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पुलवामा जिले के बागुंड गांव को जैविक गांव के नाम से भी जाना जाता है, जानें वजह - पुलवामा जिले के बांगुंड गांव

पुलवामा जिले के बागुंड गांव को जैविक गांव के नाम से भी जाना जाता है, यहां के ज्यादातर निवासी जैविक तरीके से सब्जियां उगाकर रोजगार पा रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Bangund village of Pulwama district is also known as organic village
जैविक गांव
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 5, 2024, 6:40 PM IST

Updated : Feb 5, 2024, 7:41 PM IST

पुलवामा: पुलवामा जिला दूध उत्पादन में अग्रणी है, जिले में लोग फलों की खेती भी करते हैं और जिले के अधिकांश लोग खेती से न केवल स्वरोजगार प्राप्त कर रहे हैं बल्कि अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान कर रहे हैं.

अगर हम पुलवामा जिले के बागुंड गांव की बात करें तो यह पूरा गांव खेती से अपनी रोजी रोटी चलाता है, इलाके में जैविक तरीके से विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगाई जाती हैं, जो पूरी घाटी के साथ-साथ घाटी के बाहर भी बेची जाती हैं. जो इस गांव की आय का एकमात्र स्रोत है. इस गांव को पुलवामा जिले के जैविक गांव के रूप में भी जाना जाता है और यहां लगभग 72 घर सब्जियों की खेती में लगे हुए हैं और लगभग 400 कनाल भूमि पर जैविक रूप से सब्जियां उगाई जाती हैं.

Bangund village of Pulwama district is also known as organic village
पुलवामा जिले के बांगुंड गांव

इस संबंध में बशीर अहमद नाम के किसान ने बताया कि साल 2017-2018 से हमने गांव में जैविक तरीके से सब्जियां उगाना शुरू किया और तब से लेकर अब तक हम यही करते आ रहे हैं, साथ ही हम अपनी सब्जी पनीर भी बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि घाटी के बाहर से लोग हमारे पास सब्जियां खरीदने आते हैं, जिससे हमें काफी फायदा होता है. उन्होंने कहा कि हमने सरकार से अपील की थी कि हमें एक वाहन दिया जाए ताकि हम अपनी सब्जियों को देश के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचा सकें लेकिन आज यह संभव नहीं हो सका.

इस संबंध में बात करते हुए एक महिला ने कहा कि सब्जी उगाकर हमें रोजगार तो मिल रहा है, लेकिन सरकारी या निजी खेती से हमें कोई लाभ नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे पास आधुनिक मिशनरीज होनी चाहिए ताकि हमें फायदा हो सके लेकिन हमारे गांवों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. गौरतलब है कि कश्मीर में जैविक खेती की दिशा में एक गंभीर प्रयास के तहत, जम्मू-कश्मीर सरकार ने 2018 में पुलवामा जिले के बांगुंड गांव को कश्मीर का पहला जैविक खेती गांव घोषित किया था क्योंकि यह गांव बिना रसायनों और कीटनाशकों के सब्जियां उगाता है.

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पुलवामा: पुलवामा जिला दूध उत्पादन में अग्रणी है, जिले में लोग फलों की खेती भी करते हैं और जिले के अधिकांश लोग खेती से न केवल स्वरोजगार प्राप्त कर रहे हैं बल्कि अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान कर रहे हैं.

अगर हम पुलवामा जिले के बागुंड गांव की बात करें तो यह पूरा गांव खेती से अपनी रोजी रोटी चलाता है, इलाके में जैविक तरीके से विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगाई जाती हैं, जो पूरी घाटी के साथ-साथ घाटी के बाहर भी बेची जाती हैं. जो इस गांव की आय का एकमात्र स्रोत है. इस गांव को पुलवामा जिले के जैविक गांव के रूप में भी जाना जाता है और यहां लगभग 72 घर सब्जियों की खेती में लगे हुए हैं और लगभग 400 कनाल भूमि पर जैविक रूप से सब्जियां उगाई जाती हैं.

Bangund village of Pulwama district is also known as organic village
पुलवामा जिले के बांगुंड गांव

इस संबंध में बशीर अहमद नाम के किसान ने बताया कि साल 2017-2018 से हमने गांव में जैविक तरीके से सब्जियां उगाना शुरू किया और तब से लेकर अब तक हम यही करते आ रहे हैं, साथ ही हम अपनी सब्जी पनीर भी बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि घाटी के बाहर से लोग हमारे पास सब्जियां खरीदने आते हैं, जिससे हमें काफी फायदा होता है. उन्होंने कहा कि हमने सरकार से अपील की थी कि हमें एक वाहन दिया जाए ताकि हम अपनी सब्जियों को देश के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचा सकें लेकिन आज यह संभव नहीं हो सका.

इस संबंध में बात करते हुए एक महिला ने कहा कि सब्जी उगाकर हमें रोजगार तो मिल रहा है, लेकिन सरकारी या निजी खेती से हमें कोई लाभ नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे पास आधुनिक मिशनरीज होनी चाहिए ताकि हमें फायदा हो सके लेकिन हमारे गांवों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. गौरतलब है कि कश्मीर में जैविक खेती की दिशा में एक गंभीर प्रयास के तहत, जम्मू-कश्मीर सरकार ने 2018 में पुलवामा जिले के बांगुंड गांव को कश्मीर का पहला जैविक खेती गांव घोषित किया था क्योंकि यह गांव बिना रसायनों और कीटनाशकों के सब्जियां उगाता है.

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Last Updated : Feb 5, 2024, 7:41 PM IST
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