नई दिल्ली: बेलारूस के विदेश मंत्री सर्गेई एलेनिक प्रमुख नेताओं और मंत्रियों के साथ बैठक दिल्ली पहुंचे. वह भारत-बेलारूस द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करने के लिए यहां आए हैं. उनकी इस यात्रा का उद्देश्य बेलारूस और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है. विदेश मंत्रालय ने कहा, 'यात्रा का मुख्य आकर्षण सर्गेई एलेनिक और विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर के बीच एक निर्धारित बैठक है.
द्विपक्षीय चर्चा मंगलवार दोपहर को होने वाली है. विदेश मंत्रालय ने कहा, 'मंत्री एलेनिक का प्रस्थान बुधवार रात को निर्धारित है. ये भारत में उनके संक्षिप्त लेकिन महत्वपूर्ण राजनयिक मिशन के समापन का प्रतीक है.' विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आखिरी बार 19 जनवरी को गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) शिखर सम्मेलन के मौके पर कंपाला में बेलारूस के अपने समकक्ष से मुलाकात की थी. बैठक के दौरान जयशंकर और उनके बेलारूसी समकक्ष सर्गेई एलेनिक ने रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष से संबंधित घटनाक्रम के बारे में बात की. बेलारूस के साथ भारत के संबंध परंपरागत रूप से मधुर एवं सौहार्दपूर्ण रहे हैं. विदेश मंत्रालय (एमईए) के अनुसार भारत 1991 में बेलारूस को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था.
भारत और बेलारूस के बीच विभिन्न मामलों पर अच्छी समझ और विचारों में समानता है और वे आपसी हित के मुद्दों पर बहुपक्षीय मंचों पर एक-दूसरे का सहयोग करते हैं. बेलारूस यूएनएससी में स्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करता रहा है. बेलारूस भारत को एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति के रूप में मान्यता देता है और भारत के साथ 'रणनीतिक संबंध' विकसित करना चाहता है., भारत और बेलारूस ने उच्च स्तरीय संपर्क बनाए रखा है.
भारत और बेलारूस व्यापक साझेदारी बनाए रखते हैं. दोनों देशों ने विदेश कार्यालय परामर्श (एफओसी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सहयोग पर भारत-बेलारूस अंतर-सरकारी आयोग (आईजीसी) और सैन्य तकनीकी सहयोग पर आयोग के माध्यम से द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए तंत्र स्थापित किए हैं.