रांची: झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा गरमाया हुआ है. भाजपा इस मसले को जोरशोर से उठा रही है. भाजपा की दलील है कि बांग्लादेशी घुसपैठ की वजह से संथाल समेत कई इलाकों की डेमोग्राफी बदल गई है. वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि दूसरे देश से घुसपैठ को रोकना केंद्र सरकार की एजेंसियों का काम है. इस राजनीति के बीच पुलिस ने रांची के खलारी रेलवे स्टेशन से एक बांग्लादेशी को गिरफ्तार किया है. उसके पास भारत में प्रवेश से जुड़ा कोई भी वैध कागजात नहीं है. गिरफ्तार शख्स का नाम शाबीर अली है. उसकी उम्र 40 साल है. पूछताछ में उसने पुलिस को जो बातें बताई है, उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
कैसे गिरफ्तार हुआ बांग्लादेशी शाबीर
खलारी थाना के इंस्पेक्टर विजय कुमार सिंह ने खुद प्राथमिकी दर्ज कराते हुए लिखा है कि 31 अगस्त को सुबह करीब 5:30 बजे उन्हें सूचना मिली कि एक शख्स स्टेशन के बाहर संदिग्ध हालत में घूम रहा है. स्टेशन पहुंचकर संदिग्ध युवक के बारे में स्थानीय लोगों से पूछताछ की गई. तब उसे किसी ने नहीं पहचाना. इसके बाद युवक से पूछताछ की गई तो उसने खुद को बांग्लादेश का निवासी बताया.
उसने बताया कि वह बांग्लादेश में ही रहकर अपने गांव तोकेपाड़ा में मजदूरी करता है. करीब 20 दिन पहले गांव के नजदीक पाबना रेलवे स्टेशन से ट्रेन में बैठकर ढाका गया था. फिर ढाका से ट्रेन बदल बदलकर घूमते हुए यहां चला आया. शख्स के पास एक भी वैध कागजात नहीं है. उसने अपनी मां का नाम शबया, छोटे भाई का नाम ओबीद अली बताया. एक बहन का नाम हुसैना है. जिसकी शादी गांव में ही मोयेदुल के साथ हुई है.
दूसरी बहन लतीफा है. उसकी शादी डांगापाड़ा के अशादुल हक से हुई है. उसके सारे रिश्तेदार बांग्लादेश में ही रहते हैं. भारत में उसका कोई रिश्तेदार भी नहीं है. उसके पिता का नाम पेसु अली है. लिहाजा, अवैध तरीके से भारत में प्रवेश करने पर उसके खिलाफ फॉरेनर्स एक्ट, 1946, पासपोर्ट एक्ट, 1967 की अलग-अलग धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है.
अब सवाल उठ रहे हैं कि बांग्लादेश का शाबीर अली आखिर कैसे झारखंड के खलारी तक पहुंच गया. वह किस ट्रेन से ढाका से चला था. उसकी कहीं जांच क्यों नहीं हुई. दरअसल, शेख हसीना सरकार के अपदस्थ किए जाने के बाद से बांग्लादेश में अस्थिरता का माहौल है. ऐसे नाजुक वक्त में एक बांग्लादेशी का भारत में इतनी आसानी से प्रवेश कर जाना, कई सवाल खड़े कर रहा है.
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