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असम के हैलाकांडी में स्वाइन फ्लू ने ली मासूम की जान, हाई अलर्ट जारी - Child died of swine flu in Assam

Child died of swine flu: असम के हैलाकांडी जिले में स्वाइन फ्लू के कारण एक बच्चे की मौत हो गई. अधिकारियों ने स्वाइन फ्लू वायरस को और अधिक फैलने से रोकने के लिए जिले में हाई अलर्ट लागू कर दिया है.

SWINE FLU IN HAILAKANDI ASSAM
सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्वाइन फ्लू से पीड़ितों का चल रहा इलाज (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 6, 2024, 9:31 PM IST

कछार: असम के हैलाकांडी में स्वाइन फ्लू से एक बच्चे की मौत हो गई. स्वाइन फ्लू को लेकर जिले में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक, कछार में स्वाइन फ्लू के मामले भी बढ़ गए हैं. कछार में चार बच्चों समेत पांच लोग स्वाइन फ्लू की चपेट में आ गए हैं. पीड़ितों का फिलहाल सिलचर मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है.

पीड़ित जिन बच्चों का इलाज चल रहा है, उनकी उम्र केवल 3, 4 और 5 महीना बताई जा रही है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि स्वाइन फ्लू को लेकर कोई घबराने की बात नहीं है. सिलचर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. भास्कर गुप्ता ने कहा कि सिलचर मेडिकल कॉलेज में अभी भी तीन बच्चों का स्वाइन फ्लू का इलाज चल रहा है. स्वाइन फ्लू से पीड़ित होने के बाद पिछले एक सप्ताह से बच्चों समेत पांच लोगों को सिलचर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. इनमें से दो को ठीक होने के बाद घर जाने की इजाजत दे दी गई है. इलाज करा रहे अन्य तीन लोग ठीक होने के कगार पर हैं. सिलचर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कि सावधानी बरतने से आप इस बीमारी से बच सकते हैं. डॉ. गुप्ता ने इस दौरान मास्क और सैनिटाइजर के उपयोग के साथ-साथ सामाजिक दूरी बनाए रखने की अपील की.

स्वाइन फीवर एक ऐसी बीमारी है जो आमतौर पर सूअरों में देखी जाती है. इस बीमारी का निदान अमेरिका में 1930 में हुआ था. आंकड़ों के मुताबिक, 2013 में भारत में 700 लोगों की मौत हुई थी. स्वाइन फ्लू मूल रूप से एक वायरस के कारण होने वाली श्वसन बीमारी है. इसका मुख्य कारण इन्फ्लूएंजा वायरस-ए है. इस रोग से पीड़ित मरीजों में छींक आना, पानी आना, खांसी, सांस लेने में दिक्कत, निमोनिया आदि लक्षण होते हैं. बच्चों में इस रोग का प्रभाव बहुत जल्दी पाया जाता है.

पढ़ें: महाराष्ट्र के नासिक में स्वाइन फ्लू से एक महिला की मौत

कछार: असम के हैलाकांडी में स्वाइन फ्लू से एक बच्चे की मौत हो गई. स्वाइन फ्लू को लेकर जिले में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक, कछार में स्वाइन फ्लू के मामले भी बढ़ गए हैं. कछार में चार बच्चों समेत पांच लोग स्वाइन फ्लू की चपेट में आ गए हैं. पीड़ितों का फिलहाल सिलचर मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है.

पीड़ित जिन बच्चों का इलाज चल रहा है, उनकी उम्र केवल 3, 4 और 5 महीना बताई जा रही है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि स्वाइन फ्लू को लेकर कोई घबराने की बात नहीं है. सिलचर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. भास्कर गुप्ता ने कहा कि सिलचर मेडिकल कॉलेज में अभी भी तीन बच्चों का स्वाइन फ्लू का इलाज चल रहा है. स्वाइन फ्लू से पीड़ित होने के बाद पिछले एक सप्ताह से बच्चों समेत पांच लोगों को सिलचर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. इनमें से दो को ठीक होने के बाद घर जाने की इजाजत दे दी गई है. इलाज करा रहे अन्य तीन लोग ठीक होने के कगार पर हैं. सिलचर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कि सावधानी बरतने से आप इस बीमारी से बच सकते हैं. डॉ. गुप्ता ने इस दौरान मास्क और सैनिटाइजर के उपयोग के साथ-साथ सामाजिक दूरी बनाए रखने की अपील की.

स्वाइन फीवर एक ऐसी बीमारी है जो आमतौर पर सूअरों में देखी जाती है. इस बीमारी का निदान अमेरिका में 1930 में हुआ था. आंकड़ों के मुताबिक, 2013 में भारत में 700 लोगों की मौत हुई थी. स्वाइन फ्लू मूल रूप से एक वायरस के कारण होने वाली श्वसन बीमारी है. इसका मुख्य कारण इन्फ्लूएंजा वायरस-ए है. इस रोग से पीड़ित मरीजों में छींक आना, पानी आना, खांसी, सांस लेने में दिक्कत, निमोनिया आदि लक्षण होते हैं. बच्चों में इस रोग का प्रभाव बहुत जल्दी पाया जाता है.

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