लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा कर दी है. अखिलेश यादव की ओर से जारी पत्र में माता प्रसाद पाण्डेय को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है. साथ ही कमाल अख्तर को मुख्य सचेतक और राकेश कुमार उर्फ डॉ. आर के वर्मा को उप सचेतक बनाया गया है. वहीं नेता प्रतिपक्ष की रेस में शिवपाल यादव के अलावे इंद्रजीत सरोज का नाम सबसे आगे चल रहा था. लेकिन सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए अखिलेश यादव ने माता प्रसाद पाण्डेय के नाम पर मुहर लगाई.
यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने पर श्री माता प्रसाद पांडेय जी को बधाई है। उम्मीद है रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभायेंगे।
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) July 28, 2024
परंतु सपा मुखिया श्री अखिलेश यादव जी ने पिछड़ों दलितों को धोखा दिया है।
सपा के PDA का मतलब बहुत बड़ा धोखा है।
भाजपा 2027 में 2017 की विजय दोहरायेगी।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक माता प्रसाद पाण्डेय के नेता प्रतिपक्ष बनाने की जानकारी अखिलेश यादव ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को दे दी है. एक पत्र के माध्यम से यह सारी जानकारी अखिलेश यादव ने दी है. माता प्रसाद पाण्डेय के नेता प्रतिपक्ष बनने से शिवपाल सिंह यादव को बड़ा झटका माना जा रहा है. समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में एक और मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई होने के बावजूद अखिलेश यादव ने उनको नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया. बताया जा रहा है कि इस संबंध में अखिलेश यादव का तर्क है कि, परिवारवाद से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है.
अखिलेश यादव की ओर से जारी पत्र में महबूब अली को अधिष्ठाता मंडल में शामिल किया गया है. कमाल अख्तर को मुख्य सचेतक तो राकेश को उप सचेतक बनाया गया है. पूरे दिन अखिलेश यादव ने अपने पार्टी कार्यालय में विधायकों की बैठक ली थी. इस बैठक के बाद में माता प्रसाद पाण्डेय का नाम फाइनल किया गया है. माता प्रसाद पाण्डेय इटवा सीट से विधायक हैं. समाजवादी पार्टी की सरकार के समय में माता प्रसाद पाण्डेय विधानसभा अध्यक्ष भी रहे हैं. वह सपा के संवैधानिक जानकारी में से एक हैं. यही वजह उनके चुनाव को लेकर रही है.
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