शिवहर : बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन अपनी पत्नी के लिए वोट मांगने के दौरान ऐसा बयान दे बैठे जो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. आनंद मोहन अपनी पत्नी और एनडीए प्रत्याशी लवली आनंद के प्रचार के दौरान संबोधित करते हुए कहा कि वो कोईरी, कुर्मी, वैश्य और राजपूत के यहां वोट मांगने के लिए नहीं जाएंगे. इसके लिए उन्होंने अपने अंदाज में तर्क दिया और सबकुछ नीतीश कुमार, पीएम मोदी और अमित शाह पर छोड़ दिया.
आनंद मोहन का ऐलान : राजपूत वोट को लेकर भी आनंद मोहन ने कहा कि वो राजपूतों के यहां भी वोट मांगने नहीं जाएंगे. आनंद मोहन ने पूरी भावना के साथ कहा कि 16 साल उन्होंने अपनी हड्डी जेल में गला दी. एक अवसर मिला है वनवास के बाद अगर उसके बाद भी राजपूतों के यहां वोट मांगने जाएंगे तो फिर क्या है?
नीतीश और मोदी पर भरोसा या ओवरकॉन्फिडेंस? : आनंद मोहन के कहने का आशय यह है कि वो कोईरी, कुर्मी, वैश्य और राजपूत को अपना वोटबैंक मानते हैं इसलिए वहां अपना समय न गवांकर दूसरी जातियों में सेंधमारी करने के मूड में हैं. यानी आनंद मोहन के मुताबिक वो यादव, एससी, एसटी और मुसलमान वोटरों को लुभाने के लिए मेहनत ज्यादा करेंगे. हालांकि आनंद मोहन का ये बयान आने के बाद आलोचना भी शुरू हो गई है.
''मैं वैश्यों के यहां वोट मांगने नहीं जाऊंगा. कुर्मी, पटेल, कुशवाहा और राजपूत के यहां भी वोट मांगने नहीं जाएंगे. वैश्य जानें मोदी जी और अमित शाह जिन्होंने हमको भेजा है. पटेल कुर्मी, कुशवाहा और लवकुश जाने नीतीश कुमार जिसने हमको टिकट देकर भेजा है. आनंद मोहन राजपूतों से वोट मांगने नहीं जाएंगे. हम राजपूतों के यहां काहे जाएंगे भाई? 16 साल हमने जेल में हड्डी गला दी है. वनवास के बाद अवसर मिला है''- आनंद मोहन, पूर्व सांसद
शिवहर में छठे चरण में मतदान : बता दें कि लवली आनंद आनंद मोहन की पत्नी हैं और शिवहर से जेडीयू की उम्मीदवार हैं. शिवहर में छठे चरण में 25 मई को चुनाव हैं. ऐसे में आनंद मोहन का ये बयान फायदा पहुंचाएगा या नुकसान उठाना पड़ सकता है इसका पता 4 जून को मतगणना के बाद ही पता लग सकेगा.
कौन हैं आनंद मोहन : बता दें कि आनंद मोहन ने 'ठाकुर का कुआं' वाले मनोज झा के बयान के बाद से आरजेडी से दूरी बना ली थी और फाइनली उनकी पत्नी और बेटे ने एनडीए का दामन थाम लिया. आनंद मोहन हाल ही में जेल की सजा काटकर बाहर आए हैं. उनपर आरोप है कि महागठबंधन की सरकार रहने के दौरान जेल मैनुअल में बदलाव करके उन्हें बाहर निकाला गया था. उनकी रिहाई को लेकर तत्कालीन दिवंगत डीएम जी कृष्णैया की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट याचिका लगाई है जिसपर सुनवाई चल रही है.
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