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रेजर अब चुभेगा नहीं बल्कि सजेगा, हुनरमंद ब्लेड मैन का कमाल! जानिए, पूरी कहानी - ब्लेड मैन अखिलेश चौधरी

Akhilesh Chaudhary recycling blades and making sculptures. सोच अगर कुछ अलग करने की हो तो कोई ना कोई रास्ता निकल आता है. कुछ ऐसा ही लीक से हटकर कुछ नया कर दिखाया है जमशेदपुर के अखिलेश चौधरी ने, जिन्हें ब्लेड मैन के नाम से जाना जाता है. ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट से जानिए, आखिर उन्हें क्यों कहा जाता है ब्लेड मैन.

Akhilesh Chaudhary setting an example by recycling razor blades and making sculptures in Jamshedpur
जमशेदपुर के अखिलेश चौधरी ब्लेड को रिसाइकिल कर मूर्तियों का निर्माण कर मिसाल पेश कर रहे
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 29, 2024, 12:11 PM IST

Updated : Jan 29, 2024, 1:24 PM IST

अखिलेश चौधरी रेजर ब्लेड को रीसायकल कर मूर्तियों का निर्माण कर मिसाल पेश कर रहे

जमशेदपुरः आप एक अलग सोच के साथ समाज को नई दिशा और दशा दे सकते हैं. नजरिया अलग हो तो इंसान गोबर में भी अपने आराध्य को ढूंढ लेता है. ये कहानी ऐसी ही एक अलग और नयी सोच की है. जिनके विचार ने लोगों को नयी दिशा दिखाई, सकारात्मक और कलात्मक तरीके से चीजों को देखने का नजरिया दिया.

स्टील सिटी ग्रीन सिटी और क्लीन सिटी के नाम से पहचान बनाने वाले शहर में कई ऐसे व्यक्तित्व हैं. जिन्होंने अलग अलग क्षेत्र में कुछ अलग कर राज्य और देश में शहर का मान बढ़ाया है. कुछ ऐसा ही काम शहर के एक शख्स ने किया है, स्वच्छ भारत अभियान में एक मुहीम चलाकर कुछ अनोखा काम किया है, शहर के लोग उन्हें ब्लेड मैन के नाम से जानते हैं.

जमशेदपुर शहर के गोलमुरी क्षेत्र में रहने वाले टीनप्लेट टाटा स्टील के कर्मचारी अखिलेश चौधरी, जिन्होंने इलाके के सैलून में इस्तेमाल किया हुआ रेजर ब्लेड को जमा कर उसे रीसायकल कर प्रतिमा बनाते हैं. हाल में ही उन्होंने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी, साथ ही नाई समाज को एक नया संदेश दिया है. इसके अलावा अखिलेश चौधरी ने रीसाइकिल्ड रेजर ब्लेड के स्टील से कई चीजों का निर्माण किया है. उनके इस अभियान से नाई समाज के साथ युवा पीढ़ी भी प्रेरित हो रहे हैं.

रेजर ब्लेड जमा करने की सोच कैसे आईः अखिलेश चौधरी उन यादों को दोहराते हुए कहते हैं कि बात 2014 की है, जब वो एक सैलून के बाहर खड़े थे तभी उन्होंने देखा कुछ दुरी पर एक गाय कुछ खा रही है और उसके मुंह से खून निकल रहा था. उन्होंने वहां जाकर गाय के मुंह से खाने की चीज निकालने की कोशिश की तो पाया कि गाय के मुंह में ब्लेड का टुकड़ा था और गाय उसे चबा रही थी, जिससे खून निकल रहा था.

इस घटना से अखिलेश चौधरी आहत हुए और संकल्प लिया कि सैलून में इस्तेमाल रेजर ब्लेड को वो जमा करेंगे, जिससे फेंके गये ब्लेड से ना किसी पशु या मानव को नुकसान ना पहुंचे. इसके बाद उन्होंने तत्काल अपनी सोच को अमलीजामा पहनाते हुए इलाके के सैलून वालों को एक-एक डस्टबीन देकर उन्हें इस्तेमाल किया हुआ रेजर ब्लेड रखने को कहा. सैलून में इससे संबंधित जानकारी और अपना मोबाइल नंबर कागज पर लिख कर चस्पा किया.

अखिलेश चौधरी बताते हैं कि उनके मन में विचार आया कि सैलून के रेजर ब्लेड से कुछ ऐसा किया जाए, जिससे नाई समाज को प्रेरणा मिल सके. उन्होंने इस अभियान में शहर के बड़े बड़े फ्लैट में स्टीकर भी लगाया और लोगों को इस्तेमाल किया हुआ ब्लेड जमा करने की अपील की. उनकी ये मेहनत रंग लाई और धीरे-धीरे 10 साल में छह क्विंटल से अधिक ब्लेड जमा हुआ, जिनकी संख्या 17लाख से ज़्यादा थी.

रेजर ब्लेड जमा होने के बाद अखिलेश चौधरी सरायकेला जिला के गम्हरिया मे रहने वाले अपने एक मित्र से संपर्क किया. अखिलेश बताते हैं कि मैंने अपने मित्र से रेजर ब्लेड रीसायकल करने की बात कही, पहले तो मित्र ने मना कर दिया लेकिन उनके अभियान से प्रेरित होकर ब्लेड को उन्होंने अपने प्लांट में पिघलाया. जिसमें एक क्विंटल ब्लेड से करीब 80 किलो का स्टील निकला. जिसे उन्होंने स्व. कर्पूरी ठाकुर की आकृति की लकड़ी का सांचा बनाकर पिघला स्टील डालकर उनकी प्रतिमा बनाई. इसके अलावा उन्होंने हनुमान जी का गदा बनाया जिसकी वजन 98 किलो और व्यायाम के 10-10 किलो का डंबल, लोहे का डस्टबीन बनाया है. इस पूरे मिशन मे उन्होंने किसी से कोई राशि मदद में नहीं ली.

अखिलेश चौधरी की मेहनत और उनके अनोखी सोच ने रंग दिखाया. उन्हें उनके इस का इनाम भी मिला. 3 क्विंटल रेजर ब्लेड जमा होने के रिकॉर्ड पर 2020 में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस मे उनका नाम आया. अखिलेश चौधरी बताते हैं कि रीसाकिल्ड रेजर ब्लेड से बनाई गयी मूर्ति और अन्य चीजों को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है. उनका कहना है कि अगर केंद्र सरकार स्व. कर्पूरी ठाकुर जी की प्रतिमा को पूरे सम्मान के साथ स्वच्छ भारत संग्रहालय में रखेगी तो मैं उपहार में इसे देने के लिए तैयार हूं अगर नहीं तो अपने घर में संग्रहालय बनाकर इसे अपने पास ही रखेंगे.

अखिलेश चौधरी का कहना है कि जिस रेजर ब्लेड को कचरा समझकर फेंक दिया जाता है पर उसी ब्लेड से जिस आदर्श पुरुष की प्रतिमा बनाई उन्हें भारत रत्न का सम्मान मिला है, ये मेरे लिए गर्व वाली बात है. कर्पूरी ठाकुर देश के लिए आदर्श रहे हैं, आज स्वच्छ भारत अभियान ने उनके सामजिक कार्यों को गति प्रदान करने का काम किया है. मेरे इस अभियान का उद्देश्य पशुओं के साथ साथ सफाई कर्मचारी और आम जन को इस्तेमाल किये गए रेजर ब्लेड से बचना है.

क्या है आगे की योजनाः अखिलेश चौधरी ने बताया कि आगामी दिनों मे वे इस्तेमाल किये हुए रेजर ब्लेड से देशवासियों को स्वच्छ भारत के प्रति जागरूक करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, स्वामी विवेकानंद, सौ साल से ज्यादा पुरानी टाटा स्टील कंपनी के संस्थापक जेएन टाटा के अलावा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की प्रतिमा बनाने की योजना है. इसके अलावा वो लोगों के बीच स्वच्छता को लेकर जागरुकता अभियान चलाते रहेंगे.

नाई समाज में खुशीः अखिलेश चौधरी के इस अनोखे अभियान से शहर के सैलून संचालक खुश है, वे उनका पूरा साथ दे रहे हैं. कर्पूरी ठाकुर को अपना आदर्श मानने वाला नाई समाज रीसाइकिल्ड रेजर ब्लेड से बनी प्रतिमा को देख कर काफी उत्साहित हैं. सैलून संचालक अजय ठाकुर का कहना है ब्लेड फेंके जाने से जो खतरा था, उससे बचने के लिए इससे अच्छा काम और कुछ भी नहीं है. अखिलेश चौधरी ने हमें जागरूक किया है, उन्होंने जमा किये हुए ब्लेड से एक आदर्श पुरुष की प्रतिमा बनाकर हमारे समाज का मान बढ़ाया है.

अखिलेश चौधरी की इस पहल से गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम उनके संपर्क में है. शहर के लोगों में भी उनके इस अभियान की चर्चा जोरों पर है. लोग उन्हें ब्लेड मैन भी कहते हैं, युवा पीढ़ी भी उनके इस अभियान में कदम मिलाकर साथ दे रही है. बहरहाल ब्लेड मैन कहे जाने वाले अखिलेश चौधरी के अलग नजरिए ने स्वच्छ भारत अभियान को साकार करने के साथ-साथ समाज को भी एक नया संदेश देने का काम किया है.

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अखिलेश चौधरी रेजर ब्लेड को रीसायकल कर मूर्तियों का निर्माण कर मिसाल पेश कर रहे

जमशेदपुरः आप एक अलग सोच के साथ समाज को नई दिशा और दशा दे सकते हैं. नजरिया अलग हो तो इंसान गोबर में भी अपने आराध्य को ढूंढ लेता है. ये कहानी ऐसी ही एक अलग और नयी सोच की है. जिनके विचार ने लोगों को नयी दिशा दिखाई, सकारात्मक और कलात्मक तरीके से चीजों को देखने का नजरिया दिया.

स्टील सिटी ग्रीन सिटी और क्लीन सिटी के नाम से पहचान बनाने वाले शहर में कई ऐसे व्यक्तित्व हैं. जिन्होंने अलग अलग क्षेत्र में कुछ अलग कर राज्य और देश में शहर का मान बढ़ाया है. कुछ ऐसा ही काम शहर के एक शख्स ने किया है, स्वच्छ भारत अभियान में एक मुहीम चलाकर कुछ अनोखा काम किया है, शहर के लोग उन्हें ब्लेड मैन के नाम से जानते हैं.

जमशेदपुर शहर के गोलमुरी क्षेत्र में रहने वाले टीनप्लेट टाटा स्टील के कर्मचारी अखिलेश चौधरी, जिन्होंने इलाके के सैलून में इस्तेमाल किया हुआ रेजर ब्लेड को जमा कर उसे रीसायकल कर प्रतिमा बनाते हैं. हाल में ही उन्होंने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी, साथ ही नाई समाज को एक नया संदेश दिया है. इसके अलावा अखिलेश चौधरी ने रीसाइकिल्ड रेजर ब्लेड के स्टील से कई चीजों का निर्माण किया है. उनके इस अभियान से नाई समाज के साथ युवा पीढ़ी भी प्रेरित हो रहे हैं.

रेजर ब्लेड जमा करने की सोच कैसे आईः अखिलेश चौधरी उन यादों को दोहराते हुए कहते हैं कि बात 2014 की है, जब वो एक सैलून के बाहर खड़े थे तभी उन्होंने देखा कुछ दुरी पर एक गाय कुछ खा रही है और उसके मुंह से खून निकल रहा था. उन्होंने वहां जाकर गाय के मुंह से खाने की चीज निकालने की कोशिश की तो पाया कि गाय के मुंह में ब्लेड का टुकड़ा था और गाय उसे चबा रही थी, जिससे खून निकल रहा था.

इस घटना से अखिलेश चौधरी आहत हुए और संकल्प लिया कि सैलून में इस्तेमाल रेजर ब्लेड को वो जमा करेंगे, जिससे फेंके गये ब्लेड से ना किसी पशु या मानव को नुकसान ना पहुंचे. इसके बाद उन्होंने तत्काल अपनी सोच को अमलीजामा पहनाते हुए इलाके के सैलून वालों को एक-एक डस्टबीन देकर उन्हें इस्तेमाल किया हुआ रेजर ब्लेड रखने को कहा. सैलून में इससे संबंधित जानकारी और अपना मोबाइल नंबर कागज पर लिख कर चस्पा किया.

अखिलेश चौधरी बताते हैं कि उनके मन में विचार आया कि सैलून के रेजर ब्लेड से कुछ ऐसा किया जाए, जिससे नाई समाज को प्रेरणा मिल सके. उन्होंने इस अभियान में शहर के बड़े बड़े फ्लैट में स्टीकर भी लगाया और लोगों को इस्तेमाल किया हुआ ब्लेड जमा करने की अपील की. उनकी ये मेहनत रंग लाई और धीरे-धीरे 10 साल में छह क्विंटल से अधिक ब्लेड जमा हुआ, जिनकी संख्या 17लाख से ज़्यादा थी.

रेजर ब्लेड जमा होने के बाद अखिलेश चौधरी सरायकेला जिला के गम्हरिया मे रहने वाले अपने एक मित्र से संपर्क किया. अखिलेश बताते हैं कि मैंने अपने मित्र से रेजर ब्लेड रीसायकल करने की बात कही, पहले तो मित्र ने मना कर दिया लेकिन उनके अभियान से प्रेरित होकर ब्लेड को उन्होंने अपने प्लांट में पिघलाया. जिसमें एक क्विंटल ब्लेड से करीब 80 किलो का स्टील निकला. जिसे उन्होंने स्व. कर्पूरी ठाकुर की आकृति की लकड़ी का सांचा बनाकर पिघला स्टील डालकर उनकी प्रतिमा बनाई. इसके अलावा उन्होंने हनुमान जी का गदा बनाया जिसकी वजन 98 किलो और व्यायाम के 10-10 किलो का डंबल, लोहे का डस्टबीन बनाया है. इस पूरे मिशन मे उन्होंने किसी से कोई राशि मदद में नहीं ली.

अखिलेश चौधरी की मेहनत और उनके अनोखी सोच ने रंग दिखाया. उन्हें उनके इस का इनाम भी मिला. 3 क्विंटल रेजर ब्लेड जमा होने के रिकॉर्ड पर 2020 में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस मे उनका नाम आया. अखिलेश चौधरी बताते हैं कि रीसाकिल्ड रेजर ब्लेड से बनाई गयी मूर्ति और अन्य चीजों को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है. उनका कहना है कि अगर केंद्र सरकार स्व. कर्पूरी ठाकुर जी की प्रतिमा को पूरे सम्मान के साथ स्वच्छ भारत संग्रहालय में रखेगी तो मैं उपहार में इसे देने के लिए तैयार हूं अगर नहीं तो अपने घर में संग्रहालय बनाकर इसे अपने पास ही रखेंगे.

अखिलेश चौधरी का कहना है कि जिस रेजर ब्लेड को कचरा समझकर फेंक दिया जाता है पर उसी ब्लेड से जिस आदर्श पुरुष की प्रतिमा बनाई उन्हें भारत रत्न का सम्मान मिला है, ये मेरे लिए गर्व वाली बात है. कर्पूरी ठाकुर देश के लिए आदर्श रहे हैं, आज स्वच्छ भारत अभियान ने उनके सामजिक कार्यों को गति प्रदान करने का काम किया है. मेरे इस अभियान का उद्देश्य पशुओं के साथ साथ सफाई कर्मचारी और आम जन को इस्तेमाल किये गए रेजर ब्लेड से बचना है.

क्या है आगे की योजनाः अखिलेश चौधरी ने बताया कि आगामी दिनों मे वे इस्तेमाल किये हुए रेजर ब्लेड से देशवासियों को स्वच्छ भारत के प्रति जागरूक करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, स्वामी विवेकानंद, सौ साल से ज्यादा पुरानी टाटा स्टील कंपनी के संस्थापक जेएन टाटा के अलावा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की प्रतिमा बनाने की योजना है. इसके अलावा वो लोगों के बीच स्वच्छता को लेकर जागरुकता अभियान चलाते रहेंगे.

नाई समाज में खुशीः अखिलेश चौधरी के इस अनोखे अभियान से शहर के सैलून संचालक खुश है, वे उनका पूरा साथ दे रहे हैं. कर्पूरी ठाकुर को अपना आदर्श मानने वाला नाई समाज रीसाइकिल्ड रेजर ब्लेड से बनी प्रतिमा को देख कर काफी उत्साहित हैं. सैलून संचालक अजय ठाकुर का कहना है ब्लेड फेंके जाने से जो खतरा था, उससे बचने के लिए इससे अच्छा काम और कुछ भी नहीं है. अखिलेश चौधरी ने हमें जागरूक किया है, उन्होंने जमा किये हुए ब्लेड से एक आदर्श पुरुष की प्रतिमा बनाकर हमारे समाज का मान बढ़ाया है.

अखिलेश चौधरी की इस पहल से गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम उनके संपर्क में है. शहर के लोगों में भी उनके इस अभियान की चर्चा जोरों पर है. लोग उन्हें ब्लेड मैन भी कहते हैं, युवा पीढ़ी भी उनके इस अभियान में कदम मिलाकर साथ दे रही है. बहरहाल ब्लेड मैन कहे जाने वाले अखिलेश चौधरी के अलग नजरिए ने स्वच्छ भारत अभियान को साकार करने के साथ-साथ समाज को भी एक नया संदेश देने का काम किया है.

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Last Updated : Jan 29, 2024, 1:24 PM IST
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