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50 भारतीय कंपनियों ने मिस्र की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश किया: जयशंकर - EAM Jaishankar

50 Indian companies invested in Egyptian economy: नई दिल्ली में मिस्र के राष्ट्रीय दिवस को लेकर एक समारोह का आयोजन किया गया. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर इसमें शामिल हुए. समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 50 भारतीय कंपनियों ने मिस्र की अर्थव्यवस्था में निवेश किया है. पढ़ें ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट...

EAM Jaishankar
विदेश मंत्री जयशंकर (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 23, 2024, 9:28 AM IST

नई दिल्ली: भारत ने सोमवार को कहा कि 50 से अधिक भारतीय कंपनियां पहले ही मिस्र की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश कर चुकी हैं. इनमें फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और हरित ऊर्जा प्रमुख क्षेत्र हैं. नई दिल्ली में मिस्र के राष्ट्रीय दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने कहा, 'भारत और मिस्र के बीच आर्थिक सहयोग लगातार विविधतापूर्ण हो रहा है. दोनों पक्ष आपसी लाभ के लिए नए अवसरों की तलाश कर रहे हैं. 50 से अधिक भारतीय कंपनियां पहले ही मिस्र की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश कर चुकी हैं, जिनमें फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और हरित ऊर्जा प्रमुख क्षेत्र हैं.'

मिस्र के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर विदेश मंत्री ने कहा, 'हमारा आईटी उद्योग भी साझेदारियां स्थापित कर रहा है. इसके भविष्य में बढ़ने की हमें उम्मीद है. मिस्र हमारे कृषि-निर्यात, विशेष रूप से गेहूं के निर्यात के लिए एक बाजार के रूप में भी खुल गया है. उन्होंने कहा कि इसी अवधि में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग भी बढ़ा है.'

विदेश मंत्री ने कहा, '2021 से हमारी वायु सेनाएं द्विपक्षीय रूप से और बड़े प्रारूप में नियमित अभ्यास कर रही हैं. हमारे विशेष बल भी अपने अभ्यास कर रहे हैं. इस साल जनवरी से भारतीय नौसेना के जहाज मिस्र के बंदरगाहों पर लगातार और नियमित रूप से आते हैं. हमारे रक्षा उद्योग नई गतिविधियों और सहयोग के माध्यम से पुरानी परंपरा को ताजा कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि दो पुरानी सभ्यताओं के रूप में यह स्वाभाविक है कि सांस्कृतिक सहयोग हमारे संबंधों में प्रमुख स्थान रखता है. जयशंकर ने कहा, 'हमें पता है कि मिस्र में योग बहुत लोकप्रिय है. प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर अपने योग संबोधन के दौरान खुद इसका जिक्र किया था. भारतीय भाषाओं को सीखने में भी रुचि है और हमारे विश्वविद्यालयों के बीच बातचीत मजबूत बनी हुई है.'

विदेश मंत्री ने कहा, 'जब वैश्विक मामलों की बात आती है तो भारतीय और मिस्र के राजनयिकों के बीच मिलकर काम करने की लंबी परंपरा रही है. मैं अभी राजदूत के साथ इस पर चर्चा कर रहा था. हमने सराहना की कि मिस्र ने भारतीय अध्यक्षता के दौरान जी20 में भाग लिया. भारत ने भी मिस्र की ब्रिक्स की सदस्यता का पुरजोर समर्थन किया.

हम भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन प्रक्रिया के संदर्भ में अपने सहयोग को महत्व देते हैं. मुझे यह भी जोड़ना चाहिए कि मैंने व्यक्तिगत रूप से अपने तत्कालीन समकक्ष, मंत्री समेह शौकरी के साथ बहुत ही गर्मजोशी और सहज कामकाजी संबंध का आनंद लिया. मैं उनके उत्तराधिकारी के साथ भी ऐसा ही संबंध स्थापित करने की आशा करता हूं.'

यह ध्यान देने योग्य है कि भारत ने 2023 में गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में मिस्र के राष्ट्रपति सिसी की मेजबानी की. कुछ महीनों के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून में मिस्र का दौरा किया और संबंध रणनीतिक स्तर तक बढ़ा गए. मिस्र का राष्ट्रीय दिवस, जिसे क्रांति दिवस या राष्ट्रीय दिवस के रूप में जाना जाता है हर साल 23 जुलाई को मनाया जाता है. यह 1952 की मिस्र की क्रांति की याद दिलाता है. इसके कारण राजशाही को उखाड़ फेंका गया और मिस्र गणराज्य की स्थापना हुई. यह मिस्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है जो देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता के संघर्ष का प्रतीक है.

ये भी पढ़ें- मिस्र-फ्रांस के राष्ट्रपति ने गाजा में युद्ध विराम के प्रयासों पर चर्चा की

नई दिल्ली: भारत ने सोमवार को कहा कि 50 से अधिक भारतीय कंपनियां पहले ही मिस्र की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश कर चुकी हैं. इनमें फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और हरित ऊर्जा प्रमुख क्षेत्र हैं. नई दिल्ली में मिस्र के राष्ट्रीय दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने कहा, 'भारत और मिस्र के बीच आर्थिक सहयोग लगातार विविधतापूर्ण हो रहा है. दोनों पक्ष आपसी लाभ के लिए नए अवसरों की तलाश कर रहे हैं. 50 से अधिक भारतीय कंपनियां पहले ही मिस्र की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश कर चुकी हैं, जिनमें फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और हरित ऊर्जा प्रमुख क्षेत्र हैं.'

मिस्र के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर विदेश मंत्री ने कहा, 'हमारा आईटी उद्योग भी साझेदारियां स्थापित कर रहा है. इसके भविष्य में बढ़ने की हमें उम्मीद है. मिस्र हमारे कृषि-निर्यात, विशेष रूप से गेहूं के निर्यात के लिए एक बाजार के रूप में भी खुल गया है. उन्होंने कहा कि इसी अवधि में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग भी बढ़ा है.'

विदेश मंत्री ने कहा, '2021 से हमारी वायु सेनाएं द्विपक्षीय रूप से और बड़े प्रारूप में नियमित अभ्यास कर रही हैं. हमारे विशेष बल भी अपने अभ्यास कर रहे हैं. इस साल जनवरी से भारतीय नौसेना के जहाज मिस्र के बंदरगाहों पर लगातार और नियमित रूप से आते हैं. हमारे रक्षा उद्योग नई गतिविधियों और सहयोग के माध्यम से पुरानी परंपरा को ताजा कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि दो पुरानी सभ्यताओं के रूप में यह स्वाभाविक है कि सांस्कृतिक सहयोग हमारे संबंधों में प्रमुख स्थान रखता है. जयशंकर ने कहा, 'हमें पता है कि मिस्र में योग बहुत लोकप्रिय है. प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर अपने योग संबोधन के दौरान खुद इसका जिक्र किया था. भारतीय भाषाओं को सीखने में भी रुचि है और हमारे विश्वविद्यालयों के बीच बातचीत मजबूत बनी हुई है.'

विदेश मंत्री ने कहा, 'जब वैश्विक मामलों की बात आती है तो भारतीय और मिस्र के राजनयिकों के बीच मिलकर काम करने की लंबी परंपरा रही है. मैं अभी राजदूत के साथ इस पर चर्चा कर रहा था. हमने सराहना की कि मिस्र ने भारतीय अध्यक्षता के दौरान जी20 में भाग लिया. भारत ने भी मिस्र की ब्रिक्स की सदस्यता का पुरजोर समर्थन किया.

हम भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन प्रक्रिया के संदर्भ में अपने सहयोग को महत्व देते हैं. मुझे यह भी जोड़ना चाहिए कि मैंने व्यक्तिगत रूप से अपने तत्कालीन समकक्ष, मंत्री समेह शौकरी के साथ बहुत ही गर्मजोशी और सहज कामकाजी संबंध का आनंद लिया. मैं उनके उत्तराधिकारी के साथ भी ऐसा ही संबंध स्थापित करने की आशा करता हूं.'

यह ध्यान देने योग्य है कि भारत ने 2023 में गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में मिस्र के राष्ट्रपति सिसी की मेजबानी की. कुछ महीनों के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून में मिस्र का दौरा किया और संबंध रणनीतिक स्तर तक बढ़ा गए. मिस्र का राष्ट्रीय दिवस, जिसे क्रांति दिवस या राष्ट्रीय दिवस के रूप में जाना जाता है हर साल 23 जुलाई को मनाया जाता है. यह 1952 की मिस्र की क्रांति की याद दिलाता है. इसके कारण राजशाही को उखाड़ फेंका गया और मिस्र गणराज्य की स्थापना हुई. यह मिस्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है जो देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता के संघर्ष का प्रतीक है.

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