जम्मू: भारतीय सेना ने बुधवार को एक भव्य पुष्पांजलि समारोह में चार वर्षीय सेना के कुत्ते फैंटम को श्रद्धांजलि दी. यहां एडी ब्रिगेड उधमपुर द्वारा आयोजित इस समारोह में सेना के शीर्ष अधिकारी और कई सैनिक शामिल हुए. सेना का बेल्जियन मेलिनोइस नस्ल का हमलावर कुत्ता फैंटम सोमवार को जम्मू के अखनूर सेक्टर में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान आतंकवादियों का पीछा करते हुए शहीद हो गया था.
सेना के अनुसार, यह अभियान सुबह-सुबह उस समय शुरू हुआ जब आतंकवादियों ने अखनूर के बट्टल के घने जंगलों में सेना के काफिले पर अचानक घात लगाकर हमला कर दिया. फैंटम ने चुनौतीपूर्ण जंगल इलाके में आतंकवादियों के निशानों को ट्रैक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. जैसे-जैसे ऑपरेशन आगे बढ़ा, कुत्ते ने छिपे हुए विस्फोटकों का पता लगाया और संभावित भागने के रास्तों की पहचान की, जिससे सैनिकों को घेराबंदी को और मजबूत करने में मदद मिली. दुर्भाग्यवश, एक नजदीकी मुठभेड़ के दौरान, सेना का कुत्ता, आतंकवादियों के हमले से सैनिकों की रक्षा करने के प्रयास में गंभीर रूप से घायल हो गया.
A solemn wreath-laying ceremony was organised today at #Udhampur to pay homage to #ArmyDog #Phantom who made the supreme sacrifice in dense jungles of Battal, Akhnoor (J&K) on 28th Oct 2024. His sacrifice will never be forgotten.@SpokespersonMoD@adgpi@Whiteknight_IA @diprjk pic.twitter.com/A30hurEx2V
— PRO Defence Jammu (@prodefencejammu) October 30, 2024
सेना ने कहा कि आतंकवादियों पर नियंत्रण सुनिश्चित करने में उनकी कार्रवाई अहम थी, जो सेना के श्वान योद्धाओं की बहादुरी, वफादारी और महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करती है. मई 2020 में जन्मे फैंटम को अगस्त 2022 में इस क्षेत्र में शामिल किया गया था और तब से वह कई महत्वपूर्ण मिशनों का एक अहम हिस्सा रहा है. फैंटम का बलिदान राष्ट्रीय सुरक्षा और शांति की खोज में वहन की जाने वाली उच्च लागतों की एक कठोर याद दिलाता है. वरिष्ठ अधिकारियों ने फैंटम के सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि दी तथा सैनिकों की त्वरित एवं समन्वित प्रतिक्रिया की सराहना की.
इस बारे में जम्मू के रक्षा जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि फैंटम की बहादुरी ने लोगों की जान बचाई और ऑपरेशन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उसके बलिदान को सम्मान के साथ याद किया जाएगा. उन्होंने कहा कि फैंटम की वजह से ड्रोन, आयुध गिराने वाले उपकरणों और रात्रि निगरानी उपकरणों सहित उन्नत प्रौद्योगिकी द्वारा समर्थित इस अभियान ने आतंकवादी खतरे को सफलतापूर्वक निष्प्रभावी कर दिया. इसके अलावा किसी भी प्रकार के भागने को रोक दिया और यह सुनिश्चित किया कि कोई भी सैनिक हताहत न हो. इस मिशन ने दिवाली समारोह में बाधा डालने के प्रयासों के बावजूद शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए सेना की प्रतिबद्धता को मजबूत किया.
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