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असम में राहुल गांधी की न्याय यात्रा के रुके पहिए, कांग्रेस ने हिमंता सरकार पर बोला हमला

Rahul Gandhi राहुल गांधी की न्याय यात्रा इन दिनों असम में है.पिछले दो दिनों में राहुल गांधी की यात्रा को परेशानियों से गुजरना पड़ा.पहले तो राहुल गांधी को बटाद्रवा शंकर देव मठ जाने से रोका गया.वहीं जब राहुल गांधी ने विरोध करने के बाद काफिला आगे बढ़ाया तो बीजेपी समर्थकों ने उनकी यात्रा के बीच में जाकर जय श्रीराम के नारे लगाए.Rahul Gandhi Nyay Yatra IN Assam

Rahul Gandhi Nyay Yatra
असम में राहुल गांधी की न्याय यात्रा के रुके पहिए
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 22, 2024, 6:26 PM IST

रायपुर : एक तरफ बीजेपी अयोध्या राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भव्य बना रही थी.तो दूसरी तरफ कांग्रेस के नेताओं ने इस समारोह से दूरी बनाई.वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस दिन असम में न्याय यात्रा निकाल रहे थे.राहुल गांधी अपनी न्याय यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों से मुलाकात करते हुए आगे बढ़ रहे हैं.इसी क्रम में राहुल गांधी की यात्रा असम पहुंची.जहां राहुल गांधी ने एक बार आरोप लगाकर राजनीति गर्म दी.

क्या है पूरा मामला ? : राहुल गांधी का सोमवार नगांव जिले के बटाद्रवा स्थित श्री श्री शंकर देव सत्र (मठ) मंदिर जाने का कार्यक्रम था. लेकिन स्थानीय प्रशासन ने राहुल गांधी और उनकी टीम को बटाद्रवा से करीब 17 किलोमीटर पहले ही हैबोरगांव में रोक लिया. असमिया समाज में प्रतिष्ठित वैष्णव संत श्रीमंत शंकर देव की जन्म स्थली बटाद्रवा सत्र मंदिर में जाने से रोकने से नाराज कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने कार्यकर्ताओं के साथ हैबरगांव में ही धरने पर बैठ गए.इस दौरान राहुल गांधी ने समर्थकों के साथ ही सड़क पर भजन गाना शुरु कर दिया.

  • भारत की सांस्कृतिक विविधता को शंकर देव जी ने भक्ति के माध्यम से एकता के सूत्र में पिरोया, लेकिन आज मुझे उन्हीं के स्थान पर माथा टेकने से रोका गया।

    मैंने मंदिर के बाहर से ही भगवान को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लिया।

    अमर्यादित सत्ता के विरुद्ध मर्यादा का यह संघर्ष हम आगे बढ़ाएंगे। pic.twitter.com/EjMS1hB6pG

    — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 22, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'' मुझे मंदिर बुलाया गया लेकिन पुलिस हमें मंदिर जाने से रोक रही है, साफ है कि 'ऊपर' से आदेश आया है.इसलिए मुझे मंदिर जाने से रोक दिया गया है.''- राहुल गांधी

छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने असम सरकार को घेरा : इस पूरे वाक्ये पर अब कांग्रेस असम सरकार को घेर रही है.छत्तीसगढ़ में भी न्याय यात्रा को रोके जाने को लेकर माहौल गर्म है.छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि अरे कांप काहे रहे हैं हिमंता बाबू... हमारे मंदिर जाने से इतना डर ? हमारे पूर्व निर्धारित कार्यक्रम पर यह रोक आपके डर का प्रमाण है, मोहब्बत और नफरत में यही तो अंतर है. मोहब्बत के रास्ते राहुल जी की तरह निर्भीक बनाते हैं और नफरत एक पदेन मुख्यमंत्री को भी कायर बना देती है. कांग्रेस हिमंता बिस्वा सरमा को एक कायर मुख्यमंत्री कहकर सोशल मीडिया में निशाना बना रही है.

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी साधा निशाना : राहुल गांधी को रोके जाने की घटना पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा को आड़े हाथों लिया है. भूपेश बघेल ने कहा कि आज BJP सरकार राहुल गांधी जी को मंदिर जाने से रोक रही है. बीजेपी सरकार को आस्था पर पहरा लगाने का हक किसने दिया? यह अन्याय है, हम इसके खिलाफ लड़ते रहेंगे. मंदिर जाने से रोकना? समझ क्या रखा है? अब धार्मिक स्थलों पर भी इनका नियंत्रण चलेगा क्या? ये गुंडागर्दी ज्यादा दिन की नहीं हैं. समझ लीजिए. जब कोई सुबाहु और मारीच किसी को पूजा, यज्ञ करने से रोकते हैं, तब-तब प्रभु श्री राम उसका वध करते हैं. अति का अंत निश्चित है.

असम के लिए रवाना हुए भूपेश बघेल : इस दौरान भूपेश बघेल ने असम के सीएम को डरपोक कहा.भूपेश बघेल के मुताबिक असम विधानसभा चुनाव में पर्यवेक्षक के रूप में काम करते वक्त ही हिमंता बिस्वा सरमा के डर का अंदाजा लग गया था. भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर हमला और राहुलजी को मिल रहे अपार जनसमर्थन से घबराकर यात्रा को रोकने की कोशिश की जा रही है.

कौन हैं बटाद्रवा शंकर देव : आपको बता दें कि जब से कांग्रेस ने बताया कि 22 जनवरी की सुबह राहुल गांधी बटाद्रवा श्री श्री शंकर देव सत्र जाएंगे,तब से राजनीति गर्माने लगी थी.सत्ताधारी दल बीजेपी ने लॉ एंड ऑर्डर का हवाला देते हुए राहुल गांधी को बटाद्रवा जाने से रोका था. आपको बता दें कि 15वीं-16वीं शताब्दी के संत-विद्वान और सामाजिक-धार्मिक सुधारक श्रीमंत शंकरदेव असम के समावेशी संस्कृति के प्रतीक माने जाते हैं. देश में चल रही हिंदुत्ववादी राजनीति में राहुल गांधी का बटाद्रवा पहुंचना कई मायनों में महत्वपूर्ण है.जिसे लेकर प्रशासन और राहुल गांधी के बीच स्थिति गर्मा गई.

रायपुर : एक तरफ बीजेपी अयोध्या राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भव्य बना रही थी.तो दूसरी तरफ कांग्रेस के नेताओं ने इस समारोह से दूरी बनाई.वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस दिन असम में न्याय यात्रा निकाल रहे थे.राहुल गांधी अपनी न्याय यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों से मुलाकात करते हुए आगे बढ़ रहे हैं.इसी क्रम में राहुल गांधी की यात्रा असम पहुंची.जहां राहुल गांधी ने एक बार आरोप लगाकर राजनीति गर्म दी.

क्या है पूरा मामला ? : राहुल गांधी का सोमवार नगांव जिले के बटाद्रवा स्थित श्री श्री शंकर देव सत्र (मठ) मंदिर जाने का कार्यक्रम था. लेकिन स्थानीय प्रशासन ने राहुल गांधी और उनकी टीम को बटाद्रवा से करीब 17 किलोमीटर पहले ही हैबोरगांव में रोक लिया. असमिया समाज में प्रतिष्ठित वैष्णव संत श्रीमंत शंकर देव की जन्म स्थली बटाद्रवा सत्र मंदिर में जाने से रोकने से नाराज कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने कार्यकर्ताओं के साथ हैबरगांव में ही धरने पर बैठ गए.इस दौरान राहुल गांधी ने समर्थकों के साथ ही सड़क पर भजन गाना शुरु कर दिया.

  • भारत की सांस्कृतिक विविधता को शंकर देव जी ने भक्ति के माध्यम से एकता के सूत्र में पिरोया, लेकिन आज मुझे उन्हीं के स्थान पर माथा टेकने से रोका गया।

    मैंने मंदिर के बाहर से ही भगवान को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लिया।

    अमर्यादित सत्ता के विरुद्ध मर्यादा का यह संघर्ष हम आगे बढ़ाएंगे। pic.twitter.com/EjMS1hB6pG

    — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 22, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'' मुझे मंदिर बुलाया गया लेकिन पुलिस हमें मंदिर जाने से रोक रही है, साफ है कि 'ऊपर' से आदेश आया है.इसलिए मुझे मंदिर जाने से रोक दिया गया है.''- राहुल गांधी

छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने असम सरकार को घेरा : इस पूरे वाक्ये पर अब कांग्रेस असम सरकार को घेर रही है.छत्तीसगढ़ में भी न्याय यात्रा को रोके जाने को लेकर माहौल गर्म है.छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि अरे कांप काहे रहे हैं हिमंता बाबू... हमारे मंदिर जाने से इतना डर ? हमारे पूर्व निर्धारित कार्यक्रम पर यह रोक आपके डर का प्रमाण है, मोहब्बत और नफरत में यही तो अंतर है. मोहब्बत के रास्ते राहुल जी की तरह निर्भीक बनाते हैं और नफरत एक पदेन मुख्यमंत्री को भी कायर बना देती है. कांग्रेस हिमंता बिस्वा सरमा को एक कायर मुख्यमंत्री कहकर सोशल मीडिया में निशाना बना रही है.

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी साधा निशाना : राहुल गांधी को रोके जाने की घटना पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा को आड़े हाथों लिया है. भूपेश बघेल ने कहा कि आज BJP सरकार राहुल गांधी जी को मंदिर जाने से रोक रही है. बीजेपी सरकार को आस्था पर पहरा लगाने का हक किसने दिया? यह अन्याय है, हम इसके खिलाफ लड़ते रहेंगे. मंदिर जाने से रोकना? समझ क्या रखा है? अब धार्मिक स्थलों पर भी इनका नियंत्रण चलेगा क्या? ये गुंडागर्दी ज्यादा दिन की नहीं हैं. समझ लीजिए. जब कोई सुबाहु और मारीच किसी को पूजा, यज्ञ करने से रोकते हैं, तब-तब प्रभु श्री राम उसका वध करते हैं. अति का अंत निश्चित है.

असम के लिए रवाना हुए भूपेश बघेल : इस दौरान भूपेश बघेल ने असम के सीएम को डरपोक कहा.भूपेश बघेल के मुताबिक असम विधानसभा चुनाव में पर्यवेक्षक के रूप में काम करते वक्त ही हिमंता बिस्वा सरमा के डर का अंदाजा लग गया था. भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर हमला और राहुलजी को मिल रहे अपार जनसमर्थन से घबराकर यात्रा को रोकने की कोशिश की जा रही है.

कौन हैं बटाद्रवा शंकर देव : आपको बता दें कि जब से कांग्रेस ने बताया कि 22 जनवरी की सुबह राहुल गांधी बटाद्रवा श्री श्री शंकर देव सत्र जाएंगे,तब से राजनीति गर्माने लगी थी.सत्ताधारी दल बीजेपी ने लॉ एंड ऑर्डर का हवाला देते हुए राहुल गांधी को बटाद्रवा जाने से रोका था. आपको बता दें कि 15वीं-16वीं शताब्दी के संत-विद्वान और सामाजिक-धार्मिक सुधारक श्रीमंत शंकरदेव असम के समावेशी संस्कृति के प्रतीक माने जाते हैं. देश में चल रही हिंदुत्ववादी राजनीति में राहुल गांधी का बटाद्रवा पहुंचना कई मायनों में महत्वपूर्ण है.जिसे लेकर प्रशासन और राहुल गांधी के बीच स्थिति गर्मा गई.

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