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बसंत पंचमी के दिन घोषित होगी बदरीनाथ कपाट खुलने की तिथि, पांडुकेश्वर पहुंचा तेल कलश - कब खुलेंगे बदरीनाथ के कपाट

Badrinath Kapat Opening, Uttarakhand Chardham Yatra Date 14 फरवरी यानि बसंत पंचमी के दिन नरेंद्रनगर राजमहल में बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित की जाएगी. उससे पहले नृसिंह मंदिर जोशीमठ से निकला तेल कलश पांडुकेश्वर पहुंच गया है. 13 फरवरी को ये कलश ऋषिकेश पहुंचेगी. इसके बाद 14 फरवरी को कलश टिहरी राजमहल पहुंचेगी

Uttarakhand Chardham Yatra
बदरीनाथ कपाट खुलने की तिथि
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 12, 2024, 6:04 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड चारधाम की यात्रा शुरू होने में महज दो महीने का ही वक्त बचा है. जिसके कारण बदरी केदार मंदिर समिति चारधाम की यात्रा की तैयारियों में जुट गई है. इसी क्रम में बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय करने की प्रक्रिया 11 फरवरी से शुरू हो गई है. जिसके तहत 11 फरवरी को तेल कलश नृसिंह मंदिर जोशीमठ से विधिवत पूजा-अर्चना के बाद योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंच गया है. इसके बाद बसंत पंचमी यानी 14 फरवरी को तेल कलश टिहरी के नरेंद्रनगर स्थिति राजमहल पहुंचेगा. तेल कलश राजमहल पहुंचने के बाद बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने के साथ ही तेल कलश यात्रा की तिथि भी तय की जाएगी.

हर साल बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि बसंत पंचमी के दिन तय की जाती है. उसी क्रम में इस साल भी बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि नरेंद्रनगर राजमहल में 14 फरवरी को तय होगी. बसंत पंचमी के दिन ही डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधि, तेल कलश राजमहल को सौंपेंगे. इसके बाद कपाट खुलने और फिर तेल कलश यात्रा की तिथि तय की जाएगी. तिथियों के अनुसार, कलश में तिल का तेल भरकर बदरीनाथ धाम के लिए कलश यात्रा निकाली जाएगी. बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद इसी तिल के तेल से भगवान बदरीनाथ का महाभिषेक किया जाएगा.

रविवार यानी 11 फरवरी को नृसिंह मंदिर जोशीमठ से कलश लेकर निकले डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधि, शाम को योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचे. इसके बाद 12 फरवरी को लक्ष्मी-नारायण मंदिर डिम्मर पहुंचे. 13 फरवरी को ये कलश ऋषिकेश पहुंचेगी. इसके बाद 14 फरवरी को कलश टिहरी राजमहल पहुंचेगी. कलश राजमहल पहुंचने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

देहरादून: उत्तराखंड चारधाम की यात्रा शुरू होने में महज दो महीने का ही वक्त बचा है. जिसके कारण बदरी केदार मंदिर समिति चारधाम की यात्रा की तैयारियों में जुट गई है. इसी क्रम में बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय करने की प्रक्रिया 11 फरवरी से शुरू हो गई है. जिसके तहत 11 फरवरी को तेल कलश नृसिंह मंदिर जोशीमठ से विधिवत पूजा-अर्चना के बाद योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंच गया है. इसके बाद बसंत पंचमी यानी 14 फरवरी को तेल कलश टिहरी के नरेंद्रनगर स्थिति राजमहल पहुंचेगा. तेल कलश राजमहल पहुंचने के बाद बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने के साथ ही तेल कलश यात्रा की तिथि भी तय की जाएगी.

हर साल बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि बसंत पंचमी के दिन तय की जाती है. उसी क्रम में इस साल भी बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि नरेंद्रनगर राजमहल में 14 फरवरी को तय होगी. बसंत पंचमी के दिन ही डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधि, तेल कलश राजमहल को सौंपेंगे. इसके बाद कपाट खुलने और फिर तेल कलश यात्रा की तिथि तय की जाएगी. तिथियों के अनुसार, कलश में तिल का तेल भरकर बदरीनाथ धाम के लिए कलश यात्रा निकाली जाएगी. बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद इसी तिल के तेल से भगवान बदरीनाथ का महाभिषेक किया जाएगा.

रविवार यानी 11 फरवरी को नृसिंह मंदिर जोशीमठ से कलश लेकर निकले डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधि, शाम को योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचे. इसके बाद 12 फरवरी को लक्ष्मी-नारायण मंदिर डिम्मर पहुंचे. 13 फरवरी को ये कलश ऋषिकेश पहुंचेगी. इसके बाद 14 फरवरी को कलश टिहरी राजमहल पहुंचेगी. कलश राजमहल पहुंचने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

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