श्रीनगर: उत्तराखंड में लगातार बारिश हो रही है. अगले दो दिनों तक मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. इसका असर भी साफ देखने को मिल रहा है. कुमाऊं रीजन की तरफ जहां भारी बारिश जारी है, तो वहीं बदरीनाथ में भी अलकनंदा नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाया है. बदरीनाथ में प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए तप्तकुंड के आसपास के इलाकों को खाली कराया है.
श्रीनगर में इतना है अलकनंदा का वाटर लेवल: मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के बाद पौड़ी जिला प्रशासन भी एक्टिव मोड पर है. यहां जिला स्तरीय अधिकारियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी गयी है. सभी को मुख्यालय ना छोड़ने के आदेश जारी किए गए हैं. सभी अफसरों और कर्मचारियों को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रखा गया है. श्रीनगर में भी अलकनंदा नदी खतरे के निशान से सिर्फ 3 मीटर नीचे बह रही है.
खतरे से 3 मीटर नीचे बह रही अलकनंदा: आज सुबह श्रीनगर में अलकनंदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के नीचे बहते हुए 533.22 मीटर पर बह रहा था. श्रीनगर में अलकनंदा नदी का खतरे का निशान 536 मीटर है. इसके साथ नदी का अलार्मिंग लेवल 535 मीटर है. सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता विजय पाल कैंतुरा ने बताया कि 15 जून से लेकर 15 अक्टूबर तक बरसात का समय रहता है. इस दौरान ऊपरी इलाकों में होने वाली बारिश के कारण नदी का जलस्तर बढ़ता है, जो एक सामान्य घटना है. नदी के जलस्तर की हर समय मॉनिटरिंग की जाती है. इसकी पल-पल की जानकारी जिला प्रशासन को दी जाती है.
2013 की केदारनाथ आपदा में सबसे ज्यादा रहा वाटर लेवल: विजय पाल ने बताया कि अब तक 2013 की केदारनाथ आपदा में अलकनंदा नदी का जलस्तर सबसे अधिक 538 मीटर पर पहुंचा था. श्रीनगर जलविद्युत परियोजना के प्रबंधन द्वारा बताया गया कि वर्तमान समय में 700 से 800 क्यूमेक्स पानी जलविद्युत परियोजना की झील में सामान्य तौर पर रहता है. इसकी जानकारी केंद्रीय जल आयोग को हर तीन घंटे में दी जाती है.
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