આ સાથે જ અન્ય રાજ્યના તબીબોએ પણ તેમના કામ પર પરત ફર્યા છે. પશ્ચિમ બંગાળમાં હડતાલ પૂર્ણ થયા બાદ દિલ્લી, પંજાબ, હરિયાણાના ડોક્ટર્સ તેમના કામ પર પરત ફર્યા હતા. AIIMSમાં પણ ડોક્ટરો તેમના ફરજ પર પરત ફર્યા હતા.
તબીબોના એક પ્રતિનિધિએ NRS મેડિકલ કોલેજ તથા હોસ્પિટલને જણાવ્યું હતું કે, મુખ્યપ્રધાનની સાથે અમારી સકારાત્મક બેઠક યોજી હતી. જેમાં અમને ખાતરી આપવામાં આવી છે કે, તબીબોને સુરક્ષા આપવામાં આવશે. તેથી આ હડતાલ પૂર્ણ કરી છે. તેમણે વધુમાં કહ્યું કે, અમે જૂનિયર ડોક્ટર્સને અપીલ કરી છે કે, ટૂંક સમયમાં જ આ હડતાલને પૂર્ણ કરીને ફરજ પર પરત ફરે. અમે સરકાર સામે જે પણ પ્રસ્તાવ રાખ્યા છે તેના પર કામ કરવા માટે તેમને સમય આપ્યો છે.
પશ્ચિમ બંગાળના રાજ્યપાલ કેશરી નાથ ત્રિપાઠીએ પણ ડોક્ટરો દ્વારા હડતાલ ખત્મ કરવાના નિર્ણયનો સ્વિકાર કર્યો હતો. નીલ રતન સરકાર મેડિકલ કોલેજ તથા હોસ્પિટલમાં બેઠક બાદ તેમણે કહ્યું કે, મુખ્યપ્રધાન સાથે અમારી બેઠક થઇ હતી અને તે ચર્ચા સફળ પણ રહી હતી. તેમણે ખાતરી આપી છે કે, તેઓ સરકારી હોસ્પિટલના ડોક્ટર્સને સુરક્ષા આપશે.
આ બેઠકમાં બેનર્જીએ પોલીસને કહ્યું કે, રાજ્યના તમામ સરકારી ડોક્ટરોની સુરક્ષા માટે નોટલ અધિકારીની નિયુક્તિ કરવામાં આવે. આ બેઠકમાં બંગાળના સ્વાસ્થ્ય સચિવ, રાજ્યપ્રધાન ચંદ્રિમા ભટ્ટાચાર્ય તથા અન્ય અધિકારીઓ સિવાય 31 ડોક્ટરો ઉપસ્થિત રહ્યા હતા.
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WB के चिकित्सकों की हड़ताल खत्म, देश के अन्य हिस्सों में भी काम पर लौट रहे डॉक्टर
कोलकाता/नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के सरकारी अस्पतालों में सप्ताह भर से चल रही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो गई. पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा हड़ताली चिकित्सकों को राज्य के सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने के कदम उठाने का आश्वासन देने के बाद चिकित्साकर्मियों ने हफ्ते भर से चल रही हड़ताल को सोमवार की रात को समाप्त कर दिया.
देश के अन्य हिस्सों में भी डॉक्टर अब काम पर लौट रहे हैं. पश्चिम बंगाल में हड़ताल खत्म होने के बाद ही दिल्ली, पंजाब, हरियाणा में डॉक्टर काम पर लौट रहे हैं. एम्स में भी डॉक्टरों ने लोगों का उपचार शुरू कर दिया है.
हड़ताली डॉक्टरों के एक प्रतिनिधि ने एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कहा, 'मुख्यमंत्री के साथ हमारी बैठक सकारात्मक और फलदायी रहने पर हम अपनी हड़ताल वापस लेते हैं. हम समूचे बंगाल के सभी जूनियर डॉक्टरों से अपील करते हैं कि वे जितनी जल्दी संभव हो सके, काम शुरू कर दें. हमने सरकार को बैठक में रखे गए प्रस्तावों पर अमल करने के लिए समय देने का फैसला किया है.'
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने भी डॉक्टरों की राज्यव्यापी हड़ताल से उत्पन्न संकट को खत्म किए जाने के प्रस्ताव का स्वागत किया.
चिकित्सकों के संयुक्त मोर्चा के एक प्रवक्ता ने संवाददाताओं से यहां कहा कि डॉक्टर काम पर लौटेंगे क्योंकि वह राज्य सरकार को वादे लागू करने के लिए कुछ समय देना चाहते हैं.
नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में शासकीय निकाय की बैठक के बाद उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री के साथ हमारी मुलाकात और चर्चा सफल रही. हम फिलहाल अपनी हड़ताल वापस लेते हैं. हर चीज पर विचार करते हुए हमें उम्मीद है कि सरकार चर्चा के मुताबिक मुद्दे का समाधान करेगी.'
राज्य सचिवालय में हड़ताली डॉक्टरों के प्रतिनिधियों के साथ बनर्जी की बैठक के कुछ समय बाद यह घोषणा हुई.
एनआरएस अस्पताल में पिछले सोमवार को एक रोगी की मौत के बाद उसके रिश्तेदारों द्वारा दो चिकित्सकों की पिटाई करने से क्षुब्ध जूनियर डॉक्टर मंगलवार से हड़ताल पर चले गए.
बैठक में बनर्जी ने पुलिस से कहा कि राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं. इसके अलावा उन्होंने कई कदमों की घोषणा की.
चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल ने बनर्जी को मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में होने वाली समस्याओं से अवगत कराया और कहा कि उन्हें अपनी सुरक्षा को लेकर खतरा है.
बैठक में पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य सचिव, राज्यमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और अन्य अधिकारियों के अलावा 31 जूनियर डॉक्टर मौजूद थे.
हड़ताल खत्म होने से सैकड़ों रोगियों को राहत मिली क्योंकि राज्य में एक हफ्ते से स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई थीं.
चिकित्सक फोरम के प्रवक्ता ने कहा, 'हमने अपने संचालन समिति की बैठक में निर्णय किया कि हम जल्द से जल्द अपने काम पर लौटेंगे.'
उन्होंने कहा, 'हमें समय देने के लिए हम मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हैं. हम राज्य सरकार को कुछ समय देना चाहते हैं ताकि जो वादे उन्होंने किए हैं उसे पूरा कर सकें. हम आम आदमी का भी धन्यवाद करते हैं... हम उनसे माफी भी मांगते हैं जिन्हें काफी असुविधा हुई.'
जूनियर डॉक्टरों ने घायल चिकित्सक परिबाहा मुखोपाध्याय को देखने अस्पताल में जाने के लिए भी मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया.
प्रवक्ता ने कहा, 'हम खुश हैं. उन्होंने हमसे वादा किया था और वह अस्पताल में परिबाहा को देखने गईं.'
Conclusion: