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उत्तराखंड के सीमांत जिलों में होगा ₹200 करोड़ का बिजनेस, पशु-मछली पालक ITBP को सप्लाई करेंगे मटन-चिकन

सीमांत जिले पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चमोली के पशु और मछली पालकों के लिए अच्छी खबर.

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बीवीआरसी पुरुषोत्तम सचिव पशुपालन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

Updated : 13 minutes ago

देहरादून: उत्तराखंड सचिवालय देहरादून में बुधवार 23 अक्टूबर को हुई कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए. इसमें से एक फैसला सीमांत जिलों पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चमोली के पशु और मछली पालकों के लिए था. इस फैसले के तहत आईटीबीपी (इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस) को स्थानीय पशु पालक ही मीट उपलब्ध कराएंगे. इस संबंध में जल्द ही उत्तराखंड सरकार और आईटीबीपी के साथ एमओयू किया जाएगा. जिस पर बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी मिल गई है.

दरअसल, उत्तराखंड सरकार प्रदेश के बॉर्डर जिलों में रहने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए एक योजना तैयार की है. इस योजना के तहत न सिर्फ आसानी से आईटीबीपी बटालियन को मटन, चिकन और मछली मिल पाएगी, बल्कि इन तीनों जिलों में इस योजना से करीब 200 करोड़ रुपए का व्यापार होगा, जिससे स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.

ITBP
बीते साल सीएम धामी की आईटीबीपी के तत्कालीन डीजी अनीश दयाल सिंह से मुलाकात हुई थी. (फोटो- सीएम X अकाउंट.)

बता दें कि करीब एक साल पहले सात सितंबर 2023 को आईटीबीपी के तत्कालीन डीजी अनीश दयाल सिंह ने मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की थी. इस दौरान दोनों के बीच लंबी चर्चा हुई थी. मुख्यमंत्री धामी ने अपनी इच्छा जाहिर करते हुए कहा था कि आईटीबीपी सीमांत जिले पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी के स्थानीय लोगों से ही खरीदारी करे, जिसके यहां के लोगों की आर्थिकी मजबूत होगी. सीएम धामी के इस प्रस्ताव पर तत्कालीन आईटीबीपी डीजी अनीश दयाल सिंह ने सहमति जताई थी.

इसके बाद सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगौली के निर्देश पर पशुपालन विभाग ने योजना तैयार की. जिसके तहत उत्तराखंड के पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी जिलों में मौजूद 10 हज़ार भेड़ और बकरी पालक आईटीबीपी बटालियन को मटन की सप्लाई करेंगे. इसके साथ ही इन तीनों जिलों के एक हज़ार कुक्कुट पालक बॉयलर और देशी चिकन आईटीबीपी बटालियन को सप्लाई करेंगे. इसके अलावा इन तीनों जिलों के करीब 500 मत्स्य पालक आईटीबीपी बटालियन को मछली की सप्लाई करेंगे.

इस बारे में सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि इस योजना से करीब 200 करोड़ रुपए का व्यापार होगा, जिससे स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. साथ ही बताया कि अभी इस योजना का कोई नाम नहीं रखा गया है, लेकिन सहकारी समिति के जरिए आईटीबीपी बटालियन को मटन, चिकन और मछली उपलब्ध कराई जाएगी. फिलहाल तीन जिलों से सप्लाई करने का निर्णय लिया गया है. अगर सप्लाई में कोई कमी आएगी, तो अन्य जिलों से मंगवाकर आईटीबीपी को मटन, चिकन और मछली उपलब्ध कराई जाएगी.

पशुपालन सचिव ने बताया कि आईटीबीपी बटालियन को जो मटन, चिकन और मछली सप्लाई की जाएगी, उसका पेमेंट करीब डेढ़ से 2 महीने बाद आएगा. इसको देखते हुए उत्तराखंड शासन ने पशुपालन विभाग को 5 करोड़ रुपए भी उपलब्ध कराए हैं, ताकि 2 दिन के भीतर ही पशुपालकों को भुगतान किया जा सके. इसके साथ ही आईटीबीपी बटालियन को मार्केट रेट से सस्ते दरों पर मटन, चिकन और मछली उपलब्ध कराई जाएगी. ऐसे में इस गैप फिलिंग को भरने के लिए भी उत्तराखंड शासन ने चार करोड़ रुपए की अतिरिक्त धनराशि भी उपलब्ध कराई जाएगी.

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देहरादून: उत्तराखंड सचिवालय देहरादून में बुधवार 23 अक्टूबर को हुई कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए. इसमें से एक फैसला सीमांत जिलों पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चमोली के पशु और मछली पालकों के लिए था. इस फैसले के तहत आईटीबीपी (इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस) को स्थानीय पशु पालक ही मीट उपलब्ध कराएंगे. इस संबंध में जल्द ही उत्तराखंड सरकार और आईटीबीपी के साथ एमओयू किया जाएगा. जिस पर बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी मिल गई है.

दरअसल, उत्तराखंड सरकार प्रदेश के बॉर्डर जिलों में रहने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए एक योजना तैयार की है. इस योजना के तहत न सिर्फ आसानी से आईटीबीपी बटालियन को मटन, चिकन और मछली मिल पाएगी, बल्कि इन तीनों जिलों में इस योजना से करीब 200 करोड़ रुपए का व्यापार होगा, जिससे स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.

ITBP
बीते साल सीएम धामी की आईटीबीपी के तत्कालीन डीजी अनीश दयाल सिंह से मुलाकात हुई थी. (फोटो- सीएम X अकाउंट.)

बता दें कि करीब एक साल पहले सात सितंबर 2023 को आईटीबीपी के तत्कालीन डीजी अनीश दयाल सिंह ने मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की थी. इस दौरान दोनों के बीच लंबी चर्चा हुई थी. मुख्यमंत्री धामी ने अपनी इच्छा जाहिर करते हुए कहा था कि आईटीबीपी सीमांत जिले पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी के स्थानीय लोगों से ही खरीदारी करे, जिसके यहां के लोगों की आर्थिकी मजबूत होगी. सीएम धामी के इस प्रस्ताव पर तत्कालीन आईटीबीपी डीजी अनीश दयाल सिंह ने सहमति जताई थी.

इसके बाद सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगौली के निर्देश पर पशुपालन विभाग ने योजना तैयार की. जिसके तहत उत्तराखंड के पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी जिलों में मौजूद 10 हज़ार भेड़ और बकरी पालक आईटीबीपी बटालियन को मटन की सप्लाई करेंगे. इसके साथ ही इन तीनों जिलों के एक हज़ार कुक्कुट पालक बॉयलर और देशी चिकन आईटीबीपी बटालियन को सप्लाई करेंगे. इसके अलावा इन तीनों जिलों के करीब 500 मत्स्य पालक आईटीबीपी बटालियन को मछली की सप्लाई करेंगे.

इस बारे में सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि इस योजना से करीब 200 करोड़ रुपए का व्यापार होगा, जिससे स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. साथ ही बताया कि अभी इस योजना का कोई नाम नहीं रखा गया है, लेकिन सहकारी समिति के जरिए आईटीबीपी बटालियन को मटन, चिकन और मछली उपलब्ध कराई जाएगी. फिलहाल तीन जिलों से सप्लाई करने का निर्णय लिया गया है. अगर सप्लाई में कोई कमी आएगी, तो अन्य जिलों से मंगवाकर आईटीबीपी को मटन, चिकन और मछली उपलब्ध कराई जाएगी.

पशुपालन सचिव ने बताया कि आईटीबीपी बटालियन को जो मटन, चिकन और मछली सप्लाई की जाएगी, उसका पेमेंट करीब डेढ़ से 2 महीने बाद आएगा. इसको देखते हुए उत्तराखंड शासन ने पशुपालन विभाग को 5 करोड़ रुपए भी उपलब्ध कराए हैं, ताकि 2 दिन के भीतर ही पशुपालकों को भुगतान किया जा सके. इसके साथ ही आईटीबीपी बटालियन को मार्केट रेट से सस्ते दरों पर मटन, चिकन और मछली उपलब्ध कराई जाएगी. ऐसे में इस गैप फिलिंग को भरने के लिए भी उत्तराखंड शासन ने चार करोड़ रुपए की अतिरिक्त धनराशि भी उपलब्ध कराई जाएगी.

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