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दिल कैसे बड़ा किया जाता है अपने बड़े भाई से सीख लो बलूनी जी- हरीश रावत

अनिल बलूनी ने सोशल मीडिया पर अपनी एक पोस्ट में हरीश रावत को हरद्वारी लाल कहा है. इसका जवाब हरीश रावत ने अनिल बलूनी का बड़ा भाई बनकर दिया है. इन दिनों दोनों एक-दूसरे पर सोशल मीडिया के जरिए तंज कस रहे हैं.

Harish Rawat
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Published : Aug 2, 2021, 6:07 PM IST

देहरादून: आजकल उत्तराखंड की राजनीति में बीजेपी के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और कांग्रेस के दिग्गज नेता व राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत के बीच सोशल मीडिया पर जंग छिड़ी हुई है. दोनों एक-दूसरे पर तंज कस रहे हैं. अनिल बलूनी ने अपने एक पोस्ट में हरीश रावत को हरद्वारी लाल कहा है. इसका जवाब हरीश रावत ने अपने अंदाज में थैंक्यू बलूनी जी बोलकर दिया और एक लंबी पोस्ट लिखी. साथ ही कहा कि कभी अपने बड़े भाई से सीख लो कि दिल कैसे बड़ा किया जाता है.

अनिल बलूनी का हरदा पर निशाना: राज्यसभा सांसद और बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी ने हरीश रावत को लेकर लिखा था कि अल्मोड़ा वाले हरदा ऐसे नहीं थे. लेकिन जबसे हरदा हरद्वारी लाल बने, तब से उनके द्वारा अपनी सोच और समझ आमूलचूल रूप से बदल दी गई है. अब रावत ने भी अपनी पार्टी की तरह ही तुष्टिकरण के हिंदू-मुस्लिम कार्ड को गले में टांग लिया है.

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हरीश रावत का पलटवार: इस जंग में हरीश रावत भी कहां पीछे रहने वाले थे. उन्होंने भी बड़ा भाई बनकर अनिल बलूनी को जवाब दिया. हरीश रावत ने अनिल बलूनी की पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए लिखा कि थैंक्यू बलूनी जी. आपने मुझे हरद्वारी लाल कहकर संबोधित किया. अल्मोड़ा के लोगों का दिल बहुत बड़ा है. उनको यह जानकर खुशी होगी कि उनका हरीश रावत हरिद्वार का दिल जीत सका और विपक्ष को भी उनको हरद्वारी लाल कहकर संबोधित करना पड़ा.

हरीश रावत ने लिखा कि हरिद्वार हमारी उत्तराखंड की धरती का गौरवपूर्ण हिस्सा है. मैं जिस उत्तराखंडियत को लेकर चलता हूं, हरिद्वार उस उत्तराखंडियत के झंडे का अभिन्न अंग है. उस उत्तराखंडियत झंडे का चमकीला अंश और रंग अल्मोड़ियत है.

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हरीश रावत ने आगे लिखा कि आप चिंता न करें, आपके बड़े भाई हरीश रावत का दिल बड़ा है. वो हरिद्वार में गन्ने की लड़ाई के साथ भटवाड़ी और साईंपोतो के मडुवे की लड़ाई भी लड़ सकता है. हमने तो अपने छोटे भाई से बहुत कुछ सीखा है. आपसे हमने मुलामियत सीखी, लेकिन कभी अपने बड़े भाई से सीख लो कि दिल कैसे बड़ा किया जाता है और उस दिल में सभी को कैसे समाहित किया जाता है? खैर आपने मेरे दिल को पहचाना और मुझे हरद्वारी लाल कहा.

हरीश रावत ने कहा कि मैंने तो अपने आप को गन्नामैन कहा, क्योंकि मैं गन्ने की भी लड़ाई लड़ रहा हूं. मैं उस संघर्षशील आवाज की पहचान हूं, जो अपने विकास और अपनी पहचान के लिए लड़ रहे हैं. इस भाव में आप और हम साथ-साथ चल सकते हैं. बशर्तें मेरे साथ चलने में आपको कोई राजनैतिक नुकसान न हो.

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हरीश रावत ने कहा कि आपने हरद्वारी लाल के साथ बहुत सारी बातें भी कह दीं. लेकिन जो मेरे साथ आप विकास-विकास और रोजगार-रोजगार खेलना चाहते थे, उसका आपने कोई जिक्र नहीं किया, वो खेल कब होगा? जरा मुझे भी उसकी तारीख बता दीजिए. शायद आप कुछ वार-विपार निकाल रहे होंगे, जब निकल जाए तो मुझे भी बता दीजिएगा.

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