बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा पर कार्रवाई जारी है. तोड़फोड़ और आगजनी के मामले में अलग अलग धाराओं के तहत 8 केस दर्ज किए गए हैं. उपद्रवी तत्वों के ठिकानों में लगातार दबिश देकर पुलिस ने अब तक 121 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गुरुवार को 39 उपद्रवियों को पकड़ा गया इससे पहले 82 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
बलौदाबाजार IAS, IPS निलंबित: हिंसा और आगजनी के मामले में एक्शन लेते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने बलौदाबाजार के कलेक्टर रहे के एल चौहान और एसएसपी सदानंद कुमार को भी निलंबित कर दिया है. कार्य में लापरवाही और अनुशासनहीनता के लिए उन पर कार्रवाई की गई है. इससे पहले एसपी और कलेक्टर का मंगलवार देर रात ट्रांसफर ऑर्डर जारी कर दिया गया था. उनकी जगह पर दीपक सोनी को बलौदाबाजार का नया कलेक्टर और विजय अग्रवाल को पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया.
बलौदाबाजार बवाल के लिए न्यायिक जांच का गठन: बलौदाबाजार हिंसा मामले में विष्णु देव साय सरकार ने न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है. रिटायर्ड जज सीबी बाजपाई न्यायिक जांच आयोग के अध्यक्ष होंगे जो 3 महीने के अंदर 6 बिंदुओं पर जांच कर अपनी रिपोर्ट सरकार को देंगे.
सीएम साय ने सतनामी समाज के प्रतिनिधिमंडल से की चर्चा: गुरुवार शाम सीएम विष्णुदेव साय ने अपने निवास कार्यालय में सतनामी समाज के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा की. इस चर्चा का जिक्र सीएम साय ने सोशल मीडिया एक्स पर किया- उन्होंने लिखा-"सतनामी समाज गुरु बाबा घासीदास के दिखाए रास्ते पर चलने वाला शांतिप्रिय समाज है. बलौदाबाजार की घटना के असल दोषियों के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी. छत्तीसगढ़ की अखंडता, सामाजिक समरसता के साथ विकास सरकार की प्राथमिकता है."
बलौदाबाजार हिंसा क्यों हुई: 15 मई की रात गिरौदपुरी धाम के करीब मानाकोनी बस्ती की बाघिन गुफा में लगे धार्मिक प्रतीक चिन्ह को क्षतिग्रस्त कर दिया गया. समुदाय विशेष के आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया. इस गिरफ्तारी से असंतुष्ट समाज के लोगों ने शासन से जांच की मांग की. जिसमें बाद डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने न्यायिक जांच की घोषणा की. लेकिन समुदाय विशेष की नाराजगी कम नहीं हई. सीबीआई जांच की मांग को लेकर समुदाय विशेष के लोगों ने 10 जून को कलेक्ट्रेट घेराव का ऐलान किया.
इस धरना प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल लगाने के साथ मजिस्ट्रियल ड्यूटी का आदेश दिया गया. लेकिन प्रदर्शनकारियों की संख्या हजारों में रही जिन्होंने पहले दशहार मैदान में सभा की फिर रैली निकालकर कलेक्ट्रेट का घेराव कर दिया. लगभग 200 गाड़ियां जला दी गई. कलेक्ट्रेट और एसपी ऑफिस आग के हवाले कर दिया गया. इस हिंसा में 40 से ज्यादा पुलिस अधिकारी, कर्मचारी और प्रशासनिक अधिकारियों को चोटें आई.
उपद्रवियों की धरपकड़ जारी, अब तक 121 गिरफ्तार: हिंसा के बाद कई आरोपियों को हिरासत में लिया गया है. कई आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है. इस दौरान तोड़फोड़ करने वाले कई आरोपियों को हिरासत में लेकर कार्रवाई की जा रही है. धरना प्रदर्शन का आयोजन करने वाले, गाली गलौज कर, तोड़फोड़ और पत्थर बाजी, आगजनी करने वाले आरोपियों के विरुद्ध थाना सिटी कोतवाली में धारा147,148,149,186,353,332,307,435,120B,427,435, सार्वजनिक संपत्ति निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3, 4 के तहत कुल 8 केस दर्ज किए गए हैं. घटना के दूसरे दिन 11 जून को 82 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया, 13 जून को 39 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. अन्य आरोपियों की तलाश भी जारी है.