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सियासी उथल-पुथल का फायदा उठाने की फिराक में BJP, चंपई सोरेन को लेकर नई रणनीति तैयार! - Assembly Elections 2024

झारखंड में भी इस साल के अंत में चुनाव होने हैं. मगर झारखंड की राजनीति में इस साल बहुत ही ज्यादा उथल-पुथल देखने को मिली है. खासतौर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा में इस साल जनवरी से ही सियासी हलचल देखने को मिल रही, जिसका पूरा फायदा बीजेपी उठाने की फिराक में है. ईटीवी की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट.

bjp new strategy political turmoil in jharkhand champai soren
पूर्व सीएम चंपई सोरेन (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 21, 2024, 10:33 PM IST

सियासी उथल-पुथल का फायदा उठाने की फिराक में BJP (ETV Bharat)

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है. झारखंड और महाराष्ट्र में भी इसी साल के अंत में चुनाव होने हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) चुनावी राज्यों में काफी सक्रिय है, लेकिन पार्टी खास ध्यान झारखंड और महाराष्ट्र पर दे रही है, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.

झारखंड के हालिया सियासी घटनाक्रम इस बात का इशारा कर रहे हैं कि भाजपा नए समीकरण साधने की तैयारी कर रही है. माना जा रहा है कि झारखंड के आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने की घटना से भाजपा को डर है कि इसका चुनाव में नुकसान न उठाना पड़े. इसी को ध्यान में रखते हुए भाजपा चंपई सोरेन को लेकर नई रणनीति तैयार कर सकती है.

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम से बातचीत (ETV Bharat)

सूत्रों की मानें तो चंपई सोरेन अपनी अलग पार्टी खड़ी कर सकते हैं. ये बातें भी सामने आ रहीं की कि यदि भाजपा की ये रणनीति सफल होती है और चंपई अपनी पार्टी बनाकर राज्य की सभी 81 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करते हैं तो वो राज्य की बड़ी आदिवासी आबादी का वोट काट सकते हैं और आने वाले दिनों में इसी रणनीति के इर्द-गिर्द चंपई सोरेन की राजनीति देखने को मिल सकती है. भारतीय जनता पार्टी झारखंड में ये दांव खेलने जा रही है.

सूत्रों की मानें तो BJP चाहती है कि चंपाई सोरेन अपनी अलग पार्टी या मोर्चा बनाएं और झारखंड की आदिवासी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करें और हेमंत सोरेन व जेएमएम के वोट काटें ताकि वो भाजपा को जीतने में मदद करें. चंपाई सोरेन को पार्टी में शामिल कराने से भाजपा और पूर्व सीएम दोनों को झारखंड में फायदे की बजाय नुकसान का डर है.

भाजपा ने चंपई सोरेन का समर्थन किया!
हेमंत सोरेन जमानत पर जेल से बाहर आए हैं. तीन जुलाई को चंपई सोरेन ने झारखंड के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था, या कहें उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. अब उन्होंने आरोप लगाया है कि जेएमएम ने उन्हें 'अपमानित' किया है, उनके 'आत्म सम्मान को ठेस' पहुंचाई गई है. वहीं, बीजेपी ने इसकी सार्वजनिक तौर पर कड़ी भर्त्सना की. उधर खबर है कि भाजपा के सहयोगी जेडीयू और आजसू भी अच्छी सीटों की मांग कर रहे हैं.

झारखंड में भ्रष्टाचारियों का बोलबाला...
झारखंड के राजनीतिक घटनाक्रम पर बात करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने कहा कि वहां भ्रष्टाचारियों का बोलबाला है. जब एक बार चंपई सोरेन को सीएम बना दिया गया तो हेमंत सोरेन ने उन्हें किस आधार पर हटाया. क्या राजा की कोख से ही राजा निकलता है. जेएमएम और इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियां यही सोच रखती हैं.

भाजपा का 10 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य
पार्टी के सदस्यता अभियान को लेकर गौतम ने कहा कि भाजपा बहुत बड़ी पार्टी है. सदस्यता अभियान के पहले चरण में 10 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है और हमें उम्मीद है कि ये लक्ष्य बहुत जल्द पूरा कर लिया जाएगा.

यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर चुनाव: अपनी पार्टी का घोषणापत्र जारी, राज्य का दर्जा बहाल करने और 500 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा

सियासी उथल-पुथल का फायदा उठाने की फिराक में BJP (ETV Bharat)

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है. झारखंड और महाराष्ट्र में भी इसी साल के अंत में चुनाव होने हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) चुनावी राज्यों में काफी सक्रिय है, लेकिन पार्टी खास ध्यान झारखंड और महाराष्ट्र पर दे रही है, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.

झारखंड के हालिया सियासी घटनाक्रम इस बात का इशारा कर रहे हैं कि भाजपा नए समीकरण साधने की तैयारी कर रही है. माना जा रहा है कि झारखंड के आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने की घटना से भाजपा को डर है कि इसका चुनाव में नुकसान न उठाना पड़े. इसी को ध्यान में रखते हुए भाजपा चंपई सोरेन को लेकर नई रणनीति तैयार कर सकती है.

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम से बातचीत (ETV Bharat)

सूत्रों की मानें तो चंपई सोरेन अपनी अलग पार्टी खड़ी कर सकते हैं. ये बातें भी सामने आ रहीं की कि यदि भाजपा की ये रणनीति सफल होती है और चंपई अपनी पार्टी बनाकर राज्य की सभी 81 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करते हैं तो वो राज्य की बड़ी आदिवासी आबादी का वोट काट सकते हैं और आने वाले दिनों में इसी रणनीति के इर्द-गिर्द चंपई सोरेन की राजनीति देखने को मिल सकती है. भारतीय जनता पार्टी झारखंड में ये दांव खेलने जा रही है.

सूत्रों की मानें तो BJP चाहती है कि चंपाई सोरेन अपनी अलग पार्टी या मोर्चा बनाएं और झारखंड की आदिवासी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करें और हेमंत सोरेन व जेएमएम के वोट काटें ताकि वो भाजपा को जीतने में मदद करें. चंपाई सोरेन को पार्टी में शामिल कराने से भाजपा और पूर्व सीएम दोनों को झारखंड में फायदे की बजाय नुकसान का डर है.

भाजपा ने चंपई सोरेन का समर्थन किया!
हेमंत सोरेन जमानत पर जेल से बाहर आए हैं. तीन जुलाई को चंपई सोरेन ने झारखंड के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था, या कहें उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. अब उन्होंने आरोप लगाया है कि जेएमएम ने उन्हें 'अपमानित' किया है, उनके 'आत्म सम्मान को ठेस' पहुंचाई गई है. वहीं, बीजेपी ने इसकी सार्वजनिक तौर पर कड़ी भर्त्सना की. उधर खबर है कि भाजपा के सहयोगी जेडीयू और आजसू भी अच्छी सीटों की मांग कर रहे हैं.

झारखंड में भ्रष्टाचारियों का बोलबाला...
झारखंड के राजनीतिक घटनाक्रम पर बात करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने कहा कि वहां भ्रष्टाचारियों का बोलबाला है. जब एक बार चंपई सोरेन को सीएम बना दिया गया तो हेमंत सोरेन ने उन्हें किस आधार पर हटाया. क्या राजा की कोख से ही राजा निकलता है. जेएमएम और इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियां यही सोच रखती हैं.

भाजपा का 10 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य
पार्टी के सदस्यता अभियान को लेकर गौतम ने कहा कि भाजपा बहुत बड़ी पार्टी है. सदस्यता अभियान के पहले चरण में 10 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है और हमें उम्मीद है कि ये लक्ष्य बहुत जल्द पूरा कर लिया जाएगा.

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