भोपाल। एमपी की मोहन सरकार में सोमवार को दूसरा मंत्री मंडल विस्तार किया गया. इस दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए 6 बार के विधायक राम निवास रावत को राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने मंत्री पद की गोपनीयता की शपथ दिलवाई. अधिकारिक सूत्रों का दावा है कि उन्हें कैबिनेट मंत्री का पद दिया जाएगा. बता दें कि राम निवास रावत श्योपुर जिले की विजयपुर सीट से छठी बार के विधायक हैं.
मैं रामनिवास रावत ईश्वर की शपथ लेता हूं कि...
— Ramniwas Rawat (@rawat_ramniwas) July 8, 2024
आज राजभवन भोपाल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में मध्यप्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।@CMMadhyaPradesh @DrMohanYadav51 pic.twitter.com/FysjcTNiPj
व्यक्तिगत जीवन
राम निवास रावत का जन्म 21 जनवरी 1960 को मध्य प्रदेश के विजयपुर में सुनवई में हुआ था. उनके पिता का नाम स्वर्गीय गणेश प्रसाद रावत और मां का नाम भंती बाई है. उन्होंने विज्ञान स्नातक की डिग्री प्राप्त की और बाद में इतिहास और एलएलबी में स्वर्ण पदक के साथ स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की. रावत की शादी उमा रावत से हुई, जिनसे उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं.
राजनीतिक कैरियर
छटवीं बार विधायक बने रावत ने 1986 में भारतीय युवा कांग्रेस के माध्यम से राजनीति की शुरुआत की. पहली बार 1990 में और फिर 1993 में विजयपुर से विधायक चुने गए. रावत को 1993 में दिग्विजय सिंह मंत्रिमंडल में पहली बार कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया. इसके बाद, उन्होंने 2003, 2008 और 2013 में विजयपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीता. 2018 के विधानसभा चुनाव में, वे विजयपुर निर्वाचन क्षेत्र से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से 2890 मतों से हार गए. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने नरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ चुनाव लड़ा और मुरैना लोकसभा से 1,13,341 मतों से हार गए. 2023 विधानसभा चुनाव में फिर से विजयपुर विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की और विधायक बने. रावत 30 अप्रैल 2024 को मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए.
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कांग्रेस ने लगाई विधानसभा सदस्यता खत्म करने की पिटीशन
कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के पास रावत और बीना विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता खत्म करने के लिए पिटीशन लगाई है. अब 3 महीने के अंदर विधानसभा अध्यक्ष तोमर को इनकी सदस्यता के मामले में फैसला लेना होगा. इस पिटीशन के बाद अब रावत और सप्रे की सदस्यता खतरे में पड़ सकती है. ऐसे में या तो ये दोनों ही विधायक कांग्रेस विधायक पद से जल्द इस्तीफा देंगे या फिर विधानसभा अध्यक्ष इनकी सदस्यता खत्म करने का फैसला लेंगे.