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इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर से होगी जंगलों की निगहबानी, एक नंबर पर मिलेगी वन महकमे को हर सूचना - INTEGRATED COMMAND CENTER

उत्तराखंड वन विभाग ने हाईटेक इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर की स्थापना की. साथ ही सभी प्रकार की शिकायतों के लिए एक नंबर जारी किया है.

Integrated Command Center
इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर से होगी जंगलों की निगहबानी (PHOTO- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 16, 2025, 10:13 PM IST

Updated : Feb 16, 2025, 10:41 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड वन विभाग में एक ही नंबर से हर समस्या का समाधान हो सकेगा. दरअसल महकमे ने राज्य में पहली बार हाईटेक इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर स्थापित किया है. जिसमें मानव वन्यजीव संघर्ष, वनाग्नि और अवैध पेड़ कटान समेत किसी भी तरह की जंगलों से जुड़ी सूचना और शिकायत को दिया जा सकेगा.

उत्तराखंड में पहली बार एक ही नंबर पर मानव वन्य जीव संघर्ष, वनाग्नि और अवैध पातन जैसी किसी भी शिकायत या सूचना को दिया जा सकेगा. दरअसल वन विभाग ने 1926 नंबर को जंगलों की हर समस्या या सूचना के लिए जारी किया है. इसके बाद प्रदेश भर में आम लोग एक ही नंबर पर किसी भी तरह की शिकायत या सूचना को पहुंचा सकेंगे. अब तक राज्य में जंगलों की आग, मानव वन्यजीव संघर्ष या अवैध पातन जैसी स्थितियों के लिए अलग-अलग व्यवस्था बनाई गई थी. जिसके कारण कई बार लोगों में असमंजस की स्थिति भी बन जाती थी.

इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर से होगी जंगलों की निगहबानी (VIDEO- ETV Bharat)

सीएम धामी करेंगे उद्घाटन: इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर, उत्तराखंड वन विभाग के मुख्यालय में ही तैयार किया गया है. हालांकि अभी इसका इनॉग्रेशन होना बाकी है. वन विभाग ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस कमांड सेंटर का शुभारंभ करने का फैसला लिया है. वैसे यह कमांड सेंटर शुभारंभ से पहले ही काम करने लगा है और माना जा रहा है कि इससे आम लोगों को खासा फायदा होने जा रहा है.

आंकड़े भी होंगे उपलब्ध: उत्तराखंड वन विभाग इस इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर के जरिए जंगलों में हर तरह की गतिविधि पर नजर रख सकेगा. इसके अलावा वन विभाग को इसी कमांड सेंटर से मानव वन्य जीव संघर्ष से लेकर जंगलों की आग और अवैध पातन से जुड़े हर तरह के आंकड़े भी आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे. इस तरह देखा जाए तो राज्य में पहली बार स्थापित हुए हाईटेक कमांड सेंटर के चलते वन विभाग अपनी परफॉर्मेंस को और भी बेहतर कर पाएगा.

एक ही जगह होगा रिकॉर्ड और आंकड़े: अब तक मानव वन्य जीव संघर्ष या जंगलों की आग समेत अवैध पातन के लिए अलग-अलग कार्यालय काम कर रहे थे. जिसके कारण किसी एक जगह से इन सभी सूचनाओं को प्राप्त करना वन विभाग के अधिकारियों के लिए भी मुश्किल रहता था. ऐसे में अब इस तरह की स्थितियों में सुधार करते हुए एक ही जगह पर वन विभाग के हर रिकॉर्ड या आंकड़ों को भी जुटाया जा सकेगा. साथ ही इसके अध्ययन करते हुए इसके समाधान पर भी कदम उठाए जा सकेंगे.

ये भी पढ़ेंः जंगलों में लगी आग को बुझाने में आड़े आ रहे सांप! जानिए क्या है माजरा

ये भी पढ़ेंः फॉरेस्ट फायर बुझाने में मौसम विभाग बनेगा 'मददगार', वन विभाग जल्द साइन करेगा MOU

देहरादूनः उत्तराखंड वन विभाग में एक ही नंबर से हर समस्या का समाधान हो सकेगा. दरअसल महकमे ने राज्य में पहली बार हाईटेक इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर स्थापित किया है. जिसमें मानव वन्यजीव संघर्ष, वनाग्नि और अवैध पेड़ कटान समेत किसी भी तरह की जंगलों से जुड़ी सूचना और शिकायत को दिया जा सकेगा.

उत्तराखंड में पहली बार एक ही नंबर पर मानव वन्य जीव संघर्ष, वनाग्नि और अवैध पातन जैसी किसी भी शिकायत या सूचना को दिया जा सकेगा. दरअसल वन विभाग ने 1926 नंबर को जंगलों की हर समस्या या सूचना के लिए जारी किया है. इसके बाद प्रदेश भर में आम लोग एक ही नंबर पर किसी भी तरह की शिकायत या सूचना को पहुंचा सकेंगे. अब तक राज्य में जंगलों की आग, मानव वन्यजीव संघर्ष या अवैध पातन जैसी स्थितियों के लिए अलग-अलग व्यवस्था बनाई गई थी. जिसके कारण कई बार लोगों में असमंजस की स्थिति भी बन जाती थी.

इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर से होगी जंगलों की निगहबानी (VIDEO- ETV Bharat)

सीएम धामी करेंगे उद्घाटन: इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर, उत्तराखंड वन विभाग के मुख्यालय में ही तैयार किया गया है. हालांकि अभी इसका इनॉग्रेशन होना बाकी है. वन विभाग ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस कमांड सेंटर का शुभारंभ करने का फैसला लिया है. वैसे यह कमांड सेंटर शुभारंभ से पहले ही काम करने लगा है और माना जा रहा है कि इससे आम लोगों को खासा फायदा होने जा रहा है.

आंकड़े भी होंगे उपलब्ध: उत्तराखंड वन विभाग इस इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर के जरिए जंगलों में हर तरह की गतिविधि पर नजर रख सकेगा. इसके अलावा वन विभाग को इसी कमांड सेंटर से मानव वन्य जीव संघर्ष से लेकर जंगलों की आग और अवैध पातन से जुड़े हर तरह के आंकड़े भी आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे. इस तरह देखा जाए तो राज्य में पहली बार स्थापित हुए हाईटेक कमांड सेंटर के चलते वन विभाग अपनी परफॉर्मेंस को और भी बेहतर कर पाएगा.

एक ही जगह होगा रिकॉर्ड और आंकड़े: अब तक मानव वन्य जीव संघर्ष या जंगलों की आग समेत अवैध पातन के लिए अलग-अलग कार्यालय काम कर रहे थे. जिसके कारण किसी एक जगह से इन सभी सूचनाओं को प्राप्त करना वन विभाग के अधिकारियों के लिए भी मुश्किल रहता था. ऐसे में अब इस तरह की स्थितियों में सुधार करते हुए एक ही जगह पर वन विभाग के हर रिकॉर्ड या आंकड़ों को भी जुटाया जा सकेगा. साथ ही इसके अध्ययन करते हुए इसके समाधान पर भी कदम उठाए जा सकेंगे.

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Last Updated : Feb 16, 2025, 10:41 PM IST
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