कोटा. देशभर से मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस की कोचिंग करने आने वाले स्टूडेंट्स के सुसाइड के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. आज फिर कोटा में बिहार से आकर इंजीनियरिंग एंट्रेंस जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) मेन व एडवांस्ड की तैयारी कर रहे छात्र ने सुसाइड कर लिया है. वह महावीर नगर थर्ड इलाके में एक मकान में कमरा किराया से लेकर रहता था. इस सुसाइड की सूचना भी उसके सामने वाले रूम में रहने वाले स्टूडेंट्स ने मकान मालिक को दी थी. क्योंकि उसके कमरे की लाइट जल रही थी और वह सुसाइड की अवस्था में रोशनदान से नजर आया था. सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और उसके शव को मोर्चरी में रखवाया है.
महावीर नगर थाना अधिकारी महेंद्र मारू का कहना है कि मृतक बिहार के नालंदा का निवासी है. वह बीते एक साल से कोटा में कोचिंग संस्थान में पड़कर जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन व एडवांस्ड की तैयारी कर रहा था. इसका भाई भी कोटा में रहकर ही मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम नीट यूजी की तैयारी कर रहा है. दोनों भाई एक ही कोचिंग में पढ़ते हैं, लेकिन संस्थान की बिल्डिंग अलग-अलग है. ऐसे में उसका भाई दादाबाड़ी में रहता है. वह भी सूचना मिलने पर महावीर नगर थर्ड स्थित संदीप के पीजी में पहुंच गया था.
बता दें कि यह इस साल का 11वां सुसाइड केस है, साथ ही जिला प्रशासन ने सभी हॉस्टल और पीजी में एंटी सुसाइड रॉड (हैंगिंग डिवाइस) पंखों में लगाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन इस पीजी में भी पंखे पर यह एंटी सुसाइड रॉड नहीं लगी हुई थी. साथ ही इसके पहले दादाबाड़ी के अनय रेजीडेंसी में भी एक सुसाइड केस सामने आया था, जहां भी पंखे में एंटी सुसाइड रॉड नहीं थी. जिला प्रशासन सुसाइड के मामले सामने आने के बाद हॉस्टल को सीज कर देता है, लेकिन अनय रेजिडेंसी के मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई थी.
5 साल पहले हो चुकी है माता-पिता की मौत : सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे महावीर नगर थाने के सब इंस्पेक्टर कमल किशोर का कहना है कि करीब 5 साल पहले मृतक छात्र के माता-पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी है. दोनों भाइयों को उनके चाचा ही पढ़ा रहे थे और वह रेलवे में ड्यूटी करते हैं. उन्होंने मृत्यु की सूचना मिलने पर आने में असमर्थता जताई. उन्होंने सहमति दी कि मृतक के भाई की उपस्थिति में ही उसका पोस्टमार्टम करवा दिया जाए. ऐसे में उसके शव को पोस्टमार्टम करवा कर उसके भाई को सौंप दिया गया है. मकान मालिक महेंद्र का कहना है कि रात को करीब 9:30 बजे वह मेस से खाना खाकर आया था, इस दौरान उससे बात हुई थी. वह अपने कमरे में चला गया था. यह बात भी सामने आई है कि एक दिन पहले ही बुधवार को उसके चाचा ने उसके खाते में पैसे भी डलवाए थे.
नहीं मिला कोई सुसाइड नोट : घटनाक्रम में सामने आया है कि छात्र देर रात 12 बजे तक पढ़ाई कर रहा था. या फिर कहें तो सबके सोने का इंतजार कर रहा था. ऐसे में यह घटना रात 12 से सुबह 5 के बीच हुई है. सब इंस्पेक्टर कमल किशोर का कहना है कि सूचना मिलने पर सुबह पुलिस मौके पर पहुंच गई थी, इसके बाद शव को मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में पहुंचा दिया गया था, जहां पोस्टमार्टम करा कर कार्रवाई शुरू कर दी गई. इस मामले में मर्ग दर्ज कर जांच शुरू की है. मौके पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. ऐसे में उसने सुसाइड पढ़ाई के तनाव के चलते ही किया है या कोई अन्य कारण इसका खुलासा फिलहाल नहीं हो पाया है. दूसरी तरफ छात्र लगातार कोचिंग भी नहीं जा रहा था, वह कोचिंग क्लासेस से काफी छुट्टी करता था.
प्रशासन ने सीज किए पीजी के चार कमरेः अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर कृष्णा शुक्ला ने बताया कि मकान में पंखों को लटकाने के लिए हैंगिंग डिवाइस नहीं थी, जबकि इसके उपयोग करने के निर्देश पहले जारी किए हुए हैं. ऐसे में इस मकान में 4 कमरे किराए पर दिए जाते हैं, जिनमें से वर्तमान में 2 कमरों में छात्र रहते थे. छात्र की आत्महत्या के प्रकरण के बाद दूसरे छात्र ने भी कमरा खाली कर दिया गया है. ऐसे में सभी चारों कमरों को सीज कर दिया है. मकान मालिक राजेन्द्र प्रसाद गौतम को आदेश की पालना कराने के लिए निर्देशित किया है.