तेजपुर (असम) : पश्चिमी अरुणाचल प्रदेश के तवांग-पश्चिम कामेंग क्षेत्र में गोरीचेन रेंज (Gorichen Range) में एक शिखर का नाम छठे दलाई लामा त्सांगयांग ग्यात्सो के नाम पर रखा गया है. राष्ट्रीय पर्वतारोहण और साहसिक खेल संस्थान (एनआईएमएएस) के 15 सदस्यों के दल ने 15 दिनों के लंबे ट्रैक के बाद हिमालय के गोरीचेन पर्वत श्रृंखला में 20,942 फीट ऊंचे एक अज्ञात शिखर पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की.
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने एक बायन में कहा कि यह शिखर इस क्षेत्र में तकनीकी रूप से सबसे चुनौतीपूर्ण और अज्ञात शिखरों में से एक है. उन्होंने कहा, "बर्फ की ऊंची चट्टानें, खतरनाक दरारों और 2 किलोमीटर लंबे ग्लेशियर सहित कई चुनौतियों को पार करने के बाद टीम ने 6वें दलाई लामा रिग्जेन त्सांगयांग ग्यात्सो के सम्मान में चोटी का नाम 'त्सांगयांग ग्यात्सो पीक' रखकर इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को अमर कर दिया है."
रावत ने कहा कि छठे दलाई लामा के नाम पर इस चोटी का नाम रखकर NIMAS का उद्देश्य उनकी कालातीत बुद्धिमत्ता और मोनपा समुदाय और उनके गहन योगदान को श्रद्धांजलि देना है.
उन्होंने कहा कि "त्सांगयांग ग्यात्सो शिकर" को जीतने का अभियान NIMAS टीम द्वारा किए गए अब तक के सबसे कठिन अभियानों में से एक था. मार्ग खतरनाक दरारों, खड़ी बर्फ की चट्टानें और विपरीत मौसम की स्थिति से भरा था. हालांकि, दृढ़ संकल्प और टीम वर्क के जरिये टीम इन चुनौतियों को पार करने और शिखर तक पहुंचने में सफल रही.
भारत में साहसिक कार्य और पर्वतारोहण के क्षेत्र में अग्रणी NIMAS ने भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन (IMF) को इस चढ़ाई और चोटी का नामकरण करने के निर्णय के बारे में सूचित कर दिया है. रावत ने कहा कि पर्वत शिखर के नामकरण के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि 'त्सांगयांग ग्यात्सो शिखर" को आधिकारिक मानचित्र पर मान्यता मिल सके.
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