हैदराबाद: एक दिन 23.56 लाख रुपये, अगले दिन 3 लाख रुपये, फिर 68 लाख रुपये, उसके बाद 17.10 लाख रुपये, एक नहीं, दो नहीं, कुल 63 किस्तों में धोखाधड़ी की गई. साइबर अपराधियों के एक गिरोह ने हैदराबाद में एक डॉक्टर (50) से बड़ी रकम लूट उड़ा ले गया. 21 मई से 8 मई तक कुल 8 करोड़ 60 लाख से अधिक रुपये की लूट की गई.
शेयर ट्रेडिंग के नाम पर साइबर अपराधियों ने इतनी बड़ी रकम उड़ा ले गया. तेलंगाना में दर्ज साइबर अपराधों के इतिहास में यह सबसे बड़ी ऑनलाइन धोखाधड़ी बताई जा रही है. तेलंगाना साइबर सुरक्षा ब्यूरो (TGCSB) ने इस महीने की 12 तारीख को पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर जांच शुरू की.
ऐसे की धोखाधड़ी
डॉक्टर 21 मई को अपना फेसबुक अकाउंट ब्राउज कर रहे थे, तभी उनकी नजर स्टॉक ब्रोकिंग कंपनियों के नाम से एक विज्ञापन पर पड़ी. तो उसमें पूछे गए विवरण भरकर भेज दिए गए. तुरंत ही कुछ लोगों ने डॉक्टर से व्हाट्सएप पर संपर्क किया और खुद को उन कंपनियों का प्रतिनिधि बताया. उनका फोन नंबर 4 ग्रुप में शामिल है. उन्होंने बताया कि उनकी कंपनियों की खासियत निवेशकों को मुनाफा दिलाना है.
वे प्रमुख कंपनियों की ओर से सब-ब्रोकर के तौर पर काम करेंगे. डॉक्टर ने जब एनएसई और बीएसई जैसी नियामक संस्थाओं की पहचान और उन संस्थाओं के कर पंजीकरण के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारियां गोपनीय होने के कारण उन्हें नहीं बताया जा सकता. इसी क्रम में डॉक्टर को 4 संस्थाओं के नाम से ऐप लिंक भेजे गए.
उसने बताए गए उनके बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कर दिए. डॉक्टर को शुरुआती मुनाफा निकालने की अनुमति देकर उसने अपना भरोसा बढ़ाया. इसलिए उन्होंने कई बार पैसे चुकाए. कुल 8.6 करोड़ रुपये चुकाने के बाद जब उन्होंने मुनाफा वापस लेने की कोशिश की तो साइबर अपराधियों का असली चेहरा सामने आ गया. उन्होंने कहा कि अगर वह मुनाफे का 20-30 फीसीद भुगतान कर दे तो ही वह पैसे निकाल सकता है. कस्टमर केयर से बात करने की कोशिश करने के बाद उसे एहसास हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है और उसने तेलंगाना साइबर सुरक्षा ब्यूरो से इसकी शिकायत की.
'म्यूल' अकाउंट में डाले पैसे
जो लोग कमीशन की उम्मीद में अपने बैंक खाते साइबर अपराधियों को सौंप देते हैं, उन्हें पुलिस 'मनी म्यूल' कहती है. अपराधियों ने डॉक्टर से पैसा लेकर म्यूल के खाते में ट्रांसफर कर दिया. टीजीसीएसबी पुलिस ने जब उन खातों की जांच की जिनमें 63 किस्तों में पैसे ट्रांसफर किए गए थे तो पता चला कि वे देशभर में स्थित हैं. उल्लेखनीय है कि इनमें से एक खाता करीमनगर जिले के वीणावंका बैंक में है. अन्य खाते विशाखापत्तनम, कडप्पा, मुंबई, दिल्ली, ठाणे, चेन्नई, लखनऊ, झांसी, इंदौर, लुधियाना और हरियाणा के कुछ हिस्सों में हैं.