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ओडिशा में बर्ड फ्लू का खौफ! पिपली में मारी जाएगीं हजारों मुर्गियां, किसानों में रोष - Odisha - ODISHA

Bird Flu:ओडिशा के पिपली में 54 फार्मों की 40,000 मुर्गियों को मारा जाएगा. पिछले दो दिनों में यहां 5,749 मुर्गियां मारी जा चुकी हैं. इस बीच मुर्गीपालकों में आक्रोश पनप रहा है और वे मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

ओडिशा के पिपली में मारी जाएगीं हजारों मुर्गियां
ओडिशा के पिपली में मारी जाएगीं हजारों मुर्गियां (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 26, 2024, 12:25 PM IST

भुवनेश्वर: ओडिशा में बर्ड फ्लू के डर के बीच पिपली के 54 फार्मों की 40,000 मुर्गियों को मारा जाएगा. यह फैसला वायरस के प्रसार को रोकने के लिए किया गया है. साथ ही इसके लिए 12 सदस्यीय टीम का गठन भी किया गया है. किसानों ने सामूहिक हत्या से पहले पर्याप्त मुआवजे की मांग की है.

पिछले दो दिनों में पिपली में 5,749 मुर्गियां मारी गईं, जबकि सत्यबाड़ी में 14,365 मुर्गियां मारी जा चुकी हैं. वहीं अब बर्ड फ्लू के डर से पिपली के 54 फार्मों में भी 40,000 मुर्गियों को मारा जाएगा.

सूत्रों के अनुसार राज्य के अन्य भागों में वायरस के प्रसार को रोकने के लिए क्षेत्र में सामूहिक मूर्गी की हत्या को अंजाम देने के लिए 12 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. गौरतलब है कि पशुधन निरीक्षक द्वारा मौके पर जाकर क्षेत्र में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस का पता लगाने के बाद इस संबंध में निर्णय लिया गया.

मुर्गीपालकों में पनप रहा आक्रोश
इस बीच मुर्गीपालकों में आक्रोश पनप रहा है क्योंकि वे मुर्गियों को सामूहिक रूप से मारने से पहले पर्याप्त मुआवजे की मांग कर रहे हैं. गुस्साए किसानों ने धमकी दी कि अगर उन्हें मुआवजा नहीं मिला तो वे एक भी मुर्गी नहीं मारने देंगे.

एक किसान ने कहा, "मैंने अलग-अलग सोर्स से पैसे उधार लिए हैं और मुर्गीपालन के लिए 3 लाख रुपये का निवेश किया है. अगर मेरी मुर्गियां मार दी जाएंगी तो मुझे मुआवजा कौन देगा."

ओडिशा पोल्ट्री डेवलपमेंट फोरम के सचिव प्रद्युम्न परिदा ने कहा, "हम मुर्गियों को सामूहिक रूप से मारने के फैसले पर आपत्ति नहीं कर रहे हैं, लेकिन किसानों को होने वाले नुकसान का क्या? हमें मुआवजा कौन देगा?

सरकार ने दिया मुआवजे का आश्वासन
उधर मत्स्य एवं पशु संसाधन विकास विभाग ने आश्वासन दिया है कि किसानों को केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा. मुर्गियों को सामूहिक रूप से मारने के लिए 12 टीमें गठित की गईं हैं.

यह भी पढ़ें- पर्ल ग्रुप के मालिक निर्मल सिंह भंगू की मौत, करोड़ों की ठगी के मामले में 2016 से तिहाड़ जेल में था बंद

भुवनेश्वर: ओडिशा में बर्ड फ्लू के डर के बीच पिपली के 54 फार्मों की 40,000 मुर्गियों को मारा जाएगा. यह फैसला वायरस के प्रसार को रोकने के लिए किया गया है. साथ ही इसके लिए 12 सदस्यीय टीम का गठन भी किया गया है. किसानों ने सामूहिक हत्या से पहले पर्याप्त मुआवजे की मांग की है.

पिछले दो दिनों में पिपली में 5,749 मुर्गियां मारी गईं, जबकि सत्यबाड़ी में 14,365 मुर्गियां मारी जा चुकी हैं. वहीं अब बर्ड फ्लू के डर से पिपली के 54 फार्मों में भी 40,000 मुर्गियों को मारा जाएगा.

सूत्रों के अनुसार राज्य के अन्य भागों में वायरस के प्रसार को रोकने के लिए क्षेत्र में सामूहिक मूर्गी की हत्या को अंजाम देने के लिए 12 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. गौरतलब है कि पशुधन निरीक्षक द्वारा मौके पर जाकर क्षेत्र में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस का पता लगाने के बाद इस संबंध में निर्णय लिया गया.

मुर्गीपालकों में पनप रहा आक्रोश
इस बीच मुर्गीपालकों में आक्रोश पनप रहा है क्योंकि वे मुर्गियों को सामूहिक रूप से मारने से पहले पर्याप्त मुआवजे की मांग कर रहे हैं. गुस्साए किसानों ने धमकी दी कि अगर उन्हें मुआवजा नहीं मिला तो वे एक भी मुर्गी नहीं मारने देंगे.

एक किसान ने कहा, "मैंने अलग-अलग सोर्स से पैसे उधार लिए हैं और मुर्गीपालन के लिए 3 लाख रुपये का निवेश किया है. अगर मेरी मुर्गियां मार दी जाएंगी तो मुझे मुआवजा कौन देगा."

ओडिशा पोल्ट्री डेवलपमेंट फोरम के सचिव प्रद्युम्न परिदा ने कहा, "हम मुर्गियों को सामूहिक रूप से मारने के फैसले पर आपत्ति नहीं कर रहे हैं, लेकिन किसानों को होने वाले नुकसान का क्या? हमें मुआवजा कौन देगा?

सरकार ने दिया मुआवजे का आश्वासन
उधर मत्स्य एवं पशु संसाधन विकास विभाग ने आश्वासन दिया है कि किसानों को केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा. मुर्गियों को सामूहिक रूप से मारने के लिए 12 टीमें गठित की गईं हैं.

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