पानीपत/चंडीगढ़ : देश में नकल और पेपर लीक पर शिकंजा कसने के लिए केंद्र सरकार ने संसद में एंटी पेपर लीक बिल पेश कर दिया है. बिल में पेपर लीक के दोषी को सख्त सज़ा देने का प्रावधान किया गया है. संसद में पेश एंटी पेपर लीक बिल के मुताबिक अगर कोई परीक्षा के पेपर लीक करने के आरोप में दोषी पाया जाता है तो उसे 10 साल की सज़ा के साथ ही 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है.आपको बता दें कि बिल के मुताबिक यूपीएससी, रेलवे भर्ती बोर्ड, बैंकिंग, एसएससी, NEET-मेडिकल और इंजीनियरिंग समेत कई परीक्षाएं इसमें शामिल है.
परीक्षार्थियों की परेशान होगी कम : उम्मीद जताई जा रही है कि संसद में पेश किए इस बिल के बाद पेपर लीक पर लगाम लगेगी और परीक्षार्थियों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. ईटीवी भारत ने संसद में पेश इस बिल पर हरियाणा के स्टूडेंट्स की राय जानने की कोशिश की. पानीपत की रहने वाली छात्रा राधिका ने कहा कि ये केंद्र सरकार की बहुत अच्छी पहल है. जिन स्टूडेंट्स को पेपर लीक के चलते बार-बार एग्जाम देना पड़ता था, उन्हें इस बिल के बाद अब एक ही बार एग्जाम देना पड़ेगा और वे बार-बार पेपर लीक होने से परेशान नहीं होंगे. पेपर लीक के बाद एग्जाम रद्द हो जाया करते थे और ऐसे में स्टूडेंट्स को परीक्षा की तैयारी दोबारा से करनी पड़ती थी. इस बिल के बाद अब इस परेशानी से दो-चार नहीं होना पड़ेगा. इसके साथ ही उन लोगों को भी सज़ा मिलेगी जो छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया करते थे.
सरकार की अच्छी पहल : वहीं ईटीवी भारत से बात करते हुए धर्मेंद्र ने कहा कि एंटी पेपर लीक बिल लाना मोदी सरकार की एक अच्छी पहल है. सरकार के इस कदम से उन लोगों पर शिकंजा कसेगा जो छोटे से लालच के लिए छात्रों के जीवन से खिलवाड़ करते थे. एंटी पेपर लीक बिल के बारे में पूछे जाने पर छात्रा साक्षी कहती है कि पेपर लीक होने के चलते परीक्षा को रद्द कर दिया जाता था और स्टूडेंट्स को परेशान होना पड़ता था. इस बिल के बाद उम्मीद है कि पेपर सिर्फ एक बार में ही हो जाएगा और उसका रिजल्ट भी जल्दी आएगा. छात्रों के हित में सरकार की ये अच्छी पहल है.
पेपर लीक का काला कारोबार : अगर पेपर लीक की बात की जाए तो पिछले कुछ अरसे में अलग-अलग राज्यों में पेपर लीक के कई मामले सामने आए हैं और लाखों युवा पेपर लीक के चलते प्रभावित हुए हैं. हाल ही में हुए राजस्थान के विधानसभा चुनाव में पेपर लीक भी एक बड़ा मुद्दा था. अगर हरियाणा की बात करें तो एचपीएससी और एसएससी के जरिए पिछले 5 सालों में 45 से ज्यादा पेपर लीक हुए हैं. इनका खुलासा होने पर कई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाई गई और कई एफआईआर दर्ज हुए. लेकिन अब तक किसी आरोपी को दोषी नहीं पाया गया और न ही सजा मिली. केंद्र सरकार की मंशा बिल के जरिए पेपर लीक के काले कारोबार पर रोक लगाने की है जिससे देश के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके.
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