गुवाहाटी: कोई भी क्षेत्र हो, 21वीं सदी की महिलाएं कहीं पीछे नहीं हैं. घर-परिवार संभालने के साथ-साथ आज की महिलाएं खुद को स्थापित करने और अपनी अलग पहचान बनाने के लिए भी हरसंभव प्रयास कर रही हैं. ऐसी ही एक जुझारू महिला जो अपना नाम बनाने के मिशन पर हैं, वह असम के गुवाहाटी की रहने वाली मीनाक्षी दास हैं.
मीनाक्षी को दूसरों से अलग बनाने वाली बात यह है कि उन्होंने सड़कों पर रेसिंग करने, अपनी बाइक पर घूमने और दुनिया भर में यात्रा करने तथा अपना और देश का नाम बनाने का फैसला किया है.
कौन हैं मीनाक्षी दास: गुवाहाटी की 40 वर्षीया फिटनेस ट्रेनर मीनाक्षी दास ने 17 दिसंबर 2023 को बाइक से अपनी यात्रा शुरू की थी. उनका लक्ष्य दुनिया भर के 67 देशों की यात्रा करना है. वह अब तक 33 देशों की यात्रा पूरी कर चुकी हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में मीनाक्षी दास ने बताया कि वह 11 महीने में करीब 77 हजार किलोमीटर का सफर तय करेंगी.
बता दें कि युवती अपनी Bajaj Dominar मोटरसाइकिल से यूरोप, मध्य एशिया के अलग-अलग हिस्सों के साथ-साथ दक्षिण-पूर्व एशिया के लगभग सभी देशों की यात्रा करेगी. बता दें कि मीनाक्षी पूरी यात्रा पर करीब 54 लाख रुपये खर्च करेंगी.
उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि अकेले यात्रा करते समय मीनाक्षी को बाइक पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन सभी बाधाओं को पार करते हुए मीनाक्षी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए लंदन पहुंच चुकी हैं.
कहां से शुरू किया अपना सफर: लंदन पहुंचने से पहले, महिला बाइकर ने मध्य पूर्व और यूरोप के 18 देशों का दौरा किया है. पिछले साल दिसंबर में अपने मिशन पर निकलते समय मीनाक्षी दास ने यात्रा की शुरुआत में गुवाहाटी से नेपाल के लिए बाइक से यात्रा की और फिर वहां से मुंबई पहुंचीं. मुंबई से वह दुबई गईं और बाइक से 67 देशों की यात्रा का कार्यक्रम शुरू किया.
दुबई से मीनाक्षी अपनी बाइक पर सवार होकर संयुक्त अरब अमीरात, कतर, बहरीन, सऊदी अरब, जॉर्डन, इराक, ईरान, अजरबैजान, आर्मेनिया, जॉर्जिया, तुर्की, बुल्गारिया, रोमानिया, मोल्दोवा, स्लोवाकिया, हंगरी, सर्बिया, मैसेडोनिया, ग्रीस, अल्बानिया, क्रोएशिया, क्रोएशिया और स्लोवेनिया पहुंचीं. ऑस्ट्रिया, जर्मनी, फ्रांस, आयरलैंड और अंत में इंग्लैंड पहुंचने से पहले वह अब तक वह 33 देशों की यात्रा कर चुकी हैं.
यात्रा के दौरान किया कई चुनौतियों का सामना: मीनाक्षी के लिए यह यात्रा बिल्कुल भी आसान नहीं रही. बाइकर मीनाक्षी को अकेले बाइक पर विभिन्न देशों की यात्रा करते समय कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. मीनाक्षी ने अपनी बचत के साथ-साथ अपनी ज़मीन गिरवी रखकर 67 देशों की यात्रा करने का लक्ष्य रखा था. मीनाक्षी ने कहा कि उन्हें विभिन्न देशों में प्रवेश करने के लिए आवश्यक वीज़ा प्राप्त करने में भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
हालांकि, उन्होंने कहा कि उन देशों के कई असमिया प्रवासियों ने उन्हें वीजा प्राप्त करने में मदद की है. मीनाक्षी को जॉर्जिया जाते समय आर्मेनिया में सड़क दुर्घटना का भी सामना करना पड़ा. सऊदी अरब से गुजरते समय उन्हें रेत के तूफान का भी सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों में रहने वाले असमिया प्रवासियों, बाइक सवार समूहों और विभिन्न स्थानों के स्थानीय लोगों ने मीनाक्षी की यात्रा के दौरान उनकी मदद की है.
इतना लंबा सफर किस लिए?: गुवाहाटी की मीनाक्षी दास का लक्ष्य दुनिया के 67 देशों की बाइक से यात्रा करना है. मीनाक्षी दास ने पिछले साल 17 दिसंबर को गुवाहाटी से यह यात्रा शुरू की थी. मीनाक्षी का लक्ष्य लगभग 11 महीने की इस एकल वैश्विक यात्रा को इस साल दिसंबर तक पूरा करना है. मीनाक्षी दास ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य 67 देशों की यात्रा करके पूर्वोत्तर क्षेत्र और असम को दुनिया के सामने लाना है.