मुंबई: मुंबई पुलिस ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता बाबा सिद्दीकी के पुलिस सुरक्षा गार्ड श्याम सोनवाने को निलंबित कर दिया है. यह फैसला बाबा सिद्दीकी की हत्या के कुछ दिनों बाद लिया गया है. लिस सुरक्षा गार्ड श्याम सोनवाने घटना के समय महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री के साथ मौजूद था. मुंबई पुलिस के अनुसार, बाबा सिद्दीकी की सुरक्षा में तैनात कांस्टेबल श्याम सोनवाने ने उस समय सिद्दीकी पर गोली चलाने वाले आरोपी के खिलाफ अपनी ओर से 'कोई कार्रवाई नहीं की'. पुलिस ने कहा कि आंतरिक जांच भी चल रही है.
बाबा सिद्दीकी को निर्मल नगर में उनके कार्यालय के बाहर गोली मारी गई. उन्हें सीने में दो गोलियां लगीं और उन्हें आपातकालीन उपचार के लिए मुंबई के लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां 12 अक्टूबर को उनकी मौत हो गई. मुंबई पुलिस ने कहा कि आज एक अन्य घटनाक्रम में, गिरफ्तार आरोपियों में से एक के फोन में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी की तस्वीर मिली.
पुलिस के अनुसार, यह तस्वीर आरोपियों के साथ उनके हैंडलर ने स्नैपचैट के माध्यम से साझा की थी. मुंबई पुलिस ने कहा कि जांच में पता चला है कि शूटर और साजिशकर्ता सूचना साझा करने के लिए स्नैपचैट का इस्तेमाल करते थे. निर्देश दिए जाने के बाद संदेश डिलीट कर दिए जाते थे.
मुंबई क्राइम ब्रांच ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी राम कनौजिया ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि वह पहला व्यक्ति था, जिसे एनसीपी नेता की हत्या का कांट्रेक्ट दिया गया था. उसने शुरुआत में एक करोड़ रुपये की मांग की थी. उसके बयान के अनुसार, भगोड़े आरोपी शुभम लोनकर ने सबसे पहले बाबा सिद्दीकी की हत्या का कांट्रेक्ट राम कनौजिया को दिया था. कनौजिया ने हत्या को अंजाम देने के लिए एक करोड़ रुपये की मांग की थी. मुंबई क्राइम ब्रांच की ओर से पूछताछ के दौरान, राम कनौजिया ने खुलासा किया कि शुभम लोनकर ने शुरुआत में उसे और नितिन सप्रे को बाबा सिद्दीकी की हत्या का ठेका दिया था.
महाराष्ट्र के रहने वाले कनौजिया को बाबा सिद्दीकी की हत्या के परिणाम पता थे, यही वजह है कि वह इस वारदात को अंजाम देने से हिचकिचा रहा था. इसके चलते उसने काम के लिए एक करोड़ रुपये मांगे. इसके बाद, शुभम लोनकर ने राम कनौजिया को काम पर रखने के बजाय उत्तर प्रदेश के शूटरों को चुना.
कनोजिया ने आगे खुलासा किया कि शुभम लोनकर को पता था कि उत्तर प्रदेश के लोग महाराष्ट्र में बाबा सिद्दीकी के कद या प्रतिष्ठा के बारे में पूरी तरह से नहीं जानते होंगे. इसलिए, वे कम कीमत पर हत्या को अंजाम देने के लिए सहमत हो गए. जब राम कनौजिया और नितिन सप्रे पीछे हट गए, तो शुभम ने उत्तर प्रदेश के धर्म राज कश्यप, गुरनैल सिंह और शिवकुमार गौतम को इस काम के लिए राजी कर लिया.