जागीरोड: असम के मोरीगांव जिले का औद्योगिक शहर जगीरोड वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में एक प्रमुख भूमिका निभाने की दिशा में अग्रसर है. इसी क्रम में शनिवार को आयोजित भूमिपूजन समारोह में टाटा संस की 27,000 करोड़ रुपए की विशाल सेमीकंडक्टर परियोजना पर काम शुरू हो गया. इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा मुख्य अतिथि थे. साथ ही टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के अधिकारी भी मौजूद थे.
Proud! Assam set to become the next global electronic hub🦾 📱🖥️
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 3, 2024
With the blessings of Maa Kamakhya, Srimanta Sankardev and our people, I performed the Bhumi Pujan of the Tata Semiconductor facility in Jagiroad along with Chairman of Tata Sons, Shri N Chandrasekaran.
This… pic.twitter.com/b8EzUie3Lc
टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन ने समारोह में भूमिपूजन की रस्में निभाईं. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उम्मीद जताई कि यह महत्वाकांक्षी टाटा सेमीकंडक्टर प्लांट राज्य की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. 170 एकड़ में फैले इस विशाल निवेश से असम की अर्थव्यवस्था, रोजगार और समग्र विकास में क्रांतिकारी बदलाव आने की उम्मीद है. इस परियोजना को एक वर्ष के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है तथा अप्रैल 2025 तक के पूर्ण परिचालन का लक्ष्य रखा गया है.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने असम के लोगों की ओर से टाटा समूह को धन्यवाद दिया. यह पूर्वोत्तर भारत में अब तक की सबसे बड़ी निवेश परियोजना है. 5,000 से ज्यादा लोगों की मौजूदगी में आयोजित इस शिलान्यास समारोह से जागीरोड के लिए एक नए युग की शुरुआत का संकेत मिलता है. सेमीकंडक्टर संयंत्र से प्रतिदिन 48 मिलियन चिप्स का उत्पादन होने की उम्मीद है, जिससे असम वैश्विक औद्योगिक मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान पर आ जाएगा. यह एक असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग (ATMP) सुविधा होगी. इस परियोजना को मार्च में केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई थी.
Thank you, Shri N Chandrasekaran ji, for highlighting the strategic importance of Tata’s Jagiroad Semiconductor facility. This initiative not only amplifies our economic potential but also embodies the profound bond between Assam and the Tata Group.@TataCompanies pic.twitter.com/No1imTjCiA
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 3, 2024
इस परियोजना से लगभग 30,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है, जिससे असम के रोजगार परिदृश्य को बढ़ावा मिलेगा. प्रारंभ में, 1500 असमिया युवा, जिनमें महिलाओं की संख्या काफी अधिक है, बेंगलुरू स्थित टाटा केन्द्रों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. बता दें कि गुवाहाटी से 155 किलोमीटर दूर जागीरोड कभी एक संपन्न कागज नगर था, लेकिन यहां हिंदुस्तान पेपर कॉर्पोरेशन की मिल बंद होने के बाद गिरावट का सामना करना पड़ा.
हालांकि 1970 में जगीरोड में पेपर मिल की स्थापना की गई, लेकिन अक्टूबर 2015 में पेपर मिल को अंतत: बंद कर दिया गया. फिलहाल राज्य सरकार ने अब सेमीकंडक्टर परियोजना के लिए मिल की 170 एकड़ जमीन टाटा समूह को सौंप दी है. इससे शहर में नई उम्मीद जगी है और यह कागज के शहर से सेमीकंडक्टर हब में तब्दील हो रहा है. अनुमान लगाया जा रहा है कि यह सेमीकंडक्टर संयंत्र वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार में एक प्रमुख स्थान बना लेगा, जो अमेरिका, चीन, कोरिया, ताइवान और जापान जैसे दिग्गजों के साथ प्रतिस्पर्धा करेगा. भूमिपूजन समारोह के बाद, टाटा समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन द्वारा काजीरंगा में एक आतिथ्य परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने की भी उम्मीद है.
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