नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को पुलिस स्मृति दिवस समारोह में शामिल हुए. इस मौके पर अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने आश्वासन दिया कि कर्तव्य निभाते हुए अपनी जान गंवाने वाले पुलिस कर्मियों के बलिदान को भुलाया नहीं जाएगा. वहीं, देश से आतंकवाद और ड्रग्स की तस्करी को खत्म करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे.
अमित शाह ने कहा कि हमारे सुरक्षा बल पिछले एक दशक में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को नियंत्रित करने में सक्षम हैं लेकिन लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. इस बीच गृह मंत्री ने पुलिस के बलिदान की चौंका देने वाली संख्या पर प्रकाश डाला और कहा कि देश की रक्षा के लिए विभिन्न बलों के 36,468 पुलिस कर्मियों ने अपनी जान गंवाई है. यही कारण है कि हमारा देश विकास में आगे बढ़ पाया है. अमित शाह ने यह भी बताया कि 2023 में 216 से अधिक पुलिसकर्मियों ने ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाई.
देश की आंतरिक व सीमाओं की सुरक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों का देश सदैव ऋणी रहेगा।#PoliceCommemorationDay pic.twitter.com/kYT0UtON7B
— Amit Shah (@AmitShah) October 21, 2024
शाह ने कहा कि आज हम सभी देश की आंतरिक रक्षा में शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए आए हैं. ये जवान कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से किबिथु तक देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं.
अमित शाह ने कहा कि 21 अक्टूबर 1959 को सीआरपीएफ के 10 बहादुर जवानों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी. उस दिन से हम हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं. पीएम मोदी के विचारों के बाद वीर जवानों के सम्मान में दिल्ली में पुलिस स्मारक बनाया गया. यह देश वासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है.
बता दें कि पुलिस स्मृति दिवस हर वर्ष 21 अक्टूबर को मनाया जाता है. इस दिन शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी जाती है. इसकी अध्यक्षता पारंपरिक रूप से केंद्रीय गृह मंत्री करते हैं.
On the Police Commemoration Day, I bow to our martyrs immortalised by their supreme sacrifices in the line of duty.
— Amit Shah (@AmitShah) October 21, 2024
This is an occasion that honors the infinite sacrifices the police personnel and their families make to see our nation safe.
I extend my heartfelt gratitude to… pic.twitter.com/X1Q8t615Yc
शहीदों के सम्मान में दिल्ली पुलिस के साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की संयुक्त परेड भी आयोजित की जाती है. लद्दाख में 21 अक्टूबर, 1959 को चीनी सैनिकों ने घात लगाकर हमले किए थे जिसमें 10 बहादुर जवान शहीद हो गए थे. यह उन सभी शहीदों द्वारा दिखाए गए साहस की याद दिलाता है जिन्होंने कर्तव्य की पंक्ति में सर्वोच्च बलिदान दिया है.