यांगून: म्यांमार के म्यावाड्डी के हपा लू स्थित एक स्कैम सेंटर के शिकार आठ भारतीय नागरिकों को कल सफलतापूर्वक बचा लिया गया और उन्हें म्यांमार पुलिस और आव्रजन अधिकारियों को सौंप दिया गया. भारतीय दूतावास ने बचाव अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए म्यांमार के अधिकारियों और स्थानीय समर्थन के प्रति आभार व्यक्त किया.
म्यांमार में भारतीय दूतावास के एक बयान के अनुसार, पीड़ित म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर म्यावाडी क्षेत्र में सक्रिय एक अंतरराष्ट्रीय क्राइम सिंडिकेट के शिकार हो गए थे. दूतावास ने सोशल मीडिया और अन्य असत्यापित सोर्स के माध्यम से भारतीय युवाओं को लुभाने वाले फर्जी नौकरी रैकेट के खिलाफ अपनी सलाह को एक बार फिर दोहराया.
8 Indian nationals, victims of a scam centre in Hpa Lu, Myawaddy, were rescued and handed over safely to Myanmar police/immigration yesterday. Support of Myanmar authorities and local assistance was crucial. We thank them, and strongly reiterate our advisory on fake job rackets. pic.twitter.com/UtVsipgyYx
— India in Myanmar (@IndiainMyanmar) July 21, 2024
फर्जी नौकरी रैकेट पर दी सलाह
भारतीय दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि म्यांमार के अधिकारियों का समर्थन और स्थानीय सहायता महत्वपूर्ण थी. हम उनका धन्यवाद करते हैं और फर्जी नौकरी रैकेट पर अपनी सलाह को दृढ़ता से दोहराते हैं. सलाह में म्यावाडी शहर के दक्षिण में हपा लू क्षेत्र में भारतीय नागरिकों के इस तरह की आपराधिक गतिविधियों का शिकार बनने की बढ़ती घटनाओं पर जोर दिया गया.
थाईलैंड के रास्ते म्यांमार में तस्करी
पीड़ितों को अक्सर भारत के साथ-साथ मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों से भर्ती किया जाता है और झूठे बहाने के तहत थाईलैंड के रास्ते म्यांमार में तस्करी की जाती है. सलाह में कहा गया है कि क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय अपराध सिंडिकेट द्वारा जनरेट बढ़ते खतरों को देखते हुए, हम भारतीय नागरिकों को दृढ़ता से सलाह देते हैं कि वे सावधानी बरतें और विदेश में किसी भी नौकरी की पेशकश को स्वीकार करने से पहले भारतीय दूतावास के माध्यम से विदेशी नियोक्ताओं की साख को वेरिफाई करें.
दूतावास ने भारतीय नागरिकों को सहायता प्राप्त करने और नौकरी के प्रस्तावों की पुष्टि करने के लिए संपर्क विवरण उपलब्ध कराया और धोखाधड़ी का शिकार होने से बचने के लिए दूतावास से परामर्श करने के महत्व पर बल दिया.
म्यांमार में साइबर धोखाधड़ी
म्यांमार में चल रहे संघर्ष और अस्थिरता ने साइबर धोखाधड़ी, फिशिंग और अवैध जुआ सहित आपराधिक गतिविधियों के लिए अनुकूल माहौल बनाया है. म्यावड्डी का क्षेत्र, जिसने छिटपुट विद्रोही नियंत्रण और सैन्य जुंटा के साथ संघर्ष देखा है.
ऐसे अवैध संचालनों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बन गया है. थाईलैंड में भारतीय राजदूत नागेश सिंह ने म्यांमार के सीमावर्ती क्षेत्रों में अराजकता से होने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला, जहां सशस्त्र समूह दंड से मुक्त होकर काम करते हैं, जिससे आपराधिक उद्यमों को बढ़ावा मिलता है.
उन्होंने विभिन्न देशों के लोगों की दुखद दुर्दशा को रेखांकित किया, जिन्हें आकर्षक नौकरियों के वादों से धोखा दिया जाता है, लेकिन उनका शोषण और तस्करी की जाती है. राजदूत सिंह ने कहा कि म्यांमार के अशांत क्षेत्रों में स्थिति अस्थिर बनी हुई है और केंद्रीय प्राधिकरण की कमी ने सुरक्षा चुनौतियों को और बढ़ा दिया है.
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