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अजमेर दरगाह को लेकर किरण रिजिजू से ओवैसी का सवाल, कांग्रेस नेता खाचरियावास भाजपा पर हुए तल्ख - Ajmer sharif controversy

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

Updated : 2 hours ago

अजमेर दरगाह को संकटमोचन महादेव मंदिर घोषित करने की मांग वाली हिंदू सेना की मांग पर आने वाले वक्त में सियासत के गर्माने का इशारा मिल रहा है. एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने जहां इस प्रकरण को लेकर केंद्र सरकार से सवाल पूछे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास भी भाजपा पर तल्खी दिखाते हुए नजर आए हैं.

अजमेर दरगाह विवाद पर विपक्ष का सवाल
अजमेर दरगाह विवाद पर विपक्ष का सवाल (ETV Bharat)
कांग्रेस नेता खाचरियावास भाजपा पर हुए तल्ख (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर : हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से अजमेर दरगाह को लेकर लगाई गई याचिका पर सियासत गरमा चुकी है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी में एक पोस्ट करते हुए कहा कि ख्वाजा चिश्ती भारतीय मुस्लिमों के लिए आज भी एक मार्गदर्शक हैं. उनकी दरगाह संभवतः मुसलमानों के लिए सबसे अधिक देखे जाने वाले आध्यात्मिक स्थलों में से एक है. अपनी पोस्ट में ओवैसी ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात के मंत्री किरण रिजिजू को टैग करते हुए पूछा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय का इस मुद्दे पर क्या रुख है?

ओवैसी ने पूछा कि क्या आप दरगाह ख्वाजा साहिब अधिनियम 1955 और 1991 के पूजा स्थलों के अधिनियम के साथ खड़े रहेंगे? क्या आप इन कानूनों को लागू करेंगे? 1955 के अधिनियम के तहत एक 'लोक सेवक' मोदी सरकार के वक्फ विधेयक की सराहना कर रहा है इस मुकदमे पर उनका क्या रुख है? उन्होंने कहा कि वक्फ विधेयक हमारे पूजा स्थलों को अतिक्रमण और अपवित्रीकरण के लिए असुरक्षित बना देगा.

पढ़ें. ज्ञानवापी की तरह अजमेर दरगाह में भी शिव मंदिर का दावा, याचिका पेश, ASI सर्वे की मांग

प्रताप सिंह ने पूछे तीखे सवाल : कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने आरोप लगाया कि राजस्थान में लोकसभा की 11 सीटें हारने के बाद से ही भाजपा के नेता लगातार साजिश कर रहे हैं. बीजेपी को हरियाणा और कश्मीर में होने वाले चुनाव में अपनी हार नजर आ रही है. यही कारण है कि भाजपा पूरे देश में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश कर रही है. पूर्व मंत्री ने हिंदू सेना पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने आरोप लगाया कि महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी जैसे मूल मसलों से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा की शह पर इस तरह के लोग साजिश कर रहे हैं. डबल इंजन की सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है.

प्रताप सिंह ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह डर और धर्म की राजनीति करती है. प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक सभी अजमेर शरीफ में चादर पेश करते हैं. इससे बड़ा सबूत कुछ और हो नहीं सकता. वहीं, ओवैसी की ओर से मुस्लिम धार्मिक स्थलों पर मंडरा रहे खतरे के सवाल पर उन्होंने कहा कि संविधान ने सभी धर्म को स्वतंत्रता दी है, इसलिए संविधान को ताक पर रखकर अगर कोई पार्टी कम कर रही है तो वह भाजपा है.

पढ़ें. दरगाह में शिव मंदिर के दावे की याचिका पर बोले दरगाह दीवान के उत्तराधिकारी, कहा- यह विषैली मानसिकता

यह थी हिंदू सेना की मांग : अजमेर में विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह का इतिहास 812 वर्ष प्राचीन है. अजमेर दरगाह में संकट मोचन शिव मंदिर होने का दावा करते हुए हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर की सीजेएम कोर्ट में याचिका दायर की थी. हिंदू सेना संस्था ने अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए अजमेर दरगाह को शिव मंदिर होने का दावा किया था. इस याचिका में बताया गया कि मंदिर के ऊपर दरगाह का निर्माण किया गया है और ASI से इस जगह का सर्वे करवाया जाना चाहिए. साथ ही दरगाह में हिंदुओं को पूजा-अर्चना करने का अधिकार दिए जाने की याचिका कोर्ट में लगाई थी.

याचिकाकर्ता के वकील शशि रंजन कुमार ने ईटीवी भारत को बताया था कि दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा संबंधी याचिका सिविल कोर्ट में गलती से दायर हो गई थी. लिहाजा क्षेत्राधिकार कोर्ट में सुनवाई के लिए सेशन कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया जाएगा. प्रार्थना पत्र पर सेशन कोर्ट तय करेगा कि प्रकरण में कौन सा कोर्ट सुनवाई करेगा.

कांग्रेस नेता खाचरियावास भाजपा पर हुए तल्ख (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर : हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से अजमेर दरगाह को लेकर लगाई गई याचिका पर सियासत गरमा चुकी है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी में एक पोस्ट करते हुए कहा कि ख्वाजा चिश्ती भारतीय मुस्लिमों के लिए आज भी एक मार्गदर्शक हैं. उनकी दरगाह संभवतः मुसलमानों के लिए सबसे अधिक देखे जाने वाले आध्यात्मिक स्थलों में से एक है. अपनी पोस्ट में ओवैसी ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात के मंत्री किरण रिजिजू को टैग करते हुए पूछा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय का इस मुद्दे पर क्या रुख है?

ओवैसी ने पूछा कि क्या आप दरगाह ख्वाजा साहिब अधिनियम 1955 और 1991 के पूजा स्थलों के अधिनियम के साथ खड़े रहेंगे? क्या आप इन कानूनों को लागू करेंगे? 1955 के अधिनियम के तहत एक 'लोक सेवक' मोदी सरकार के वक्फ विधेयक की सराहना कर रहा है इस मुकदमे पर उनका क्या रुख है? उन्होंने कहा कि वक्फ विधेयक हमारे पूजा स्थलों को अतिक्रमण और अपवित्रीकरण के लिए असुरक्षित बना देगा.

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प्रताप सिंह ने पूछे तीखे सवाल : कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने आरोप लगाया कि राजस्थान में लोकसभा की 11 सीटें हारने के बाद से ही भाजपा के नेता लगातार साजिश कर रहे हैं. बीजेपी को हरियाणा और कश्मीर में होने वाले चुनाव में अपनी हार नजर आ रही है. यही कारण है कि भाजपा पूरे देश में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश कर रही है. पूर्व मंत्री ने हिंदू सेना पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने आरोप लगाया कि महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी जैसे मूल मसलों से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा की शह पर इस तरह के लोग साजिश कर रहे हैं. डबल इंजन की सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है.

प्रताप सिंह ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह डर और धर्म की राजनीति करती है. प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक सभी अजमेर शरीफ में चादर पेश करते हैं. इससे बड़ा सबूत कुछ और हो नहीं सकता. वहीं, ओवैसी की ओर से मुस्लिम धार्मिक स्थलों पर मंडरा रहे खतरे के सवाल पर उन्होंने कहा कि संविधान ने सभी धर्म को स्वतंत्रता दी है, इसलिए संविधान को ताक पर रखकर अगर कोई पार्टी कम कर रही है तो वह भाजपा है.

पढ़ें. दरगाह में शिव मंदिर के दावे की याचिका पर बोले दरगाह दीवान के उत्तराधिकारी, कहा- यह विषैली मानसिकता

यह थी हिंदू सेना की मांग : अजमेर में विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह का इतिहास 812 वर्ष प्राचीन है. अजमेर दरगाह में संकट मोचन शिव मंदिर होने का दावा करते हुए हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर की सीजेएम कोर्ट में याचिका दायर की थी. हिंदू सेना संस्था ने अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए अजमेर दरगाह को शिव मंदिर होने का दावा किया था. इस याचिका में बताया गया कि मंदिर के ऊपर दरगाह का निर्माण किया गया है और ASI से इस जगह का सर्वे करवाया जाना चाहिए. साथ ही दरगाह में हिंदुओं को पूजा-अर्चना करने का अधिकार दिए जाने की याचिका कोर्ट में लगाई थी.

याचिकाकर्ता के वकील शशि रंजन कुमार ने ईटीवी भारत को बताया था कि दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा संबंधी याचिका सिविल कोर्ट में गलती से दायर हो गई थी. लिहाजा क्षेत्राधिकार कोर्ट में सुनवाई के लिए सेशन कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया जाएगा. प्रार्थना पत्र पर सेशन कोर्ट तय करेगा कि प्रकरण में कौन सा कोर्ट सुनवाई करेगा.

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