बेंगलुरु: यौन उत्पीड़न के आरोप झेल रहे हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ 42वीं एसीएमएम कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. आरोपी प्रज्वल रेवन्ना विदेश में हैं. प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ ब्लू कॉर्नर जारी किया गया था, लेकिन वह नहीं मिले.
रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए कानूनी प्रक्रिया एक बाधा थी. एसआईटी ने कोर्ट को अब तक उठाए गए कानूनी कदमों के बारे में आश्वस्त किया था. एसआईटी ने जारी किए गए लुकआउट नोटिस और ब्लू कॉर्नर नोटिस के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि मूल आरोप पत्र जमा करने की कोई आवश्यकता नहीं है. इसे समझते हुए कोर्ट ने प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट का आदेश जारी कर दिया है.
दरअसल रेड कॉर्नर नोटिस अचानक जारी नहीं किया जा सकता क्योंकि आदेश जारी हो चुका है. यदि इस नोटिस को लागू करना है तो आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करना होगा. अधिकारियों ने कहा कि रेवन्ना को विदेश में रहने के दौरान गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. यौन शोषण के आरोप मामले में प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ होलेनरासीपुर पुलिस स्टेशन और अन्य स्टेशनों में मामला दर्ज किया गया है.
भाजपा नेता देवराजे गौड़ा के दावे को बताया बकवास : उधर, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार और राज्य के अन्य मंत्री प्रियंका खड़गे, एन चालुवरया स्वामी ने शनिवार को प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े कथित दुर्व्यवहार वाले वीडियो वाले पेन ड्राइव के प्रसार में उनकी भूमिका के आरोपों को खारिज कर दिया. वहीं, भाजपा ने कार्रवाई की मांग की है.
यहां पत्रकारों से बात करते हुए शिवकुमार ने कहा, 'बेहतर होगा, उन्हें (गौड़ा) लोकायुक्त या किसी अन्य एजेंसी के समक्ष मामला दायर करने दें. मुझे लगता है कि उन्हें मानसिक रूप से कुछ समस्याएं हैं. मुझे बहुत खेद है, राष्ट्रीय और राज्य मीडिया को ऐसे बेबुनियाद आरोप नहीं उठाना चाहिए था. एक व्यक्ति जो जेल में है, वह ऐसे आरोप कैसे लगा सकता है? मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता.'
यह पूछे जाने पर कि क्या वह गौड़ा के खिलाफ कोई मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे, उन्होंने कहा, 'मैं मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता या बोलना नहीं चाहता. मैं उनकी पार्टी के लोगों से अपील करता हूं कि वे उनका अच्छा इलाज कराएं.' शिवकुमार ने यह भी कहा कि उनकी सरकार यौन शोषण मामले की पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है, और विशेष जांच दल (एसआईटी) की चल रही जांच के बारे में विश्वास व्यक्त किया.
प्रियांक खड़गे ने ये कहा : मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि 'गौड़ा ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार के तीन जिम्मेदार मंत्री एक टीम का हिस्सा थे और यह एक साजिश थी. हम चर्चा करेंगे, जो भी कानूनी रास्ता निकलेगा, हम लेंगे देवराजे गौड़ा शायद शिवकुमार और सिद्धारमैया को बदनाम करने के लिए ऐसा कर रहे हैं. अगर उनके पास 100 करोड़ रुपये की पेशकश थी, तो उन्हें अमित शाह (केंद्रीय गृह मंत्री) को बताना चाहिए था और इसकी जांच करानी चाहिए थी. वह सीबीआई, ईडी या आईटी छापे लगवा सकते थे. उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया? दावा किया गया कि उन्हें (गौड़ा को) एक क्लब में अग्रिम राशि के रूप में 5 करोड़ रुपये भेजे गए थे, उन्हें सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करने दें और देखें कि वहां कौन-कौन थे.'