नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं होते देख आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के बाद दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया. केजरीवाल रविवार को पंजाब में जनसभा को संबोधित कर रहे थे.
सीएम केजरीवाल ने पंजाब की जनता से कहा कि दिल्ली के लोगों ने ठान लिया है कि सभी सात सीट आम आदमी पार्टी को देंगे. इससे पहले, केजरीवाल शनिवार को कह चुके हैं कि पंजाब की सभी 13 सीटें और चंडीगढ़ की लोकसभा सीट जीतेंगे. आम आदमी पार्टी गुजरात के भरूच और असम की तीन लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. मंगलवार 13 फरवरी को गोवा, गुजरात और हरियाणा में उम्मीदवारों को तय करने के लिए पार्टी ने पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक बुलाई हुई है.
पहली बार बीजेपी को हारने के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने के तैयारी में है. हालांकि, इस बाबत अभी तक अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. इसी बीच आम आदमी पार्टी के मुखिया केजरीवाल ने पंजाब और दिल्ली की सीटों पर अकेले प्रत्याशी उतारने की बात कही है. सीट शेयरिंग के मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में जिस तरह की बातें हो रही है यह मतभेद नया नहीं है. क्योंकि गत वर्षो के दौरान दिल्ली से लेकर देश से जुड़े मुद्दे पर भी दोनों ही राजनीतिक दलों की राय अलग-अलग रही है.
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बता दें कि राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद आम आदमी पार्टी अपने राष्ट्रीय विस्तार की संभावनाएं तलाश रही है. दिल्ली में भी लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपना खाता खोलकर धमक दिखाना चाहती है. पिछले दोनों वर्ष 2014, 2019 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपना खाता नहीं खोल पाई थी, दोनों बार दिल्ली की सातों लोकसभा सीटें बीजेपी के खाते में चली गई. यहां तक कि 7 में से 5 सीटों पर आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर रही थी और उसे केवल 18.2 फीसद वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस को 22.6 फीसद और बीजेपी को सातों सीट मिलाकर 56.9 फीसद वोट मिले थे.
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