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केरल : ISIS कनेक्शन मामले में 10 साल कठोर कारावास - केरल आईएसआईएस कनेक्शन में जेल

ISIS module case : आईएस ऑपरेटिव रियास अबूबकर को 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है. उसे 2019 केरल में सिलसिलेवार बम धमाकों और आत्मघाती आतंकी हमलों की योजना बनाते समय गिरफ्तार किया गया था.

10 years rigorous imprisonment
10 साल कठोर कारावास
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 9, 2024, 5:41 PM IST

कोच्चि: एनआईए की विशेष अदालत ने कोच्चि में आईएसआईएस भर्ती मामले में एकमात्र आरोपी रियास अबूबकर को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. आरोपी केरल में सिलसिलेवार बम धमाकों और आत्मघाती आतंकी हमलों की योजना बना रहा था.

अदालत ने आरोपी को यूएपीए की धारा 38 के तहत 10 साल, यूएपीए की धारा 39 के तहत 10 साल, भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी) के तहत 5 साल और तीनों में कुल 1,25,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.

सभी सजाएं साथ चलेंगी. चूंकि आरोपी ने मुकदमे की अवधि के दौरान पांच साल जेल में बिताए थे, इसलिए इस सजा को काटने के बाद आरोपी को साढ़े पांच साल जेल में बिताने होंगे. अदालत ने आरोपी पर लगे आरोपों के तहत अधिकतम सजा सुनाई.

ये है मामला : आरोपी अफगानिस्तान गया और केरल में आत्मघाती बम हमलों की योजना बनाने के लिए आतंकवादियों के साथ साजिश में जुड़ गया. आरोपियों की साजिश नए साल के जश्न के दौरान आत्मघाती हमला करने की थी. जांच एजेंसी ने पाया कि आरोपी ने इस काम के लिए कई लोगों से संपर्क किया था.

इस मामले में एकमात्र आरोपी रियाज़ को 2019 में आत्मघाती हमले को अंजाम देने के लिए विस्फोटक सामग्री इकट्ठा करते समय गिरफ्तार किया गया था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि रियाज़ ने अब्दुल रशीद अब्दुल्ला के निर्देश पर विस्फोटों की योजना बनाई थी, जो केरल से अफगानिस्तान गया और आईएसआईएस में शामिल हो गया.

एनआईए को आरोपी के फोन से अब्दुल रशीद के फोन मैसेज और ऑडियो क्लिप मिली थी. कोल्लम के मुहम्मद फैसल और कासरगोड के अबू बकर सिद्दीकी, जिन्हें आरोपियों के साथ गिरफ्तार किया गया था, बाद में मामले में गवाह बन गए. आरोपी पर यूएपीए की धारा 38 और 39 के तहत आरोप लगाए गए.

31 जनवरी को कोच्चि एनआईए कोर्ट में अंतिम बहस पूरी हो गई. एनआईए का आरोप है कि कोल्लम के रियाज और उसके सह-आरोपी मोहम्मद फैसल और कासरगोड के अबू बकर सिद्दीकी ने केरल में आत्मघाती हमले की योजना बनाई थी और इसके लिए उन्होंने लुलु मॉल और मरीन ड्राइव के पास साजिश रची थी.

एनआईए ने आरोपियों की सीडीआर, टावर लोकेशन, सोशल मीडिया एक्सट्रैक्शन जैसे डिजिटल सबूत भी कोर्ट में पेश किए. प्रतिवादी के फोन से अब्दुल रशीद अब्दुल्ला की कई वॉयस क्लिप, आईएसआईएस की तस्वीरें और वीडियो, कई आईएसआईएस दस्तावेज सबूत के तौर पर अदालत में पेश किए गए.

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कोच्चि NIA कोर्ट ने ISIS मामले में आरोपी को दोषी पाया

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अदालत ने आरोपी को यूएपीए की धारा 38 के तहत 10 साल, यूएपीए की धारा 39 के तहत 10 साल, भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी) के तहत 5 साल और तीनों में कुल 1,25,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.

सभी सजाएं साथ चलेंगी. चूंकि आरोपी ने मुकदमे की अवधि के दौरान पांच साल जेल में बिताए थे, इसलिए इस सजा को काटने के बाद आरोपी को साढ़े पांच साल जेल में बिताने होंगे. अदालत ने आरोपी पर लगे आरोपों के तहत अधिकतम सजा सुनाई.

ये है मामला : आरोपी अफगानिस्तान गया और केरल में आत्मघाती बम हमलों की योजना बनाने के लिए आतंकवादियों के साथ साजिश में जुड़ गया. आरोपियों की साजिश नए साल के जश्न के दौरान आत्मघाती हमला करने की थी. जांच एजेंसी ने पाया कि आरोपी ने इस काम के लिए कई लोगों से संपर्क किया था.

इस मामले में एकमात्र आरोपी रियाज़ को 2019 में आत्मघाती हमले को अंजाम देने के लिए विस्फोटक सामग्री इकट्ठा करते समय गिरफ्तार किया गया था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि रियाज़ ने अब्दुल रशीद अब्दुल्ला के निर्देश पर विस्फोटों की योजना बनाई थी, जो केरल से अफगानिस्तान गया और आईएसआईएस में शामिल हो गया.

एनआईए को आरोपी के फोन से अब्दुल रशीद के फोन मैसेज और ऑडियो क्लिप मिली थी. कोल्लम के मुहम्मद फैसल और कासरगोड के अबू बकर सिद्दीकी, जिन्हें आरोपियों के साथ गिरफ्तार किया गया था, बाद में मामले में गवाह बन गए. आरोपी पर यूएपीए की धारा 38 और 39 के तहत आरोप लगाए गए.

31 जनवरी को कोच्चि एनआईए कोर्ट में अंतिम बहस पूरी हो गई. एनआईए का आरोप है कि कोल्लम के रियाज और उसके सह-आरोपी मोहम्मद फैसल और कासरगोड के अबू बकर सिद्दीकी ने केरल में आत्मघाती हमले की योजना बनाई थी और इसके लिए उन्होंने लुलु मॉल और मरीन ड्राइव के पास साजिश रची थी.

एनआईए ने आरोपियों की सीडीआर, टावर लोकेशन, सोशल मीडिया एक्सट्रैक्शन जैसे डिजिटल सबूत भी कोर्ट में पेश किए. प्रतिवादी के फोन से अब्दुल रशीद अब्दुल्ला की कई वॉयस क्लिप, आईएसआईएस की तस्वीरें और वीडियो, कई आईएसआईएस दस्तावेज सबूत के तौर पर अदालत में पेश किए गए.

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