वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विश्वनाथ मंदिर के विस्तार कार्यक्रम और विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद भक्तों की जबरदस्त भीड़ बढ़ रही है. बाबा विश्वनाथ की सेवा में कई ट्रस्ट भी आगे आ रहे है. इस क्रम में बाबा विश्वनाथ को भोग प्रसाद और आरती अर्पित करने वाले दक्षिण भारत के प्रसिद्ध नाटकोट्टयम ट्रस्ट की तरफ से बनारस में एक बड़ी धर्मशाला के निर्माण की तैयारी की गई है. जिसका भूमि पूजन रविवार होगा. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मौजूद रहेंगी.
ट्रस्ट से जुड़े लोगों ने आज संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया, कि विश्वनाथ मंदिर की सेवा में काम करने वाले श्री काशी नट्टुक्कोट्टई नगर सतराम मैनेजिंग सोसाइटी की स्थापना वर्ष 1813 में हुई थी. जिसमें भगवान शिव, भगवान राम, भगवान कार्तिक और अन्य हिंदू देवताओं को समर्पित मंदिर, बंदोबस्ती हैं. उन्होंने बताया कि हमारे पास वाराणसी, अयोथ्या, प्रयाग राज, गया, नासिक, कोलकाता, तारकेश्वर, कराईकुडी, देवीपट्टिनम, पलानी और चेन्नई में धर्मशालाएं हैं.
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हमारे नट्टुक्कोट्टई नागराथर अपनी धार्मिक और धर्मार्थ गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं. पिछले 210 वर्षों से लगातार दिन में 3 बार हमारे वाराणसी सतराम से एक दिन में 4 आरती में से 3 आरती करने के लिए भगवान विश्वनाथ, भगवान विशालाची को पूजा सामग्री भेजते हैं. इस प्रक्रिया को साम्बो कहा जाता है. ट्रस्ट से जुड़े लोगों ने बताया कि हम सिगरा, वाराणसी में एक नई धर्मशाला बिल्डिंग बनाने जा रहे है और इसके लिए हमने 21 अप्रैल 2024, रविवार को सुबह 10.30 बजे एक समारोह आयोजित किया है. इस समारोह में भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे.
ट्रस्ट से जुड़े लोगों ने बताया, कि हमने यह जमीन वाराणसी के सिगरा इलाके में खरीदी, जो 1894 में महज 5500 में ली गई थी. उस वक्त इस जमीन को खरीदने का उद्देश्य काशी विश्वनाथ पूजा के लिए फूल और विल्व पत्तियां आदि की खेती करना था. साथ ही भगवान विश्वनाथ की सेवा के लिए यहां पर लोगों को सुविधा उपलब्ध करवाना था. कुल 65000 वर्ग फुट में फैली इस जमीन पर लगभग 50 वर्षों से कुछ दबंग लोगों ने कब्जा करके रखा था. जिसे 2022 में सीएम योगी के प्रयासों से खाली कराया गया. जिसके बाद यह जमीन वापस ट्रस्ट के पास आई. फिलहाल, यह पूरी जमीन इंटरेस्ट के साथ वापस आने के साथ ही अब विश्वनाथ मंदिर आने वाले भक्तों की सेवा में निशुल्क धर्मशाला की स्थापना यहां पर की जाएगी. जिसमें 135 कमरें होंगे और 10 मंजिला इमारत में अन्य सुविधाएं छात्रावास आवास, बैंक्वेट हॉल आदि भी होगा.