નાણાપ્રધાન નિર્મલા સીતારમણનાં કાર્યલય દ્વારા આ મુદ્દે વધારે વિવાદ થયા પછી સ્પષ્ટીકરણ કરાયું છે. એક પત્રમાં કહેવાયું છે કે, નાણામંત્રાલયની અંદર મીડિયાકર્મીઓના પ્રવેશ માટે એક ચોક્કસ પ્રક્રિયા નિર્ધારિત કરાઈ છે. મીડિયા કર્મીઓના પ્રવેશ પર કોઈ પ્રતિબંધ મુકાયો નથી. નૉર્થ બ્લૉકમાં પ્રવેશ માટે અધિકારીઓને મળવાનો સમય લેવો પડશે. PIBના પત્રકારોએ અલગથી પ્રવેશપાસ બનાવવાની જરુર નથી. પરંતુ અખબારી અહેવાલ પ્રમાણે મંત્રાલયના ગેટ પર તૈનાત સુરક્ષા જવાનો દ્વારા અપોઈન્ટમેન્ટ વગર પત્રકારોને પ્રવેશતા રોકાય છે. પ્રેસ ઈન્ફોર્મેશન બ્યુરોના માન્યતાપ્રાપ્ત પત્રકારોને પણ અટકાવાઈ છે. પત્રકારોના સંગઠને આ નવા નિયમને મીડિયાની આઝાદીને ગળે ટૂંપો ગણાવ્યો હતો. તેમજ નાણાપ્રધાન નિર્મલા સીતારમનને અપીલ કરી હતી કે, આ મનઘડત નિર્ણય પાછો લેવામાં આવે.
વિવિધ મીડિયા સંસ્થાનો અને સંપાદકોએ આ મુદ્દે નાણાપ્રધાનને મળવાનો સમય માગ્યો હતો. બેઠક પણ થઈ હતી. પરંતુ આ બેઠક નાણાંમંત્રાલયની બહાર યોજાઈ હતી. ઉલ્લેખનિય છે કે, નાણામંત્રાલયનું કાર્યલય રાયસીના હિલ્સ પર છે. બજેટ રજૂ થવાના બે મહેના પહેલા જ ત્યાં મીડિયાનો પ્રવેશ રોકવામાં આવે છે, કારણ કે, બજેટની ગુપ્તતા જળવાઈ રહે.પરંતુ આ પરંપરાને બજેટ પુરુ થયા પછી પણ ચાલુ રાખવામાં આવી છે. જેના કારણે પત્રકારોમાં રોષ ઉભો થયો છે.
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वित्त मंत्रालय में बिना एप्वाइंटमेंट पत्रकारों की 'नो-एंट्री', एडिटर्स गिल्ड ने बताया 'गला घोंटना'
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने नॉर्थ ब्लॉक में मीडिया कर्मियों के खुलेआम प्रवेश पर रोक लगा दी है. फिलहाल सिर्फ वैसे पत्रकारों को अंदर जाने दिया जा रहा है, जिन्होंने पहले से अधिकारियों से मिलने का समय ले रखा है. आम तौर से ये पत्रकार प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) से मान्यता प्राप्त होते हैं.
हालांकि, इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के कार्यालय से एक स्पष्टीकरण जारी किया गया है. पत्र में कहा गया है कि वित्त मंत्रालय के भीतर मीडिया कर्मियों के प्रवेश के संबंध में एक प्रक्रिया तय की गयी है. मंत्रालय में पत्रकारों के प्रवेश पर कोई ‘प्रतिबंध नहीं है.’
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते पांच जुलाई को लोकसभा में वित्त वर्ष 2019-20 का बजट पेश किया. बजट पेश होने के बाद quarantine हटा ली जाती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पत्रकारों का कहना है कि मंत्रालय के गेट पर तैनात गार्ड बिना अप्वाइंटमेंट के पत्रकारों को भीतर नहीं जाने दे रहे हैं. यहां तक कि पीआईबी कार्ड धारक मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी रोका जा रहा है.
इस संबंध में पत्रकारों की चिंता और सोशल मीडिया पर चर्चा भी देखी गई. इसके बाद वित्त मंत्री सीतारमण के कार्यालय ने एक ट्वीट कर स्पष्टीकरण जारी किया.
वित्त मंत्रालय में पत्रकारों के प्रवेश पर प्रतिबंध से जुड़ी खबरों पर अपना रुख स्पष्ट किया है. स्पष्टीकरण में कहा गया है कि पीआईबी से मान्यता प्राप्त सहित सभी मीडियाकर्मियों को पहले से लिए गए अप्वाइंटमेंट के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा.
नॉर्थ ब्लॉक में मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से लगाई गई बंदिशों को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (GIEWEC) ने मीडिया की आजादी का 'गला घोंटना' करार दिया है.
GIEWEC ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से यह ‘मनमाना फैसला’ वापस लेने की अपील की है.
गिल्ड ने एक बयान में कहा कि मंत्रालय से इस बाबत उसका कोई विवाद नहीं है कि पत्रकारों को वित्त मंत्रालय में मौजूद रहने के दौरान संयम और जिम्मेदारी से काम लेना चाहिए, लेकिन कोई सीधा-सपाट आदेश इसका जवाब नहीं है.
एडिटर्स गिल्ड का पत्र
वित्त मंत्रालय के स्पष्टीकरण में कहा गया है कि वित्त मंत्रालय, नॉर्थ ब्लॉक में प्रवेश पर और कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. मीडियाकर्मी अधिकारियों से मिलने के लिए समय ले सकते हैं. मिलने का समय लेने के बाद पीआईबी कार्ड धारकों को अलग से प्रवेश पास बनवाने की जरुरत नहीं होगी.
इसमें लिखा गया है कि यह स्पष्ट किया जाता है कि वित्त मंत्रालय में मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं है.
विभिन्न मीडिया संस्थानों के संपादकों सहित वरिष्ठ पत्रकारों ने इस मुद्दे पर वित्त मंत्री से मुलाकात के लिए समय मांगा था. जानकारी के मुताबिक यह बैठक तो हुई, लेकिन वित्त मंत्रालय से बाहर.
गौरतलब है कि वित्त मंत्रालय का कार्यालय रायसीना हिल्स पर नॉर्थ ब्लॉक में है. पुरानी परंपरा के तहत यहां सिर्फ बजट पेश होने से दो महीने पहले तक मीडिया की पहुंच से दूर रहता था. इसका मकसद बजट की गोपनीयता बनाए रखना था
Conclusion: