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उत्तराखंड में पहली मॉनसून की बारिश बनी आफत, कहीं जलभराव, कहीं हुआ लैंडस्लाइड, मौसम विभाग ने किया अलर्ट - Rain in Uttarakhand

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 29, 2024, 8:49 PM IST

Updated : Jun 29, 2024, 10:02 PM IST

Rain In Uttarakhand उत्तराखंड में मॉनसून के पहुंचने के साथ ही प्रदेश भर में हाहाकार मच गया है. गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक की कई ऐसी तस्वीरें आई हैं जिन्होंने मॉनसून सीजन के आने वाले दिनों को लेकर डराने वाले संकेत दिए हैं. मैदानी जिलों में नदियां सब कुछ अपने साथ बहाने पर अमादा दिख रही है. पर्वतीय जिलों में भूस्खलन ने आम जनजीवन को बेहद ज्यादा प्रभावित किया है. उधर मौसम विज्ञान केंद्र फिलहाल इन हालातों से राहत मिलने के संकेत नहीं दे रहा है.

Rain In Uttarakhand
मॉनसून की पहली ही बारिश बनी उत्तराखंड में आफत (PHOTO-ETV BHARAT GRAPHICS)

मॉनसून की पहली ही बारिश बनी उत्तराखंड में आफत (ETV BHARAT)

देहरादूनः मॉनसून के उत्तराखंड पहुंचने के बाद शनिवार को पहली बारिश ने राज्य भर में हाहाकार मचा दिया. प्रदेशभर से ऐसी कई खबरें और तस्वीरें सामने आई है जिसने लोगों को आने वाले दिनों के लिए चिंतित भी किया है. न केवल देहरादून बल्कि हरिद्वार और गढ़वाल के पर्वतीय जिलों के साथ कुमाऊं के तमाम जिलों में भी बारिश देखने को मिल रही है. कई जगहों पर भारी बारिश भी देखने को मिली है. बड़ी बात यह है कि सुबह से लगातार हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और गाढ़ गदेरे भी भर गए हैं. जबकि आने वाले दिनों में भी बारिश के इसी तरह बदस्तूर जारी रहने की संभावना व्यक्त की गई है.

हरिद्वार में गंगा नदी पर बहते नजर आए बड़े वाहन: हरिद्वार में लगातार हो रही बारिश के बाद कुछ डराने वाली भी तस्वीरें सामने आई हैं. इन तस्वीरों में गंगा नदी के तेज बहाव के साथ कई बड़े वाहन भी बहते हुए नजर आए हैं. उधर इन स्थितियों से गंगा नदी के किनारों पर रहने वाले लोगों के लिए भी खतरा बढ़ गया है. हालांकि, बारिश को लेकर पूर्व में हुई भविष्यवाणी के बाद जिला प्रशासन स्तर पर नदी के किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट किया गया था. लेकिन अब जो तस्वीर सामने आई है, वह आने वाले दिनों में बारिश की भविष्यवाणी के मद्देनजर नई चिंताओं को भी जाहिर कर रही है.

पर्वतीय जिलों में भूस्खलन की भी हो रही घटना: एक तरफ मैदानी जिलों में नदियों के किनारों पर नुकसान की संभावना बढ़ रही है तो वहीं पर्वतीय जनपदों में गाढ़ गदेरे पानी से लबालब होने के चलते भूस्खलन का खतरा बढ़ा है. टनकपुर जौलजीबी हाईवे में पिछले कई घंटे से हो रही बारिश के चलते मलबा आने की खबर है. इस कारण नेशनल हाईवे पर आवाजाही काफी समय तक बाधित रही. इसी तरह पिथौरागढ़ जिले में भी कई मार्गों पर बोल्डर गिरने की खबरें सामने आई है.

अब तक मिल रही जानकारी के अनुसार कुमाऊं क्षेत्र में बारिश का ज्यादा प्रभाव दिखाई दे रहा है और कुमाऊं क्षेत्र के पर्वतीय जनपदों में कुछ जगहों पर भारी बारिश भी देखने को मिली है. राज्य के कई क्षेत्रों में बारिश के साथ तेज हवा चलने के कारण पेड़ों के भी टूटने की जानकारी मिली है जिससे मार्ग बाधित हुए हैं.

आने वाले दिनों में बारिश का जारी रहेगा सिलसिला: मॉनसून के उत्तराखंड पहुंचने के बाद बारिश का सिलसिला शुरू हो चुका है. लेकिन इस दौरान सबसे ज्यादा प्रभाव आने वाले कुछ दिनों में दिखाई देगा. मौसम वैज्ञानिक मानते हैं कि अगले कुछ दिनों में कई जगहों पर भारी और बहुत भारी बारिश भी हो सकती है. इसके पीछे वैज्ञानिकों का तर्क है कि फिलहाल तापमान राज्य के तमाम मैदानी जिलों में 42 से 43 डिग्री सेल्सियस तक चल रहे थे. जबकि पर्वतीय जिले में भी यह तापमान 32 डिग्री सेल्सियस के आसपास देखे गए थे. लिहाजा, भारी गर्मी के बीच अचानक मॉनसून के पहुंचने और मौसम की बदलने के चलते आने वाले कुछ दिनों में गड़गड़ाहट के साथ तेज बारिश और कम समय में एक ही जगह पर ज्यादा बारिश जैसी घटनाएं भी देखने को मिल सकती है.

उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र के निर्देशक विक्रम सिंह कहते हैं कि 30 जून से लेकर 5 जुलाई तक लगातार बारिश का सिलसिला बना रहेगा और इस दौरान राज्य के कई जिलों में तेज बारिश भी होगी.

देहरादून में सुबह से बारिश जारी: राजधानी देहरादून में भी प्रदेश भर की तरह ही बारिश सुबह से ही होने लगी थी. दिन के समय बारिश ने रफ्तार पकड़ी और कई जगह पर तेज बारिश के साथ तेज हवाएं भी चलती हुई महसूस हुई. बारिश का यह सिलसिला सुबह से शुरू होकर शाम तक चलता रहा. हालांकि, लगातार हो रही बारिश से लोगों को गर्मी से राहत मिली है. लेकिन इससे सड़कों पर कई जगह पर जल भराव की स्थिति भी पैदा हो गई और आम जनजीवन अस्त व्यस्त होता हुआ दिखाई दिया.

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने आज रायवाला बीजी कैम्प रोड स्थित वार्ड 11,12 और 13 में मानसून को देखते हुए अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण किया. निरीक्षण के बाद मंत्री ने बताया यहां पानी की निकासी के लिए ढाई किलोमीटर की आंतरिक नालियां बनाई जाएंगी. एक किलोमीटर बड़ी नाली के जरिए पानी की निकासी की जाएगी. उन्होंने अधिकारियों को बताया पिछले वर्ष मानसून के दौरान आई भारी बारिश के चलते इस क्षेत्र में अत्यधिक जलभराव हो गया था. जिसके चलते स्थानीय लोग एक माह तक अपने घरों से दूर रहे थे.

ये भी पढ़ेंः ...जब तिनके ही तरह बहने लगी गाड़ियां, 'पानी-पानी' हुई सूखी नदी, उत्तराखंड में मॉनसून की पहली बारिश ही बनी आफत

ये भी पढ़ेंः कोटद्वार में आसमान से बरसी आफत, मलबे की चपेट में आई यात्रियों से भरी मैक्स, मची चीख पुकार

मॉनसून की पहली ही बारिश बनी उत्तराखंड में आफत (ETV BHARAT)

देहरादूनः मॉनसून के उत्तराखंड पहुंचने के बाद शनिवार को पहली बारिश ने राज्य भर में हाहाकार मचा दिया. प्रदेशभर से ऐसी कई खबरें और तस्वीरें सामने आई है जिसने लोगों को आने वाले दिनों के लिए चिंतित भी किया है. न केवल देहरादून बल्कि हरिद्वार और गढ़वाल के पर्वतीय जिलों के साथ कुमाऊं के तमाम जिलों में भी बारिश देखने को मिल रही है. कई जगहों पर भारी बारिश भी देखने को मिली है. बड़ी बात यह है कि सुबह से लगातार हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और गाढ़ गदेरे भी भर गए हैं. जबकि आने वाले दिनों में भी बारिश के इसी तरह बदस्तूर जारी रहने की संभावना व्यक्त की गई है.

हरिद्वार में गंगा नदी पर बहते नजर आए बड़े वाहन: हरिद्वार में लगातार हो रही बारिश के बाद कुछ डराने वाली भी तस्वीरें सामने आई हैं. इन तस्वीरों में गंगा नदी के तेज बहाव के साथ कई बड़े वाहन भी बहते हुए नजर आए हैं. उधर इन स्थितियों से गंगा नदी के किनारों पर रहने वाले लोगों के लिए भी खतरा बढ़ गया है. हालांकि, बारिश को लेकर पूर्व में हुई भविष्यवाणी के बाद जिला प्रशासन स्तर पर नदी के किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट किया गया था. लेकिन अब जो तस्वीर सामने आई है, वह आने वाले दिनों में बारिश की भविष्यवाणी के मद्देनजर नई चिंताओं को भी जाहिर कर रही है.

पर्वतीय जिलों में भूस्खलन की भी हो रही घटना: एक तरफ मैदानी जिलों में नदियों के किनारों पर नुकसान की संभावना बढ़ रही है तो वहीं पर्वतीय जनपदों में गाढ़ गदेरे पानी से लबालब होने के चलते भूस्खलन का खतरा बढ़ा है. टनकपुर जौलजीबी हाईवे में पिछले कई घंटे से हो रही बारिश के चलते मलबा आने की खबर है. इस कारण नेशनल हाईवे पर आवाजाही काफी समय तक बाधित रही. इसी तरह पिथौरागढ़ जिले में भी कई मार्गों पर बोल्डर गिरने की खबरें सामने आई है.

अब तक मिल रही जानकारी के अनुसार कुमाऊं क्षेत्र में बारिश का ज्यादा प्रभाव दिखाई दे रहा है और कुमाऊं क्षेत्र के पर्वतीय जनपदों में कुछ जगहों पर भारी बारिश भी देखने को मिली है. राज्य के कई क्षेत्रों में बारिश के साथ तेज हवा चलने के कारण पेड़ों के भी टूटने की जानकारी मिली है जिससे मार्ग बाधित हुए हैं.

आने वाले दिनों में बारिश का जारी रहेगा सिलसिला: मॉनसून के उत्तराखंड पहुंचने के बाद बारिश का सिलसिला शुरू हो चुका है. लेकिन इस दौरान सबसे ज्यादा प्रभाव आने वाले कुछ दिनों में दिखाई देगा. मौसम वैज्ञानिक मानते हैं कि अगले कुछ दिनों में कई जगहों पर भारी और बहुत भारी बारिश भी हो सकती है. इसके पीछे वैज्ञानिकों का तर्क है कि फिलहाल तापमान राज्य के तमाम मैदानी जिलों में 42 से 43 डिग्री सेल्सियस तक चल रहे थे. जबकि पर्वतीय जिले में भी यह तापमान 32 डिग्री सेल्सियस के आसपास देखे गए थे. लिहाजा, भारी गर्मी के बीच अचानक मॉनसून के पहुंचने और मौसम की बदलने के चलते आने वाले कुछ दिनों में गड़गड़ाहट के साथ तेज बारिश और कम समय में एक ही जगह पर ज्यादा बारिश जैसी घटनाएं भी देखने को मिल सकती है.

उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र के निर्देशक विक्रम सिंह कहते हैं कि 30 जून से लेकर 5 जुलाई तक लगातार बारिश का सिलसिला बना रहेगा और इस दौरान राज्य के कई जिलों में तेज बारिश भी होगी.

देहरादून में सुबह से बारिश जारी: राजधानी देहरादून में भी प्रदेश भर की तरह ही बारिश सुबह से ही होने लगी थी. दिन के समय बारिश ने रफ्तार पकड़ी और कई जगह पर तेज बारिश के साथ तेज हवाएं भी चलती हुई महसूस हुई. बारिश का यह सिलसिला सुबह से शुरू होकर शाम तक चलता रहा. हालांकि, लगातार हो रही बारिश से लोगों को गर्मी से राहत मिली है. लेकिन इससे सड़कों पर कई जगह पर जल भराव की स्थिति भी पैदा हो गई और आम जनजीवन अस्त व्यस्त होता हुआ दिखाई दिया.

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने आज रायवाला बीजी कैम्प रोड स्थित वार्ड 11,12 और 13 में मानसून को देखते हुए अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण किया. निरीक्षण के बाद मंत्री ने बताया यहां पानी की निकासी के लिए ढाई किलोमीटर की आंतरिक नालियां बनाई जाएंगी. एक किलोमीटर बड़ी नाली के जरिए पानी की निकासी की जाएगी. उन्होंने अधिकारियों को बताया पिछले वर्ष मानसून के दौरान आई भारी बारिश के चलते इस क्षेत्र में अत्यधिक जलभराव हो गया था. जिसके चलते स्थानीय लोग एक माह तक अपने घरों से दूर रहे थे.

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Last Updated : Jun 29, 2024, 10:02 PM IST
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