लखनऊ: 69000 हजार शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का लखनऊ में प्रदर्शन जारी है. अभ्यार्थी अपनी मांगों को लेकर राजधानी की सड़कों में उतर गए हैं. मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने केंद्रीय मंत्री और अपना दल (एस) नेता अनुप्रिया पटेल के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान एक महिला अभ्यार्थी की तबीयत भी बिगड़ गई है.
दरअसल, बीते कई दिनों से आरक्षित वर्ग के अभ्यार्थी सत्ताधारी दल के नेताओं के बंगले का घेराव कर रहे हैं. अनुप्रिया पटेल के आवास से पहले अभ्यर्थियों ने यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास के बाहर प्रदर्शन किया था. सोनवार को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच काफी धक्का मुक्की और झड़प भी हुई थी. बता दें की, सोमवार सुबह प्रदर्शनकारी केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव करने के लिए बढ़ रहे थे तभी पुलिस ने उनका रास्ता रोक दिया था. जिससे नाराज अभ्यर्थियों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी थी.
शिक्षक भर्ती के अभ्यार्थी इलाहबाद हाईकोर्ट के आदेश को जल्द लागू करने की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों की मांग है की इनकी नियुक्तियों में तेजी लाई जाए. इसके साथ ही ये पूरी प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ पूरा करने की मांग कर रहे हैं. इनका कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में जितनी देरी होगी हमारे भविष्य के लिए उतनी ही चिंता बढ़ती जाएगी. ये प्रदर्शनकारी सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग करके प्रक्रिया को सुचारू ढंग से पूरा कराने की मांग कर रहे हैं.
बता दें कि, हाल ही में इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में बनाई गई मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया था. इसके बाद एक नया बवाल शुरू हो गया. हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ इस सूची में चयनित अभ्यर्थी रवि सक्सेना ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी. बता दें कि हाईकोर्ट की सिंगल बेंच की जज के आदेश पर यदि प्रदेश सरकार नई सूची बनाती है तो 19 हजार शिक्षक सीधे सूची से बाहर होंगे. इस मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के समक्ष 19,000 सीटों पर आरक्षण घोटाले का केस लड़ रहे स्पेशल अपील 172/2023 के मुख्य पैरवीकार भास्कर सिंह और सुशील कश्यप ने पहले से ही शक जता दिया था कि सरकार की हीला-हवाली की वजह से यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक आया है.