशी लखनऊ विधान सभा कैंट क्षेत्र की प्रत्याशी की हैसियत से कृष्णा नगर के बजरंग नगर क्षेत्र में आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए प्रचार का समय समाप्त होने के बाद भी जनसभा को संबोधित कर रही थी.

इसकी सूचना मिलने पर स्टेटिक सर्विलांस मजिस्ट्रेट मुकेश चतुर्वेदी ने मौके पर जाकर देखा तो करीब 50 लोगों की भीड़ के साथ बजरंग नगर के मकान नंबर 95 एवं 96 के बीच जाने वाली सड़क पर रीता बहुगुणा जोशी मीटिंग कर रही थीं. कहा गया है कि मौके पर वीडियो बनाया गया तथा उन्हें सभा से मना भी किया गया, इसके उपरांत मुकेश चतुर्वेदी द्वारा कृष्णा नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई.

पुलिस की विवेचना के उपरांत 12 सितंबर 2012 को रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ अदालत में चार्ज शीट दायर की गई, जिसके उपरांत 20 फरवरी 2021 को रीता बहुगुणा जोशी के विरुद्ध अदालत ने आरोप तय किए थे. अदालत ने रीता बहुगुणा जोशी को धारा 126 जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में छह माह के कारावास व एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है, जबकि धारा 188 भारतीय दंड संहिता के आरोप में सौ रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. सजा सुनाए जाने के दौरान अदालत ने रीता बहुगुणा जोशी को हिरासत में ले लिया था.

इसके बाद उनकी ओर से दी गई जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए अदालत ने बीस हजार रुपये का बंधपत्र और इतनी ही धनराशि की जमानत दाखिल करने पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. हालांकि जमानतदार उपलब्ध न होने के कारण अदालत में बंध पत्र स्वीकार कर उन्हें अपील दाखिल करने की अवधि तक के लिए रिहा कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें- कृष्ण जन्मभूमि केस में बड़ा ट्विस्ट: शाही ईदगाह मस्जिद के नाम से नहीं मिले दस्तावेज, सचिव के खिलाफ याचिका दायर

लखनऊ: यूपी में आचार संहिता उल्‍लंघन का मामला बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी को काफी महंगा पड़ गया है. लखनऊ की MP-MLA कोर्ट ने शुक्रवार को लखनऊ कैंट विधानसभा की पूर्व विधायक और प्रयागराज की वर्तमान बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी को 6 महीने कारावास की सजा (Rita Bahuguna Joshi sentenced to six month imprisonment) सुनाई. साथ ही अदालत ने 1100 रुपये का जुर्माना भी लगाया.

अभियोजन की ओर से अदालत को बताया गया कि 17 फरवरी 2012 को शाम करीब छह बजकर 50 मिनट पर रीता बहुगुणा जोशी लखनऊ विधान सभा कैंट क्षेत्र की प्रत्याशी की हैसियत से कृष्णा नगर के बजरंग नगर क्षेत्र में आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए प्रचार का समय समाप्त होने के बाद भी जनसभा को संबोधित कर रही थी.

इसकी सूचना मिलने पर स्टेटिक सर्विलांस मजिस्ट्रेट मुकेश चतुर्वेदी ने मौके पर जाकर देखा तो करीब 50 लोगों की भीड़ के साथ बजरंग नगर के मकान नंबर 95 एवं 96 के बीच जाने वाली सड़क पर रीता बहुगुणा जोशी मीटिंग कर रही थीं. कहा गया है कि मौके पर वीडियो बनाया गया तथा उन्हें सभा से मना भी किया गया, इसके उपरांत मुकेश चतुर्वेदी द्वारा कृष्णा नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई.

पुलिस की विवेचना के उपरांत 12 सितंबर 2012 को रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ अदालत में चार्ज शीट दायर की गई, जिसके उपरांत 20 फरवरी 2021 को रीता बहुगुणा जोशी के विरुद्ध अदालत ने आरोप तय किए थे. अदालत ने रीता बहुगुणा जोशी को धारा 126 जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में छह माह के कारावास व एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है, जबकि धारा 188 भारतीय दंड संहिता के आरोप में सौ रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. सजा सुनाए जाने के दौरान अदालत ने रीता बहुगुणा जोशी को हिरासत में ले लिया था.

इसके बाद उनकी ओर से दी गई जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए अदालत ने बीस हजार रुपये का बंधपत्र और इतनी ही धनराशि की जमानत दाखिल करने पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. हालांकि जमानतदार उपलब्ध न होने के कारण अदालत में बंध पत्र स्वीकार कर उन्हें अपील दाखिल करने की अवधि तक के लिए रिहा कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें- कृष्ण जन्मभूमि केस में बड़ा ट्विस्ट: शाही ईदगाह मस्जिद के नाम से नहीं मिले दस्तावेज, सचिव के खिलाफ याचिका दायर

Last Updated : Feb 2, 2024, 10:13 PM IST
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