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बांग्लादेशी नागरिकों के फर्जी पहचान पत्र बनाने वाले मो. राशिद को ATS ने दबोचा, बांग्लादेश भागने की फिराक में था - यूपी की ताजी न्यूज

बांग्लादेशी नागरिकों के फर्जी पहचान पत्र बनाने वाले मो. राशिद को एटीएस ने दबोच लिया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 1, 2024, 8:02 AM IST

कानपुरः बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद राशिद अहमद को ATS ने कानपुर से गिरफ्तार किया है. एटीएस की टीम ने देर रात उसे गिरफ्तार किया है. उससे पूछताछ की जा रही है. बताया जा रहा है कि राशिद बांग्लादेश भागने की फिराक में था.

दरअसल, बीते दिनों एटीएस को सूचना मिली थी कि कुछ व्यक्तियों द्वारा एक सिंडिकेट बनाया गया है, जो अवैध घुसपैठियों को उनकी पहचान छिपाकर फर्जी भारतीय दस्तावेजों के आधार पर भारत में प्रवेश कराता है. इसके साथ ही आर्थिक सहयोग कर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को भी बढ़ावा दे रहा है. इस सूचना पर एटीएस उत्तर प्रदेश द्वारा सर्विलांस की मदद लेकर कई आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था. इनमें अदिलुर रहमान असरफ, अबु हुरैरा गाजी, शेख नजीबुल हक, तानिया मंडल, इब्राहिम खान, मोहम्मद अब्दुल अव्वल व अबू सालेह आदि के नाम शामिल है. बुधवार को एटीएस की सूचना मिली कि इस सिडिंकेट का सदस्य मो. राशिद बांग्लादेश भागने की फिराक में है. वह आठ साल पहले टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था.

यहां आने के बाद देवबंद स्थित मदरसा दारुल उलूम में वह अपना नाम व पता बदलकर दाखिल हुआ था. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसने प. बंगाल के पते पर आधार कार्ड भी बनवा लिया था. वह वर्ष 2016 से देवबंद में ही रह रहा था. साथ ही मो. राशिद ने बताया कि पूर्व में गिरफ्तार हुए शेख नजीबुल हक एवं अबु हुरैरा गाजी से उसका संबंध था. बताया कि दोनों ने उसका फर्जी आधार कार्ड बनवाया था. गैंग में शामिल होकर वह भारत में अवैध रूप से घुसपैठ करने वाले बांग्लादेशी नागरिकों के फर्जी दस्तावेजों की मदद से आधार कार्ड तैयार करवाने लगा. इसके बदले उसे पैसे मिलते थे. उसने स्वीकारा कि पूर्व में गिरफ्तार बांग्लादेशी अदिलुर रहमान की भी आर्थिक मदद उसी ने की थी. एटीएस की टीम उससे पूछताछ कर रही है.

ये भी पढ़ेंः राम मंदिर परिसर में 45 दिवसीय राग सेवा कार्यक्रम, आज अनुराधा पौडवाल प्रस्तुत करेंगी भजन

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कानपुरः बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद राशिद अहमद को ATS ने कानपुर से गिरफ्तार किया है. एटीएस की टीम ने देर रात उसे गिरफ्तार किया है. उससे पूछताछ की जा रही है. बताया जा रहा है कि राशिद बांग्लादेश भागने की फिराक में था.

दरअसल, बीते दिनों एटीएस को सूचना मिली थी कि कुछ व्यक्तियों द्वारा एक सिंडिकेट बनाया गया है, जो अवैध घुसपैठियों को उनकी पहचान छिपाकर फर्जी भारतीय दस्तावेजों के आधार पर भारत में प्रवेश कराता है. इसके साथ ही आर्थिक सहयोग कर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को भी बढ़ावा दे रहा है. इस सूचना पर एटीएस उत्तर प्रदेश द्वारा सर्विलांस की मदद लेकर कई आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था. इनमें अदिलुर रहमान असरफ, अबु हुरैरा गाजी, शेख नजीबुल हक, तानिया मंडल, इब्राहिम खान, मोहम्मद अब्दुल अव्वल व अबू सालेह आदि के नाम शामिल है. बुधवार को एटीएस की सूचना मिली कि इस सिडिंकेट का सदस्य मो. राशिद बांग्लादेश भागने की फिराक में है. वह आठ साल पहले टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था.

यहां आने के बाद देवबंद स्थित मदरसा दारुल उलूम में वह अपना नाम व पता बदलकर दाखिल हुआ था. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसने प. बंगाल के पते पर आधार कार्ड भी बनवा लिया था. वह वर्ष 2016 से देवबंद में ही रह रहा था. साथ ही मो. राशिद ने बताया कि पूर्व में गिरफ्तार हुए शेख नजीबुल हक एवं अबु हुरैरा गाजी से उसका संबंध था. बताया कि दोनों ने उसका फर्जी आधार कार्ड बनवाया था. गैंग में शामिल होकर वह भारत में अवैध रूप से घुसपैठ करने वाले बांग्लादेशी नागरिकों के फर्जी दस्तावेजों की मदद से आधार कार्ड तैयार करवाने लगा. इसके बदले उसे पैसे मिलते थे. उसने स्वीकारा कि पूर्व में गिरफ्तार बांग्लादेशी अदिलुर रहमान की भी आर्थिक मदद उसी ने की थी. एटीएस की टीम उससे पूछताछ कर रही है.

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