पूर्णिया: बांग्लादेश में हुए तख्ता पलट के बाद पूर्णिया के सीमांचल से सटे बांग्लादेश के बॉर्डर को पुलिस छावनी में बदल दिया गया है. पूर्णिया रेंज के डीआईजी सुभाष कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है. साथ ही उन्होंने लोगों से संयम बरतने की भी अपील की है.
बांग्लादेश से घुसपैठ को लेकर अलर्ट मोड पर पुलिस: बांग्लादेश की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए पूर्णिया के सीमांचल से सटे बांग्लादेश के बॉर्डर के इलाकों के नागरिक और पुलिस प्रशासन को अलर्ट किया गया है. पूर्णिया रेंज के डीआईजी सुभाष कुमार ने बताया कि बॉर्डर इलाकों में आने जाने वाले लोगों की अच्छी से जांच की जा रही है. 24 घंटा पुलिस की निगरानी की जा रही है.
"बोडो इलाके पर बीएसएफ और सीआरपीएफ के जवान को तैनात किया गया है. बांग्लादेश की गतिविधि को देखते हुए किशनगंज और अररिया जिले को विशेष रूप से सतर्क किया गया है.गश्ती बढ़ाते हुए जो भी ऐतिहातन सुरक्षात्मक कार्रवाई है, उसके लिए दोनों जिला को निर्देश दिया गया है.कटिहार और पूर्णिया को भी आवश्यक निर्देश दिया गया है. किशनगंज में बीएसएफ और अररिया में एसएसबी का सामंजस्य स्थापित किया गया है."- सुभाष कुमार,डीआईजी, पूर्णिया रेंज
इन जिलों पर बढ़ाई गई गश्ती: बता दें कि बिहार पुलिस मुख्यालय के आदेश के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों खासकर किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और नेपाल के रास्ते बेतिया, मोतिहारी, मधुबनी, सीतामढ़ी और अररिया के सीमावर्ती क्षेत्रों में अलर्ट है. इनकी सीमाओं पर सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है. पश्चिम बंगाल से सटे बिहार के सीमावर्ती जिलों में पुलिस ने पेट्रोलिंग बढ़ा दी है.
कहां है ज्यादा खतरा: बिहार के तीन जिले पश्चिम बंगाल से सटे हैं. कटिहार, किशनगंज और पूर्णिया के जिले पर खास चौकसी बरती जा रही है. पश्चिम बंगाल और बिहार के सीमा क्षेत्र से बांग्लादेश के नजदीक होने के कारण बिहार पुलिस को आशंका है कि हिंसा प्रभावित बांग्लादेश से बड़ी संख्या में लोग बिहार के रास्ते भारत में एंट्री करने की कोशिश कर सकते हैं. इसी के मद्देनजर बिहार पुलिस ने सीमांचल के इलाकों को लेकर खास सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. बांग्लादेश के सबसे ज्यादा नजदीक किशनगंज पड़ता है. किशनगंज को छोड़कर बिहार का कोई भी जिला बांग्लादेश से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा नहीं है. वहीं घुसपैठिये पश्चिम बंगाल से नाव के जरिेए भागलपुर से भी प्रवेश कर सकते हैं.
बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता: बता दें कि बांग्लादेश में व्यापक विरोध प्रदर्शन और गृहयुद्ध जैसे हालातों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे से वहां कि राजनीतिक परिदृश्य उलट-पुलट कर रह गई है. हालात बिगड़ते देख शेख हसीना को अपने देश से भागकर भारत आना पड़ा. वहीं बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ने ऐलान किया है कि देश को राजनीतिक अस्थिरता के दौर से निकालने के लिए एक अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा. वहीं बड़े पैमाने पर हिंदू अल्पसंख्यकों और उनके घर, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और संपत्तियों को निशाना बनाया गया है.
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