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बैंक के मैनेजर ने छोड़ी नौकरी, अब गोबर के उपले बेच कमा रहा 30 लाख रुपये - Man Sells Cow Dung Cakes - MAN SELLS COW DUNG CAKES

Man Sells Cow Dung Cakes, महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के एक व्यक्ति ने बैंक की नौकरी छोड़कर गाय के गोबर के उपलों का व्यवसाय शुरू किया. चार सालों में इस व्यक्ति ने पांच गायों से 70 गायें खरीदने तक का रास्ता तय किया और अब हर साल करीब 30 से 35 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहा है.

cow dung cake trade
गोबर के उपलों का व्यापार
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 1, 2024, 9:52 PM IST

अहमदनगर: महाराष्ट्र में अहमदनगर जिले के संगमनेर तालुका के कोल्हेवाड़ी का एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति अमोल खुले (34) अपने परिवार के साथ खेती और दूध का व्यवसाय करता है. अमोल एक निजी क्रेडिट बैंक में महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे. अमोल को बैंक से 10 लाख रुपये सालाना का पैकेज मिल रहा था. हालांकि, नौकरी में मन नहीं लगने के कारण अमोल ने बैंक की नौकरी छोड़कर घर पर पुश्तैनी खेती करने का फैसला किया.

अमोल ने घर पर खेती करना और पांच गायों की देखभाल करना शुरू कर दिया. गाय के दूध की कीमत कम होने के कारण गाय का गोबर भी आय का साधन बना. उन्होंने पूजा-हवन में उपयोग के लिए गाय के गोबर से उपले बनाना शुरू किया और उसे पुणे, नासिक, मुंबई ले जाकर बेचना शुरू किया. जैसे-जैसे उपलों की मांग बढ़ने लगी, अमोल ने एक-एक कर 70 और गायें खरीदीं.

पिछले चार वर्षों से उनके साथ पूरा परिवार गाय के गोबर से उपले बना रहा है. यह परिवार प्रतिदिन करीब 1,200 गोबर के उपले बनाने का काम करता है. इसके बाद अमोल उन्हें बेचने के लिए पुणे, मुंबई ले जाते हैं. अमोल ने बताया कि एक गौरी (गाय का उपला) दस से बारह रुपये में बिक रहा है.

चार साल से चला रहा है उपलों का व्यवसाय: अमोल के घर में लगभग 70 गायें हैं और वे हर दिन चार सौ लीटर दूध दे रही हैं. इससे दूध से भी अच्छी कमाई हो रही है. इसके अलावा गाय के गोबर से उपले बनाए जा रहे हैं. हिंदू परंपरा में कई अनुष्ठानों के लिए गाय के गोबर का इस्तेमाल किया जाता है. वह पिछले चार साल से यह कारोबार कर रहे हैं.

30 से 35 लाख तक मुनाफा: अमोल खुले ने बताया कि सबसे पहले गोबर को इकट्ठा करके उसमें पानी मिलाया जाता है और फिर गोबर को पूरी तरह मिलाने के बाद उपले बनाए जाते हैं. इसे हर साल सर्दियों में बनाया जाता है. इससे गौरी (गाय के गोबर का केक) भी अच्छी हो रही है. हम चार माह में लगभग दो लाख गाय के गोबर से उपले बनते हैं. अमोल उघड़े ने बताया कि सभी खर्च निकालने के बाद प्रति वर्ष शुद्ध मुनाफा 30 से 35 लाख रुपये होता है.

अहमदनगर: महाराष्ट्र में अहमदनगर जिले के संगमनेर तालुका के कोल्हेवाड़ी का एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति अमोल खुले (34) अपने परिवार के साथ खेती और दूध का व्यवसाय करता है. अमोल एक निजी क्रेडिट बैंक में महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे. अमोल को बैंक से 10 लाख रुपये सालाना का पैकेज मिल रहा था. हालांकि, नौकरी में मन नहीं लगने के कारण अमोल ने बैंक की नौकरी छोड़कर घर पर पुश्तैनी खेती करने का फैसला किया.

अमोल ने घर पर खेती करना और पांच गायों की देखभाल करना शुरू कर दिया. गाय के दूध की कीमत कम होने के कारण गाय का गोबर भी आय का साधन बना. उन्होंने पूजा-हवन में उपयोग के लिए गाय के गोबर से उपले बनाना शुरू किया और उसे पुणे, नासिक, मुंबई ले जाकर बेचना शुरू किया. जैसे-जैसे उपलों की मांग बढ़ने लगी, अमोल ने एक-एक कर 70 और गायें खरीदीं.

पिछले चार वर्षों से उनके साथ पूरा परिवार गाय के गोबर से उपले बना रहा है. यह परिवार प्रतिदिन करीब 1,200 गोबर के उपले बनाने का काम करता है. इसके बाद अमोल उन्हें बेचने के लिए पुणे, मुंबई ले जाते हैं. अमोल ने बताया कि एक गौरी (गाय का उपला) दस से बारह रुपये में बिक रहा है.

चार साल से चला रहा है उपलों का व्यवसाय: अमोल के घर में लगभग 70 गायें हैं और वे हर दिन चार सौ लीटर दूध दे रही हैं. इससे दूध से भी अच्छी कमाई हो रही है. इसके अलावा गाय के गोबर से उपले बनाए जा रहे हैं. हिंदू परंपरा में कई अनुष्ठानों के लिए गाय के गोबर का इस्तेमाल किया जाता है. वह पिछले चार साल से यह कारोबार कर रहे हैं.

30 से 35 लाख तक मुनाफा: अमोल खुले ने बताया कि सबसे पहले गोबर को इकट्ठा करके उसमें पानी मिलाया जाता है और फिर गोबर को पूरी तरह मिलाने के बाद उपले बनाए जाते हैं. इसे हर साल सर्दियों में बनाया जाता है. इससे गौरी (गाय के गोबर का केक) भी अच्छी हो रही है. हम चार माह में लगभग दो लाख गाय के गोबर से उपले बनते हैं. अमोल उघड़े ने बताया कि सभी खर्च निकालने के बाद प्रति वर्ष शुद्ध मुनाफा 30 से 35 लाख रुपये होता है.

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