रोहतास : कहते हैं नियम सबके लिए एक होता है, चाहे वो आम हो या फिर खास. कुछ ऐसा ही बिहार में देखने को मिला है. अब जरा सोचिए अगर मुख्यमंत्री की गाड़ी का पॉल्यूशन फेल हो जाए. खबर सामने आते ही आनन-फानन में उसे ठीक कराया जाए तो क्या कहेंगे. ये बात सौ टका सच है. यही नहीं पॉल्यूशन की फीस भी भरी गयी.
नीतीश कुमार की गाड़ी का पॉल्यूशन फेल : दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकारी गाड़ी, जिसका नंबर BR01CL0077 है, नियमों का उल्लंघन करती पाई गई. इस गाड़ी का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट 2 अगस्त 2024 को समाप्त हो चुका था, लेकिन इसके बावजूद यह गाड़ी सड़कों पर चल रही थी. यह जानकारी तब सामने आई जब मुख्यमंत्री रोहतास जिले के करगहर प्रखंड के कुसही बेतिया गांव में डीएम दिनेश कुमार राय के पिता की पुण्यतिथि में शामिल होने पहुंचे.
120 रुपये में कराया गया रेन्यू : नियमों का उल्लंघन का पता चलते ही परिवहन विभाग हरकत में आता, उससे पहले ही एक्शन ले लिया गया. गाड़ी का पॉल्यू. इससे साफ है कि आप कितने भी बड़े क्यों ना हों, अगर बिहार में रहते हैं तो नियम-कानून के साथ चलना पड़ेगा.
"यह बिहार का दुर्भाग्य है कि मुख्यमंत्री की अपनी गाड़ी का पॉल्यूशन फेल है, जबकि वह आम जनता पर बेवजह जुर्माना लगवाकर अत्याचार करवा रहे हैं. राज्य के कई मंत्रियों की सरकारी गाड़ियों के कागजात भी अधूरे मिलेंगे. यह सुशासन के दावे की पोल खोलता है."- विमल कुमार, आरजेडी नेता
'यही मामला किसी आम व्यक्ति का होता तो..' : वहीं समाजसेवी आशुतोष कुमार ने इस मामले में कहा, "हमने भी इस गाड़ी का पॉल्यूशन चेक किया और पाया कि यह कई महीनों से फेल है. यदि यही मामला किसी आम व्यक्ति का होता, तो तुरंत चालान काटा जाता. मुख्यमंत्री की गाड़ी पर भी जुर्माना लगाना चाहिए."
सीट बेल्ट नही लगाने को लेकर पहले भी कटा है चालान : दअरसल, यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री की गाड़ी नियमों का उल्लंघन करती पाई गई. इससे पहले 23 फरवरी 2024 को इस गाड़ी का सीट बेल्ट न लगाने के लिए 1000 रुपये का चालान काटा गया था.
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