जयपुर.कोरोना महामारी से बचाव के लिए देश भर में चल रहे लॉकडाउन ने मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का बडा संकट खडा कर दिया है. दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों की और भी अधिक हालत खराब है.
करौली जिले के भी एक हजार से ज्यादा संख्या में मजदूर चार राज्यों में फंसे हुए हैं, जिन्हें रोजी-रोटी के बडे संकट का सामना करना पड़ रहा है. इन मजदूरों को उचित और तत्काल संरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर प्रदेश के खाद्य, नागरिक एवं आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है.
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खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येडी युरप्पा, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानी स्वामी को अलग-अलग पत्र भेजकर करौली जिले के मजदूरों को उचित संरक्षण दिए जाने की मांग की है.
खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने उल्लेख किया है कि महाराष्ट्र के चन्द्रपुर, सांगली, पूणे, मुंबई, केरल के मल्लपुरम, पलक्काड, कासरगोड, तमिलनाडू के चेन्नई, कोयम्बटूर और कर्नाटक के कई शहरों में करौली जिले के मजदूर फंसे हुए हैं, जिनकी संख्या एक हजार से ज्यादा है.
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मीणा ने बताया कि बीते 21 दिनों के लॉकडाउन में मजदूरों को काफी परेशानियों का सामना करना पडा था और अब लॉक डाउन तीन मई तक बढा दिए जाने से मजदूरों की मुसीबत और अधिक बढ़ गई है.
खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों को मजदूरों के नाम पते और मोबाइल नंबर सूची के साथ भेजकर मांग की है कि दूसरे राज्यों में फंसे करौली जिले के मजदूरों को पर्याप्त खाद्य सामग्री, भोजन, ठहरने का उचित स्थान एवं संरक्षण दिया जाए. ताकि लॉक डाउन में मजदूरों को किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े.